وَاذْكُرْ فِى الْكِتٰبِ مُوْسٰٓىۖ اِنَّهٗ كَانَ مُخْلَصًا وَّكَانَ رَسُوْلًا نَّبِيًّا ٥١
- wa-udh'kur
- وَٱذْكُرْ
- और ज़िक्र कीजिए
- fī
- فِى
- किताब में
- l-kitābi
- ٱلْكِتَٰبِ
- किताब में
- mūsā
- مُوسَىٰٓۚ
- मूसा का
- innahu
- إِنَّهُۥ
- बेशक वो
- kāna
- كَانَ
- था वो
- mukh'laṣan
- مُخْلَصًا
- ख़ालिस किया हुआ/चुना हुआ
- wakāna
- وَكَانَ
- और था वो
- rasūlan
- رَسُولًا
- एक रसूल
- nabiyyan
- نَّبِيًّا
- नबी
और इस किताब में मूसा की चर्चा करो। निस्संदेह वह चुना हुआ था और एक रसूल, नबी था ([१९] मरियम: 51)Tafseer (तफ़सीर )
وَنَادَيْنٰهُ مِنْ جَانِبِ الطُّوْرِ الْاَيْمَنِ وَقَرَّبْنٰهُ نَجِيًّا ٥٢
- wanādaynāhu
- وَنَٰدَيْنَٰهُ
- और पुकारा हमने उसे
- min
- مِن
- जानिब से
- jānibi
- جَانِبِ
- जानिब से
- l-ṭūri
- ٱلطُّورِ
- तूर की
- l-aymani
- ٱلْأَيْمَنِ
- दाऐं
- waqarrabnāhu
- وَقَرَّبْنَٰهُ
- और क़रीब कर लिया हमने उसे
- najiyyan
- نَجِيًّا
- सरगोशी के लिए
हमने उसे 'तूर' के मुबारक छोर से पुकारा और रहस्य की बातें करने के लिए हमने उसे समीप किया ([१९] मरियम: 52)Tafseer (तफ़सीर )
وَوَهَبْنَا لَهٗ مِنْ رَّحْمَتِنَآ اَخَاهُ هٰرُوْنَ نَبِيًّا ٥٣
- wawahabnā
- وَوَهَبْنَا
- और अता किया हमने
- lahu
- لَهُۥ
- उसे
- min
- مِن
- अपनी रहमत से
- raḥmatinā
- رَّحْمَتِنَآ
- अपनी रहमत से
- akhāhu
- أَخَاهُ
- उसका भाई
- hārūna
- هَٰرُونَ
- हारून
- nabiyyan
- نَبِيًّا
- नबी बनाकर
और अपनी दयालुता से अपने भाई हारून को नबी बनाकर उसे दिया ([१९] मरियम: 53)Tafseer (तफ़सीर )
وَاذْكُرْ فِى الْكِتٰبِ اِسْمٰعِيْلَ ۖاِنَّهٗ كَانَ صَادِقَ الْوَعْدِ وَكَانَ رَسُوْلًا نَّبِيًّا ۚ ٥٤
- wa-udh'kur
- وَٱذْكُرْ
- और ज़िक्र कीजिए
- fī
- فِى
- किताब में
- l-kitābi
- ٱلْكِتَٰبِ
- किताब में
- is'māʿīla
- إِسْمَٰعِيلَۚ
- इस्माईल का
- innahu
- إِنَّهُۥ
- बेशक वो
- kāna
- كَانَ
- था वो
- ṣādiqa
- صَادِقَ
- सच्चा
- l-waʿdi
- ٱلْوَعْدِ
- वादे का
- wakāna
- وَكَانَ
- और था वो
- rasūlan
- رَسُولًا
- एक रसूल
- nabiyyan
- نَّبِيًّا
- नबी
और इस किताब में इसमाईल की चर्चा करो। निस्संदेह वह वादे का सच्च, नबी था ([१९] मरियम: 54)Tafseer (तफ़सीर )
وَكَانَ يَأْمُرُ اَهْلَهٗ بِالصَّلٰوةِ وَالزَّكٰوةِۖ وَكَانَ عِنْدَ رَبِّهٖ مَرْضِيًّا ٥٥
- wakāna
- وَكَانَ
- और था वो
- yamuru
- يَأْمُرُ
- वो हुक्म देता
- ahlahu
- أَهْلَهُۥ
- अपने घर वालों को
- bil-ṣalati
- بِٱلصَّلَوٰةِ
- नमाज़ का
- wal-zakati
- وَٱلزَّكَوٰةِ
- और ज़कात का
- wakāna
- وَكَانَ
- और था वो
- ʿinda
- عِندَ
- अपने रब का यहाँ
- rabbihi
- رَبِّهِۦ
- अपने रब का यहाँ
- marḍiyyan
- مَرْضِيًّا
- पसंदीदा
और अपने लोगों को नमाज़ और ज़कात का हुक्म देता था। और वह अपने रब के यहाँ प्रीतिकर व्यक्ति था ([१९] मरियम: 55)Tafseer (तफ़सीर )
وَاذْكُرْ فِى الْكِتٰبِ اِدْرِيْسَۖ اِنَّهٗ كَانَ صِدِّيْقًا نَّبِيًّا ۙ ٥٦
- wa-udh'kur
- وَٱذْكُرْ
- और ज़िक्र कीजिए
- fī
- فِى
- किताब में
- l-kitābi
- ٱلْكِتَٰبِ
- किताब में
- id'rīsa
- إِدْرِيسَۚ
- इदरीस का
- innahu
- إِنَّهُۥ
- बेशक वो
- kāna
- كَانَ
- था वो
- ṣiddīqan
- صِدِّيقًا
- सिद्दीक़/निहायत सच्चा
- nabiyyan
- نَّبِيًّا
- नबी
और इस किताब में इदरीस की भी चर्चा करो। वह अत्यन्त सत्यवान, एक नबी था ([१९] मरियम: 56)Tafseer (तफ़सीर )
وَّرَفَعْنٰهُ مَكَانًا عَلِيًّا ٥٧
- warafaʿnāhu
- وَرَفَعْنَٰهُ
- और बुलन्द किया हमने उसे
- makānan
- مَكَانًا
- मक़ाम
- ʿaliyyan
- عَلِيًّا
- बुलन्द पर
हमने उसे उच्च स्थान पर उठाया था ([१९] मरियम: 57)Tafseer (तफ़सीर )
اُولٰۤىِٕكَ الَّذِيْنَ اَنْعَمَ اللّٰهُ عَلَيْهِمْ مِّنَ النَّبِيّٖنَ مِنْ ذُرِّيَّةِ اٰدَمَ وَمِمَّنْ حَمَلْنَا مَعَ نُوْحٍۖ وَّمِنْ ذُرِّيَّةِ اِبْرٰهِيْمَ وَاِسْرَاۤءِيْلَ ۖوَمِمَّنْ هَدَيْنَا وَاجْتَبَيْنَاۗ اِذَا تُتْلٰى عَلَيْهِمْ اٰيٰتُ الرَّحْمٰنِ خَرُّوْا سُجَّدًا وَّبُكِيًّا ۩ ٥٨
- ulāika
- أُو۟لَٰٓئِكَ
- यही लोग हैं
- alladhīna
- ٱلَّذِينَ
- जो
- anʿama
- أَنْعَمَ
- इनाम किया
- l-lahu
- ٱللَّهُ
- अल्लाह ने
- ʿalayhim
- عَلَيْهِم
- उन पर
- mina
- مِّنَ
- नबियों में से
- l-nabiyīna
- ٱلنَّبِيِّۦنَ
- नबियों में से
- min
- مِن
- औलाद में से
- dhurriyyati
- ذُرِّيَّةِ
- औलाद में से
- ādama
- ءَادَمَ
- आदम की
- wamimman
- وَمِمَّنْ
- और उनमें से जिन्हें
- ḥamalnā
- حَمَلْنَا
- सवार किया हमने
- maʿa
- مَعَ
- साथ नूह के
- nūḥin
- نُوحٍ
- साथ नूह के
- wamin
- وَمِن
- और औलाद में से
- dhurriyyati
- ذُرِّيَّةِ
- और औलाद में से
- ib'rāhīma
- إِبْرَٰهِيمَ
- इब्राहीम
- wa-is'rāīla
- وَإِسْرَٰٓءِيلَ
- और इस्राईल (याक़ूब) की
- wamimman
- وَمِمَّنْ
- और उनमें से जिन्हें
- hadaynā
- هَدَيْنَا
- हिदायत दी हमने
- wa-ij'tabaynā
- وَٱجْتَبَيْنَآۚ
- और चुन लिया हमने
- idhā
- إِذَا
- जब
- tut'lā
- تُتْلَىٰ
- पढ़ी जाती थीं
- ʿalayhim
- عَلَيْهِمْ
- उन पर
- āyātu
- ءَايَٰتُ
- आयात
- l-raḥmāni
- ٱلرَّحْمَٰنِ
- रहमान की
- kharrū
- خَرُّوا۟
- वो गिर पड़ते थे
- sujjadan
- سُجَّدًا
- सजदा करते हुए
- wabukiyyan
- وَبُكِيًّا۩
- और रोते हुए
ये वे पैग़म्बर है जो अल्लाह के कृपापात्र हुए, आदम की सन्तान में से और उन लोगों के वंशज में से जिनको हमने नूह के साथ सवार किया, और इबराहीम और इसराईल के वंशज में से और उनमें से जिनको हमने सीधा मार्ग दिखाया और चुन लिया। जब उन्हें रहमान की आयतें सुनाई जातीं तो वे सजदा करते और रोते हुए गिर पड़ते थे ([१९] मरियम: 58)Tafseer (तफ़सीर )
۞ فَخَلَفَ مِنْۢ بَعْدِهِمْ خَلْفٌ اَضَاعُوا الصَّلٰوةَ وَاتَّبَعُوا الشَّهَوٰتِ فَسَوْفَ يَلْقَوْنَ غَيًّا ۙ ٥٩
- fakhalafa
- فَخَلَفَ
- तो पीछे आए
- min
- مِنۢ
- बाद उनके
- baʿdihim
- بَعْدِهِمْ
- बाद उनके
- khalfun
- خَلْفٌ
- बुरे जानशीन
- aḍāʿū
- أَضَاعُوا۟
- जिन्होंने ज़ाया कर दी
- l-ṣalata
- ٱلصَّلَوٰةَ
- नमाज़
- wa-ittabaʿū
- وَٱتَّبَعُوا۟
- और उन्होंने पैरवी की
- l-shahawāti
- ٱلشَّهَوَٰتِۖ
- ख़्वाहिशात की
- fasawfa
- فَسَوْفَ
- तो अनक़रीब
- yalqawna
- يَلْقَوْنَ
- वो जा मिलेंगे
- ghayyan
- غَيًّا
- गुमराही/हलाकत को
फिर उनके पश्चात ऐसे बुरे लोग उनके उत्तराधिकारी हुए, जिन्होंने नमाज़ को गँवाया और मन की इच्छाओं के पीछे पड़े। अतः जल्द ही वे गुमराही (के परिणाम) से दोचार होंगा ([१९] मरियम: 59)Tafseer (तफ़सीर )
اِلَّا مَنْ تَابَ وَاٰمَنَ وَعَمِلَ صَالِحًا فَاُولٰۤىِٕكَ يَدْخُلُوْنَ الْجَنَّةَ وَلَا يُظْلَمُوْنَ شَيْـًٔا ۙ ٦٠
- illā
- إِلَّا
- सिवाय
- man
- مَن
- उसके जो
- tāba
- تَابَ
- तौबा करे
- waāmana
- وَءَامَنَ
- और वो ईमान ले आए
- waʿamila
- وَعَمِلَ
- और वो अमल करे
- ṣāliḥan
- صَٰلِحًا
- नेक
- fa-ulāika
- فَأُو۟لَٰٓئِكَ
- तो यही लोग हैं
- yadkhulūna
- يَدْخُلُونَ
- वो दाख़िल होंगे
- l-janata
- ٱلْجَنَّةَ
- जन्नत में
- walā
- وَلَا
- और ना
- yuẓ'lamūna
- يُظْلَمُونَ
- वो ज़ुल्म किए जाऐंगे
- shayan
- شَيْـًٔا
- कुछ भी
किन्तु जो तौबा करे और ईमान लाए और अच्छा कर्म करे, तो ऐसे लोग जन्नत में प्रवेश करेंगे। उनपर कुछ भी ज़ुल्म न होगा। - ([१९] मरियम: 60)Tafseer (तफ़सीर )