Skip to content

सूरा मरियम - Page: 7

Maryam

(मरयम)

६१

جَنّٰتِ عَدْنِ ِۨالَّتِيْ وَعَدَ الرَّحْمٰنُ عِبَادَهٗ بِالْغَيْبِۗ اِنَّهٗ كَانَ وَعْدُهٗ مَأْتِيًّا ٦١

jannāti
جَنَّٰتِ
बाग़ात
ʿadnin
عَدْنٍ
हमेशगी के
allatī
ٱلَّتِى
वो जिनका
waʿada
وَعَدَ
वादा किया
l-raḥmānu
ٱلرَّحْمَٰنُ
रहमान ने
ʿibādahu
عِبَادَهُۥ
अपने बन्दों से
bil-ghaybi
بِٱلْغَيْبِۚ
ग़ायबाना
innahu
إِنَّهُۥ
बेशक वो
kāna
كَانَ
है
waʿduhu
وَعْدُهُۥ
वादा उसका
matiyyan
مَأْتِيًّا
आया हुआ
अदन (रहने) के बाग़ जिनका रहमान ने अपने बन्दों से परोक्ष में होते हुए वादा किया है। निश्चय ही उसके वादे पर उपस्थित हाना है। - ([१९] मरियम: 61)
Tafseer (तफ़सीर )
६२

لَا يَسْمَعُوْنَ فِيْهَا لَغْوًا اِلَّا سَلٰمًاۗ وَلَهُمْ رِزْقُهُمْ فِيْهَا بُكْرَةً وَّعَشِيًّا ٦٢

لَّا
ना वो सुनेंगे
yasmaʿūna
يَسْمَعُونَ
ना वो सुनेंगे
fīhā
فِيهَا
उसमें
laghwan
لَغْوًا
कोई लग़्व
illā
إِلَّا
सिवाय
salāman
سَلَٰمًاۖ
सलाम के
walahum
وَلَهُمْ
और उनके लिए
riz'quhum
رِزْقُهُمْ
उनका रिज़्क़ (होगा)
fīhā
فِيهَا
उसमें
buk'ratan
بُكْرَةً
सुबह
waʿashiyyan
وَعَشِيًّا
और शाम
वहाँ वे 'सलाम' के सिवा कोई व्यर्थ बात नहीं सुनेंगे। उनकी रोज़ी उन्हें वहाँ प्रातः और सन्ध्या समय प्राप्त होती रहेगी ([१९] मरियम: 62)
Tafseer (तफ़सीर )
६३

تِلْكَ الْجَنَّةُ الَّتِيْ نُوْرِثُ مِنْ عِبَادِنَا مَنْ كَانَ تَقِيًّا ٦٣

til'ka
تِلْكَ
ये है
l-janatu
ٱلْجَنَّةُ
जन्नत
allatī
ٱلَّتِى
जिसका
nūrithu
نُورِثُ
हम वारिस बनाऐंगे
min
مِنْ
अपने बन्दों में से
ʿibādinā
عِبَادِنَا
अपने बन्दों में से
man
مَن
उसे जो
kāna
كَانَ
होगा
taqiyyan
تَقِيًّا
मुत्तक़ी/डरने वाला
यह है वह जन्नत जिसका वारिस हम अपने बन्दों में से हर उस व्यक्ति को बनाएँगे, जो डर रखनेवाला हो ([१९] मरियम: 63)
Tafseer (तफ़सीर )
६४

وَمَا نَتَنَزَّلُ اِلَّا بِاَمْرِ رَبِّكَۚ لَهٗ مَا بَيْنَ اَيْدِيْنَا وَمَا خَلْفَنَا وَمَا بَيْنَ ذٰلِكَ وَمَا كَانَ رَبُّكَ نَسِيًّا ۚ ٦٤

wamā
وَمَا
और नहीं
natanazzalu
نَتَنَزَّلُ
हम उतरा करते
illā
إِلَّا
मगर
bi-amri
بِأَمْرِ
हुक्म से
rabbika
رَبِّكَۖ
आपके रब के
lahu
لَهُۥ
उसी के लिए है
مَا
जो
bayna
بَيْنَ
हमारे आगे है
aydīnā
أَيْدِينَا
हमारे आगे है
wamā
وَمَا
और जो
khalfanā
خَلْفَنَا
हमारे पीछे है
wamā
وَمَا
और जो
bayna
بَيْنَ
दर्मियान है उसके
dhālika
ذَٰلِكَۚ
दर्मियान है उसके
wamā
وَمَا
और नहीं
kāna
كَانَ
है
rabbuka
رَبُّكَ
रब आपका
nasiyyan
نَسِيًّا
भूलने वाला
हम तुम्हारे रब की आज्ञा के बिना नहीं उतरते। जो कुछ हमारे आगे है और जो कुछ हमारे पीछे है और जो कुछ इसके मध्य है सब उसी का है, और तुम्हारा रब भूलनेवाला नहीं है ([१९] मरियम: 64)
Tafseer (तफ़सीर )
६५

رَبُّ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ وَمَا بَيْنَهُمَا فَاعْبُدْهُ وَاصْطَبِرْ لِعِبَادَتِهٖۗ هَلْ تَعْلَمُ لَهٗ سَمِيًّا ࣖ ٦٥

rabbu
رَّبُّ
रब है
l-samāwāti
ٱلسَّمَٰوَٰتِ
आसमानों
wal-arḍi
وَٱلْأَرْضِ
और ज़मीन का
wamā
وَمَا
और उसका जो
baynahumā
بَيْنَهُمَا
दर्मियान है उन दोनों के
fa-uʿ'bud'hu
فَٱعْبُدْهُ
पस इबादत करो उसकी
wa-iṣ'ṭabir
وَٱصْطَبِرْ
और जमे रहो/क़ायम रहो
liʿibādatihi
لِعِبَٰدَتِهِۦۚ
उसकी इबादत पर
hal
هَلْ
क्या
taʿlamu
تَعْلَمُ
तुम जानते हो
lahu
لَهُۥ
उसका
samiyyan
سَمِيًّا
कोई हमनाम
आकाशों और धरती का रब है और उसका भी जो इन दोनों के मध्य है। अतः तुम उसी की बन्दगी पर जमे रहो। क्या तुम्हारे ज्ञान में उस जैसा कोई है? ([१९] मरियम: 65)
Tafseer (तफ़सीर )
६६

وَيَقُوْلُ الْاِنْسَانُ ءَاِذَا مَا مِتُّ لَسَوْفَ اُخْرَجُ حَيًّا ٦٦

wayaqūlu
وَيَقُولُ
और कहता है
l-insānu
ٱلْإِنسَٰنُ
इन्सान
a-idhā
أَءِذَا
क्या जब
مَا
क्या जब
mittu
مِتُّ
मर जाऊँगा मैं
lasawfa
لَسَوْفَ
अलबत्ता अनक़रीब
ukh'raju
أُخْرَجُ
मैं निकाला जाऊँगा
ḥayyan
حَيًّا
ज़िन्दा करके
और मनुष्य कहता है, 'क्या जब मैं मर गया तो फिर जीवित करके निकाला जाऊँगा?' ([१९] मरियम: 66)
Tafseer (तफ़सीर )
६७

اَوَلَا يَذْكُرُ الْاِنْسَانُ اَنَّا خَلَقْنٰهُ مِنْ قَبْلُ وَلَمْ يَكُ شَيْـًٔا ٦٧

awalā
أَوَلَا
क्या भला नहीं
yadhkuru
يَذْكُرُ
याद करता
l-insānu
ٱلْإِنسَٰنُ
इन्सान
annā
أَنَّا
कि बेशक हम
khalaqnāhu
خَلَقْنَٰهُ
पैदा किया हमने उसे
min
مِن
इससे क़ब्ल
qablu
قَبْلُ
इससे क़ब्ल
walam
وَلَمْ
और ना
yaku
يَكُ
था वो
shayan
شَيْـًٔا
कोई चीज़
क्या मनुष्य याद नहीं करता कि हम उसे इससे पहले पैदा कर चुके है, जबकि वह कुछ भी न था? ([१९] मरियम: 67)
Tafseer (तफ़सीर )
६८

فَوَرَبِّكَ لَنَحْشُرَنَّهُمْ وَالشَّيٰطِيْنَ ثُمَّ لَنُحْضِرَنَّهُمْ حَوْلَ جَهَنَّمَ جِثِيًّا ٦٨

fawarabbika
فَوَرَبِّكَ
पस क़सम है आपके रब की
lanaḥshurannahum
لَنَحْشُرَنَّهُمْ
अलबत्ता हम ज़रूर जमा करेंगे उन्हें
wal-shayāṭīna
وَٱلشَّيَٰطِينَ
और शैतानों को
thumma
ثُمَّ
फिर
lanuḥ'ḍirannahum
لَنُحْضِرَنَّهُمْ
अलबत्ता हम ज़रूर हाज़िर करेंगे उन्हें
ḥawla
حَوْلَ
इर्द-गिर्द
jahannama
جَهَنَّمَ
जहन्नम के
jithiyyan
جِثِيًّا
घुटनों के बल गिरे हुए
अतः तुम्हारे रब की क़सम! हम अवश्य उन्हें और शैतानों को भी इकट्ठा करेंगे। फिर हम उन्हें जहन्नम के चतुर्दिक इस दशा में ला उपस्थित करेंगे कि वे घुटनों के बल झुके होंगे ([१९] मरियम: 68)
Tafseer (तफ़सीर )
६९

ثُمَّ لَنَنْزِعَنَّ مِنْ كُلِّ شِيْعَةٍ اَيُّهُمْ اَشَدُّ عَلَى الرَّحْمٰنِ عِتِيًّا ۚ ٦٩

thumma
ثُمَّ
फिर
lananziʿanna
لَنَنزِعَنَّ
अलबत्ता हम ज़रूर खींच लेंगे
min
مِن
हर गिरोह में से
kulli
كُلِّ
हर गिरोह में से
shīʿatin
شِيعَةٍ
हर गिरोह में से
ayyuhum
أَيُّهُمْ
जो भी उनमें से
ashaddu
أَشَدُّ
ज़्यादा सख़्त था
ʿalā
عَلَى
रहमान के (मुक़ाबले) पर
l-raḥmāni
ٱلرَّحْمَٰنِ
रहमान के (मुक़ाबले) पर
ʿitiyyan
عِتِيًّا
सरकशी में
फिर प्रत्येक गिरोह में से हम अवश्य ही उसे छाँटकर अलग करेंगे जो उनमें से रहमान (कृपाशील प्रभु) के मुक़ाबले में सबसे बढ़कर सरकश रहा होगा ([१९] मरियम: 69)
Tafseer (तफ़सीर )
७०

ثُمَّ لَنَحْنُ اَعْلَمُ بِالَّذِيْنَ هُمْ اَوْ لٰى بِهَا صِلِيًّا ٧٠

thumma
ثُمَّ
फिर
lanaḥnu
لَنَحْنُ
अलबत्ता हम
aʿlamu
أَعْلَمُ
ज़्यादा जानने वाले हैं
bi-alladhīna
بِٱلَّذِينَ
उनको जो
hum
هُمْ
वो
awlā
أَوْلَىٰ
ज़्यादा मुस्तहिक़ हैं
bihā
بِهَا
उसमें
ṣiliyyan
صِلِيًّا
झोंके जाने के
फिर हम उन्हें भली-भाँति जानते है जो उसमें झोंके जाने के सर्वाधिक योग्य है ([१९] मरियम: 70)
Tafseer (तफ़सीर )