Skip to content

सूरा अल इस्रा - Page: 8

Al-Isra

(इस्रा और मेराज, The Night Journey, The Children of Israel)

७१

يَوْمَ نَدْعُوْا كُلَّ اُنَاسٍۢ بِاِمَامِهِمْۚ فَمَنْ اُوْتِيَ كِتٰبَهٗ بِيَمِيْنِهٖ فَاُولٰۤىِٕكَ يَقْرَءُوْنَ كِتٰبَهُمْ وَلَا يُظْلَمُوْنَ فَتِيْلًا ٧١

yawma
يَوْمَ
जिस दिन
nadʿū
نَدْعُوا۟
हम बुलाऐंगे
kulla
كُلَّ
सब
unāsin
أُنَاسٍۭ
लोगों को
bi-imāmihim
بِإِمَٰمِهِمْۖ
साथ उनके इमाम के
faman
فَمَنْ
तो जो कोई
ūtiya
أُوتِىَ
दिया गया
kitābahu
كِتَٰبَهُۥ
किताब अपनी
biyamīnihi
بِيَمِينِهِۦ
अपने दाऐं हाथ में
fa-ulāika
فَأُو۟لَٰٓئِكَ
तो यही लोग हैं
yaqraūna
يَقْرَءُونَ
जो पढ़ेंगे
kitābahum
كِتَٰبَهُمْ
किताब अपनी
walā
وَلَا
और ना
yuẓ'lamūna
يُظْلَمُونَ
वो ज़ुल्म किए जाऐंगे
fatīlan
فَتِيلًا
धागे बराबर
(उस दिन से डरो) जिस दिन हम मानव के प्रत्येक गिरोह को उसके अपने नायक के साथ बुलाएँगे। फिर जिसे उसका कर्मपत्र उसके दाहिने हाथ में दिया गया, तो ऐसे लोग अपना कर्मपत्र पढ़ेंगे और उनके साथ तनिक भी अन्याय न होगा ([१७] अल इस्रा: 71)
Tafseer (तफ़सीर )
७२

وَمَنْ كَانَ فِيْ هٰذِهٖٓ اَعْمٰى فَهُوَ فِى الْاٰخِرَةِ اَعْمٰى وَاَضَلُّ سَبِيْلًا ٧٢

waman
وَمَن
और जो कोई
kāna
كَانَ
है
فِى
इस (दुनिया) में
hādhihi
هَٰذِهِۦٓ
इस (दुनिया) में
aʿmā
أَعْمَىٰ
अँधा
fahuwa
فَهُوَ
तो वो
فِى
आख़िरत में
l-ākhirati
ٱلْءَاخِرَةِ
आख़िरत में
aʿmā
أَعْمَىٰ
अँधा (होगा)
wa-aḍallu
وَأَضَلُّ
और सब से ज़्यादा भटका हुआ
sabīlan
سَبِيلًا
रास्ते से
और जो यहाँ अंधा होकर रहा वह आख़िरत में भी अंधा ही रहेगा, बल्कि वह मार्ग से और भी अधिक दूर पड़ा होगा ([१७] अल इस्रा: 72)
Tafseer (तफ़सीर )
७३

وَاِنْ كَادُوْا لَيَفْتِنُوْنَكَ عَنِ الَّذِيْٓ اَوْحَيْنَآ اِلَيْكَ لِتَفْتَرِيَ عَلَيْنَا غَيْرَهٗۖ وَاِذًا لَّاتَّخَذُوْكَ خَلِيْلًا ٧٣

wa-in
وَإِن
और बेशक
kādū
كَادُوا۟
वो क़रीब थे कि
layaftinūnaka
لَيَفْتِنُونَكَ
अलबत्ता वो फ़ितने में डालें आपको
ʿani
عَنِ
उससे जो
alladhī
ٱلَّذِىٓ
उससे जो
awḥaynā
أَوْحَيْنَآ
वही की हमने
ilayka
إِلَيْكَ
तरफ़ आपके
litaftariya
لِتَفْتَرِىَ
ताकि आप गढ़ लाऐं
ʿalaynā
عَلَيْنَا
हम पर
ghayrahu
غَيْرَهُۥۖ
सिवाय उस (वही) के
wa-idhan
وَإِذًا
और तब
la-ittakhadhūka
لَّٱتَّخَذُوكَ
ज़रूर वो बना लेते आपको
khalīlan
خَلِيلًا
दिली दोस्त
और वे लगते थे कि तुम्हें फ़िले में डालकर उस चीज़ से हटा देने को है जिसकी प्रकाशना हमने तुम्हारी ओर की है, ताकि तुम उससे भिन्न चीज़ घड़कर हमपर थोपो, और तब वे तुम्हें अपना घनिष्ठ मित्र बना लेते ([१७] अल इस्रा: 73)
Tafseer (तफ़सीर )
७४

وَلَوْلَآ اَنْ ثَبَّتْنٰكَ لَقَدْ كِدْتَّ تَرْكَنُ اِلَيْهِمْ شَيْـًٔا قَلِيْلًا ۙ ٧٤

walawlā
وَلَوْلَآ
और अगर ना होता
an
أَن
ये कि
thabbatnāka
ثَبَّتْنَٰكَ
हम साबित क़दम रखते आपको
laqad
لَقَدْ
अलबत्ता तहक़ीक़
kidtta
كِدتَّ
क़रीब थे आप
tarkanu
تَرْكَنُ
कि आप झुक जाते
ilayhim
إِلَيْهِمْ
तरफ़ उनके
shayan
شَيْـًٔا
कुछ
qalīlan
قَلِيلًا
थोड़ा सा
यदि हम तुम्हें जमाव प्रदान न करते तो तुम उनकी ओर थोड़ा झुकने के निकट जा पहुँचते ([१७] अल इस्रा: 74)
Tafseer (तफ़सीर )
७५

اِذًا لَّاَذَقْنٰكَ ضِعْفَ الْحَيٰوةِ وَضِعْفَ الْمَمَاتِ ثُمَّ لَا تَجِدُ لَكَ عَلَيْنَا نَصِيْرًا ٧٥

idhan
إِذًا
तब
la-adhaqnāka
لَّأَذَقْنَٰكَ
अलबत्ता चखाते हम आपको
ḍiʿ'fa
ضِعْفَ
दोगुना (अज़ाब)
l-ḥayati
ٱلْحَيَوٰةِ
ज़िन्दगी का
waḍiʿ'fa
وَضِعْفَ
और दोहरा
l-mamāti
ٱلْمَمَاتِ
मौत का
thumma
ثُمَّ
फिर
لَا
ना आप पाते
tajidu
تَجِدُ
ना आप पाते
laka
لَكَ
अपने लिए
ʿalaynā
عَلَيْنَا
हमारे ख़िलाफ़
naṣīran
نَصِيرًا
कोई मददगार
उस समय हम तुम्हें जीवन में भी दोहरा मज़ा चखाते और मृत्यु के पश्चात भी दोहरा मज़ा चखाते। फिर तुम हमारे मुक़ाबले में अपना कोई सहायक न पाते ([१७] अल इस्रा: 75)
Tafseer (तफ़सीर )
७६

وَاِنْ كَادُوْا لَيَسْتَفِزُّوْنَكَ مِنَ الْاَرْضِ لِيُخْرِجُوْكَ مِنْهَا وَاِذًا لَّا يَلْبَثُوْنَ خِلٰفَكَ اِلَّا قَلِيْلًا ٧٦

wa-in
وَإِن
और बेशक
kādū
كَادُوا۟
वो क़रीब थे कि
layastafizzūnaka
لَيَسْتَفِزُّونَكَ
अलबत्ता वो क़दम उखाड़ दें आपके
mina
مِنَ
ज़मीन से
l-arḍi
ٱلْأَرْضِ
ज़मीन से
liyukh'rijūka
لِيُخْرِجُوكَ
ताकि वो निकाल दें आपको
min'hā
مِنْهَاۖ
उससे
wa-idhan
وَإِذًا
और तब
لَّا
ना वो ठहरते
yalbathūna
يَلْبَثُونَ
ना वो ठहरते
khilāfaka
خِلَٰفَكَ
बाद आपके
illā
إِلَّا
मगर
qalīlan
قَلِيلًا
थोड़ा सा
और निश्चय ही उन्होंने चाल चली कि इस भूभाग से तुम्हारे क़दम उखाड़ दें, ताकि तुम्हें यहाँ से निकालकर ही रहे। और ऐसा हुआ तो तुम्हारे पीछे ये भी रह थोड़े ही पाएँगे ([१७] अल इस्रा: 76)
Tafseer (तफ़सीर )
७७

سُنَّةَ مَنْ قَدْ اَرْسَلْنَا قَبْلَكَ مِنْ رُّسُلِنَا وَلَا تَجِدُ لِسُنَّتِنَا تَحْوِيْلًا ࣖ ٧٧

sunnata
سُنَّةَ
तरीक़ा
man
مَن
उनका जिन्हें
qad
قَدْ
तहक़ीक़
arsalnā
أَرْسَلْنَا
भेजा हमने
qablaka
قَبْلَكَ
आपसे पहले
min
مِن
अपने रसूलों में से
rusulinā
رُّسُلِنَاۖ
अपने रसूलों में से
walā
وَلَا
और ना
tajidu
تَجِدُ
आप पाऐंगे
lisunnatinā
لِسُنَّتِنَا
हमारे तरीक़े में
taḥwīlan
تَحْوِيلًا
कोई तब्दीली
यही कार्य-प्रणाली हमारे उन रसूलों के विषय में भी रही है, जिन्हें हमने तुमसे पहले भेजा था और तुम हमारी कार्य-प्रणाली में कोई अन्तर न पाओगे ([१७] अल इस्रा: 77)
Tafseer (तफ़सीर )
७८

اَقِمِ الصَّلٰوةَ لِدُلُوْكِ الشَّمْسِ اِلٰى غَسَقِ الَّيْلِ وَقُرْاٰنَ الْفَجْرِۗ اِنَّ قُرْاٰنَ الْفَجْرِ كَانَ مَشْهُوْدًا ٧٨

aqimi
أَقِمِ
क़ायम कीजिए
l-ṣalata
ٱلصَّلَوٰةَ
नमाज़
lidulūki
لِدُلُوكِ
ढलने के वक़्त से
l-shamsi
ٱلشَّمْسِ
सूरज के
ilā
إِلَىٰ
अँधेरे तक
ghasaqi
غَسَقِ
अँधेरे तक
al-layli
ٱلَّيْلِ
रात के
waqur'āna
وَقُرْءَانَ
और क़ुरआन
l-fajri
ٱلْفَجْرِۖ
फ़ज्र का
inna
إِنَّ
बेशक
qur'āna
قُرْءَانَ
क़ुरआन
l-fajri
ٱلْفَجْرِ
फ़ज्र का
kāna
كَانَ
है
mashhūdan
مَشْهُودًا
हाज़िर किया गया
नमाज़ क़ायम करो सूर्य के ढलने से लेकर रात के छा जाने तक और फ़ज्र (प्रभात) के क़ुरआन (अर्थात फ़ज्र की नमाज़ः के पाबन्द रहो। निश्चय ही फ़ज्र का क़ुरआन पढ़ना हुज़ूरी की चीज़ है ([१७] अल इस्रा: 78)
Tafseer (तफ़सीर )
७९

وَمِنَ الَّيْلِ فَتَهَجَّدْ بِهٖ نَافِلَةً لَّكَۖ عَسٰٓى اَنْ يَّبْعَثَكَ رَبُّكَ مَقَامًا مَّحْمُوْدًا ٧٩

wamina
وَمِنَ
और कुछ हिस्सा रात का
al-layli
ٱلَّيْلِ
और कुछ हिस्सा रात का
fatahajjad
فَتَهَجَّدْ
पस तहाज्जुद पढ़ा कीजिए
bihi
بِهِۦ
साथ इस (क़ुरआन) के
nāfilatan
نَافِلَةً
नफ़िल/ज़ायद हैं
laka
لَّكَ
आपके लिए
ʿasā
عَسَىٰٓ
उम्मीद है
an
أَن
कि
yabʿathaka
يَبْعَثَكَ
खड़ा कर दे आपको
rabbuka
رَبُّكَ
रब आपका
maqāman
مَقَامًا
मक़ामे
maḥmūdan
مَّحْمُودًا
महमूद पर
और रात के कुछ हिस्से में उस (क़ुरआन) के द्वारा जागरण किया करो, यह तुम्हारे लिए तद्अधिक (नफ़्ल) है। आशा है कि तुम्हारा रब तुम्हें उठाए ऐसा उठाना जो प्रशंसित हो ([१७] अल इस्रा: 79)
Tafseer (तफ़सीर )
८०

وَقُلْ رَّبِّ اَدْخِلْنِيْ مُدْخَلَ صِدْقٍ وَّاَخْرِجْنِيْ مُخْرَجَ صِدْقٍ وَّاجْعَلْ لِّيْ مِنْ لَّدُنْكَ سُلْطٰنًا نَّصِيْرًا ٨٠

waqul
وَقُل
और आप कह दीजिए
rabbi
رَّبِّ
ऐ मेरे रब
adkhil'nī
أَدْخِلْنِى
दाख़िल कर मुझे
mud'khala
مُدْخَلَ
दाख़िल करना
ṣid'qin
صِدْقٍ
सच्चा
wa-akhrij'nī
وَأَخْرِجْنِى
और निकाल मुझे
mukh'raja
مُخْرَجَ
निकालना
ṣid'qin
صِدْقٍ
सच्चा
wa-ij'ʿal
وَٱجْعَل
और बना दे
لِّى
मेरे लिए
min
مِن
अपने पास से
ladunka
لَّدُنكَ
अपने पास से
sul'ṭānan
سُلْطَٰنًا
क़ुव्वत
naṣīran
نَّصِيرًا
मददगार
और कहो, 'मेरे रब! तू मुझे ख़ूबी के साथ दाख़िल कर और ख़ूबी के साथ निकाल, और अपनी ओर से मुझे सहायक शक्ति प्रदान कर।' ([१७] अल इस्रा: 80)
Tafseer (तफ़सीर )