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सूरा अल इस्रा - Page: 7

Al-Isra

(इस्रा और मेराज, The Night Journey, The Children of Israel)

६१

وَاِذْ قُلْنَا لِلْمَلٰۤىِٕكَةِ اسْجُدُوْا لِاٰدَمَ فَسَجَدُوْٓا اِلَّآ اِبْلِيْسَۗ قَالَ ءَاَسْجُدُ لِمَنْ خَلَقْتَ طِيْنًاۚ ٦١

wa-idh
وَإِذْ
और जब
qul'nā
قُلْنَا
कहा हमने
lil'malāikati
لِلْمَلَٰٓئِكَةِ
फ़रिश्तों से
us'judū
ٱسْجُدُوا۟
सजदा करो
liādama
لِءَادَمَ
आदम को
fasajadū
فَسَجَدُوٓا۟
तो उन्होंने सजदा किया
illā
إِلَّآ
सिवाय
ib'līsa
إِبْلِيسَ
इब्लीस के
qāla
قَالَ
उसने कहा
a-asjudu
ءَأَسْجُدُ
क्या मैं सजदा करुँ
liman
لِمَنْ
उसको जिसे
khalaqta
خَلَقْتَ
पैदा किया तूने
ṭīnan
طِينًا
मिट्टी से
याद करो जब हमने फ़रिश्तों से कहा, 'आदम को सजदा करो तो इबलीस को छोड़कर सबने सजदा किया।' उसने कहा, 'क्या मैं उसे सजदा करूँ, जिसे तूने मिट्टी से बनाया है?' ([१७] अल इस्रा: 61)
Tafseer (तफ़सीर )
६२

قَالَ اَرَاَيْتَكَ هٰذَا الَّذِيْ كَرَّمْتَ عَلَيَّ لَىِٕنْ اَخَّرْتَنِ اِلٰى يَوْمِ الْقِيٰمَةِ لَاَحْتَنِكَنَّ ذُرِّيَّتَهٗٓ اِلَّا قَلِيْلًا ٦٢

qāla
قَالَ
उसने कहा
ara-aytaka
أَرَءَيْتَكَ
क्या देखा तूने
hādhā
هَٰذَا
ये
alladhī
ٱلَّذِى
जिसे
karramta
كَرَّمْتَ
इज़्ज़त दी तूने
ʿalayya
عَلَىَّ
मुझ पर
la-in
لَئِنْ
अलबत्ता अगर
akhartani
أَخَّرْتَنِ
मोहलत दी तूने मुझे
ilā
إِلَىٰ
क़यामत के दिन तक
yawmi
يَوْمِ
क़यामत के दिन तक
l-qiyāmati
ٱلْقِيَٰمَةِ
क़यामत के दिन तक
la-aḥtanikanna
لَأَحْتَنِكَنَّ
अलबत्ता मैं ज़रूर काबू में कर लूगाँ
dhurriyyatahu
ذُرِّيَّتَهُۥٓ
उसकी औलाद को
illā
إِلَّا
मगर
qalīlan
قَلِيلًا
बहुत थोड़े
कहने लगा, 'देख तो सही, उसे जिसको तूने मेरे मुक़ाबले में श्रेष्ठ ता प्रदान की है, यदि तूने मुझे क़ियामत के दिन तक मुहलत दे दी, तो मैं अवश्य ही उसकी सन्तान को वश में करके उसका उन्मूलन कर डालूँगा। केवल थोड़े ही लोग बच सकेंगे।' ([१७] अल इस्रा: 62)
Tafseer (तफ़सीर )
६३

قَالَ اذْهَبْ فَمَنْ تَبِعَكَ مِنْهُمْ فَاِنَّ جَهَنَّمَ جَزَاۤؤُكُمْ جَزَاۤءً مَّوْفُوْرًا ٦٣

qāla
قَالَ
फ़रमाया
idh'hab
ٱذْهَبْ
जा
faman
فَمَن
पस जो कोई
tabiʿaka
تَبِعَكَ
पैरवी करे तेरी
min'hum
مِنْهُمْ
उनमें से
fa-inna
فَإِنَّ
तो बेशक
jahannama
جَهَنَّمَ
जहन्नम
jazāukum
جَزَآؤُكُمْ
बदला है तुम्हारा
jazāan
جَزَآءً
बदला
mawfūran
مَّوْفُورًا
पूरा-पूरा
कहा, 'जा, उनमें से जो भी तेरा अनुसरण करेगा, तो तुझ सहित ऐसे सभी लोगों का भरपूर बदला जहन्नम है ([१७] अल इस्रा: 63)
Tafseer (तफ़सीर )
६४

وَاسْتَفْزِزْ مَنِ اسْتَطَعْتَ مِنْهُمْ بِصَوْتِكَ وَاَجْلِبْ عَلَيْهِمْ بِخَيْلِكَ وَرَجِلِكَ وَشَارِكْهُمْ فِى الْاَمْوَالِ وَالْاَوْلَادِ وَعِدْهُمْۗ وَمَا يَعِدُهُمُ الشَّيْطٰنُ اِلَّا غُرُوْرًا ٦٤

wa-is'tafziz
وَٱسْتَفْزِزْ
और बहका ले
mani
مَنِ
जिसे
is'taṭaʿta
ٱسْتَطَعْتَ
इस्तिताअत रखता है तू
min'hum
مِنْهُم
उनमें से
biṣawtika
بِصَوْتِكَ
साथ अपनी आवाज़ के
wa-ajlib
وَأَجْلِبْ
और चढ़ा ला
ʿalayhim
عَلَيْهِم
उन पर
bikhaylika
بِخَيْلِكَ
सवार अपने
warajilika
وَرَجِلِكَ
और प्यादे अपने
washārik'hum
وَشَارِكْهُمْ
और शरीक हो जा उनका
فِى
मालों में
l-amwāli
ٱلْأَمْوَٰلِ
मालों में
wal-awlādi
وَٱلْأَوْلَٰدِ
और औलाद में
waʿid'hum
وَعِدْهُمْۚ
और वादा कर उनसे
wamā
وَمَا
और नहीं
yaʿiduhumu
يَعِدُهُمُ
वादा करता उनसे
l-shayṭānu
ٱلشَّيْطَٰنُ
शैतान
illā
إِلَّا
मगर
ghurūran
غُرُورًا
धोखे का
उनमें सो जिस किसी पर तेरा बस चले उसके क़दम अपनी आवाज़ से उखाड़ दे। और उनपर अपने सवार और अपने प्यादे (पैदल सेना) चढ़ा ला। और माल और सन्तान में भी उनके साथ साझा लगा। और उनसे वादे कर!' - किन्तु शैतान उनसे जो वादे करता है वह एक धोखे के सिवा और कुछ भी नहीं होता। - ([१७] अल इस्रा: 64)
Tafseer (तफ़सीर )
६५

اِنَّ عِبَادِيْ لَيْسَ لَكَ عَلَيْهِمْ سُلْطٰنٌۗ وَكَفٰى بِرَبِّكَ وَكِيْلًا ٦٥

inna
إِنَّ
बेशक
ʿibādī
عِبَادِى
मेरे बन्दे
laysa
لَيْسَ
नहीं है
laka
لَكَ
तेरे लिए
ʿalayhim
عَلَيْهِمْ
उन पर
sul'ṭānun
سُلْطَٰنٌۚ
कोई ज़ोर
wakafā
وَكَفَىٰ
और काफ़ी है
birabbika
بِرَبِّكَ
रब आपका
wakīlan
وَكِيلًا
कारसाज़
'निश्चय ही जो मेरे (सच्चे) बन्दे है उनपर तेरा कुछ भी ज़ोर नहीं चल सकता।' तुम्हारा रब इसके लिए काफ़ी है कि अपना मामला उसी को सौंप दिया जाए ([१७] अल इस्रा: 65)
Tafseer (तफ़सीर )
६६

رَبُّكُمُ الَّذِيْ يُزْجِيْ لَكُمُ الْفُلْكَ فِى الْبَحْرِ لِتَبْتَغُوْا مِنْ فَضْلِهٖۗ اِنَّهٗ كَانَ بِكُمْ رَحِيْمًا ٦٦

rabbukumu
رَّبُّكُمُ
रब तुम्हारा
alladhī
ٱلَّذِى
वो है जो
yuz'jī
يُزْجِى
चलाता है
lakumu
لَكُمُ
तुम्हारे लिए
l-ful'ka
ٱلْفُلْكَ
कश्तियों को
فِى
समुन्दर में
l-baḥri
ٱلْبَحْرِ
समुन्दर में
litabtaghū
لِتَبْتَغُوا۟
ताकि तुम तलाश करो
min
مِن
उसके फ़ज़ल से
faḍlihi
فَضْلِهِۦٓۚ
उसके फ़ज़ल से
innahu
إِنَّهُۥ
यक़ीनन वो
kāna
كَانَ
है वो
bikum
بِكُمْ
तुम पर
raḥīman
رَحِيمًا
निहायत रहम करने वाला
तुम्हारा रब तो वह है जो तुम्हारे लिए समुद्र में नौका चलाता है, ताकि तुम उसका अनुग्रह (आजीविका) तलाश करो। वह तुम्हारे हाल पर अत्यन्त दयावान है ([१७] अल इस्रा: 66)
Tafseer (तफ़सीर )
६७

وَاِذَا مَسَّكُمُ الضُّرُّ فِى الْبَحْرِ ضَلَّ مَنْ تَدْعُوْنَ اِلَّآ اِيَّاهُۚ فَلَمَّا نَجّٰىكُمْ اِلَى الْبَرِّ اَعْرَضْتُمْۗ وَكَانَ الْاِنْسَانُ كَفُوْرًا ٦٧

wa-idhā
وَإِذَا
और जब
massakumu
مَسَّكُمُ
पहुँचती है तुम्हें
l-ḍuru
ٱلضُّرُّ
तकलीफ़
فِى
समुन्दर में
l-baḥri
ٱلْبَحْرِ
समुन्दर में
ḍalla
ضَلَّ
गुम हो जाते हैं
man
مَن
वो जिन्हें
tadʿūna
تَدْعُونَ
तुम पुकारते हो
illā
إِلَّآ
मगर
iyyāhu
إِيَّاهُۖ
सिर्फ़ वो ही
falammā
فَلَمَّا
तो जब
najjākum
نَجَّىٰكُمْ
वो निजात देता है तुम्हें
ilā
إِلَى
तरफ़ ख़ुश्की के
l-bari
ٱلْبَرِّ
तरफ़ ख़ुश्की के
aʿraḍtum
أَعْرَضْتُمْۚ
तो ऐराज़ करते हो तुम
wakāna
وَكَانَ
और है
l-insānu
ٱلْإِنسَٰنُ
इन्सान
kafūran
كَفُورًا
बड़ा नाशुक्रा
जब समुद्र में तुम पर कोई आपदा आती है तो उसके सिवा वे सब जिन्हें तुम पुकारते हो, गुम होकर रह जाते है, किन्तु फिर जब वह तुम्हें बचाकर थल पर पहुँचा देता है तो तुम उससे मुँह मोड़ जाते हो। मानव बड़ा ही अकृतज्ञ है ([१७] अल इस्रा: 67)
Tafseer (तफ़सीर )
६८

اَفَاَمِنْتُمْ اَنْ يَّخْسِفَ بِكُمْ جَانِبَ الْبَرِّ اَوْ يُرْسِلَ عَلَيْكُمْ حَاصِبًا ثُمَّ لَا تَجِدُوْا لَكُمْ وَكِيْلًا ۙ ٦٨

afa-amintum
أَفَأَمِنتُمْ
क्या बेख़ौफ़ हो गए तुम
an
أَن
कि
yakhsifa
يَخْسِفَ
वो धँसा दे
bikum
بِكُمْ
तुम्हें
jāniba
جَانِبَ
ख़ुश्की की जानिब
l-bari
ٱلْبَرِّ
ख़ुश्की की जानिब
aw
أَوْ
या
yur'sila
يُرْسِلَ
वो भेज दे
ʿalaykum
عَلَيْكُمْ
तुम पर
ḥāṣiban
حَاصِبًا
पत्थर बरसाने वाली आँधी
thumma
ثُمَّ
फिर
لَا
ना तुम पाओगे
tajidū
تَجِدُوا۟
ना तुम पाओगे
lakum
لَكُمْ
अपने लिए
wakīlan
وَكِيلًا
कोई कारसाज़
क्या तुम इससे निश्चिन्त हो कि वह कभी थल की ओर ले जाकर तुम्हें धँसा दे या तुमपर पथराव करनेवाली आँधी भेज दे; फिर अपना कोई कार्यसाधक न पाओ? ([१७] अल इस्रा: 68)
Tafseer (तफ़सीर )
६९

اَمْ اَمِنْتُمْ اَنْ يُّعِيْدَكُمْ فِيْهِ تَارَةً اُخْرٰى فَيُرْسِلَ عَلَيْكُمْ قَاصِفًا مِّنَ الرِّيْحِ فَيُغْرِقَكُمْ بِمَا كَفَرْتُمْۙ ثُمَّ لَا تَجِدُوْا لَكُمْ عَلَيْنَا بِهٖ تَبِيْعًا ٦٩

am
أَمْ
या
amintum
أَمِنتُمْ
बेख़ौफ़ हो गए तुम
an
أَن
कि
yuʿīdakum
يُعِيدَكُمْ
वो लौटाए तुम्हें
fīhi
فِيهِ
उसमें
tāratan
تَارَةً
दूसरी मर्तबा
ukh'rā
أُخْرَىٰ
दूसरी मर्तबा
fayur'sila
فَيُرْسِلَ
फिर वो भेजे
ʿalaykum
عَلَيْكُمْ
तुम पर
qāṣifan
قَاصِفًا
तोड़-फोड़ देने वाली
mina
مِّنَ
हवा में से
l-rīḥi
ٱلرِّيحِ
हवा में से
fayugh'riqakum
فَيُغْرِقَكُم
फिर वो ग़र्क कर दे तुम्हें
bimā
بِمَا
बवजह उसके जो
kafartum
كَفَرْتُمْۙ
नाशुक्री की तुमने
thumma
ثُمَّ
फिर
لَا
ना तुम पाओ
tajidū
تَجِدُوا۟
ना तुम पाओ
lakum
لَكُمْ
अपने लिए
ʿalaynā
عَلَيْنَا
हमारे ख़िलाफ़
bihi
بِهِۦ
उसमें
tabīʿan
تَبِيعًا
कोई पीछा करने वाला
या तुम इससे निश्चिन्त हो कि वह फिर तुम्हें उसमें दोबारा ले जाए और तुमपर प्रचंड तूफ़ानी हवा भेज दे और तुम्हें तुम्हारे इनकार के बदले में डूबो दे। फिर तुम किसी को ऐसा न पाओ जो तुम्हारे लिए इसपर हमारा पीछा करनेवाला हो? ([१७] अल इस्रा: 69)
Tafseer (तफ़सीर )
७०

۞ وَلَقَدْ كَرَّمْنَا بَنِيْٓ اٰدَمَ وَحَمَلْنٰهُمْ فِى الْبَرِّ وَالْبَحْرِ وَرَزَقْنٰهُمْ مِّنَ الطَّيِّبٰتِ وَفَضَّلْنٰهُمْ عَلٰى كَثِيْرٍ مِّمَّنْ خَلَقْنَا تَفْضِيْلًا ࣖ ٧٠

walaqad
وَلَقَدْ
और अलबत्ता तहक़ीक़
karramnā
كَرَّمْنَا
इज़्ज़त दी हमने
banī
بَنِىٓ
बनी आदम को
ādama
ءَادَمَ
बनी आदम को
waḥamalnāhum
وَحَمَلْنَٰهُمْ
और सवार किया हमने उन्हें
فِى
ख़ुश्की में
l-bari
ٱلْبَرِّ
ख़ुश्की में
wal-baḥri
وَٱلْبَحْرِ
और समुन्दर में
warazaqnāhum
وَرَزَقْنَٰهُم
और रिज़्क़ दिया हमने
mina
مِّنَ
पाकीज़ा चीज़ों से
l-ṭayibāti
ٱلطَّيِّبَٰتِ
पाकीज़ा चीज़ों से
wafaḍḍalnāhum
وَفَضَّلْنَٰهُمْ
और फ़ज़ीलत दी हमने उन्हें
ʿalā
عَلَىٰ
कसीर तादाद पर
kathīrin
كَثِيرٍ
कसीर तादाद पर
mimman
مِّمَّنْ
उनमें से जो
khalaqnā
خَلَقْنَا
पैदा किए हमने
tafḍīlan
تَفْضِيلًا
बड़ी फ़ज़ीलत देना
हमने आदम की सन्तान को श्रेष्ठता प्रदान की और उन्हें थल औऱ जल में सवारी दी और अच्छी-पाक चीज़ों की उन्हें रोज़ी दी और अपने पैदा किए हुए बहुत-से प्राणियों की अपेक्षा उन्हें श्रेष्ठता प्रदान की ([१७] अल इस्रा: 70)
Tafseer (तफ़सीर )