وَلَقَدْ صَرَّفْنَا فِيْ هٰذَا الْقُرْاٰنِ لِيَذَّكَّرُوْاۗ وَمَا يَزِيْدُهُمْ اِلَّا نُفُوْرًا ٤١
- walaqad
- وَلَقَدْ
- और अलबत्ता तहक़ीक़
- ṣarrafnā
- صَرَّفْنَا
- फेर-फेर कर लाए हैं हम
- fī
- فِى
- इस क़ुरआन में
- hādhā
- هَٰذَا
- इस क़ुरआन में
- l-qur'āni
- ٱلْقُرْءَانِ
- इस क़ुरआन में
- liyadhakkarū
- لِيَذَّكَّرُوا۟
- ताकि वो नसीहत पकड़ें
- wamā
- وَمَا
- और नहीं
- yazīduhum
- يَزِيدُهُمْ
- वो ज़्यादा करता उन्हें
- illā
- إِلَّا
- मगर
- nufūran
- نُفُورًا
- नफ़रत में
हमने इस क़ुरआन में विभिन्न ढंग से बात का स्पष्टीकरण किया कि वे चेतें, किन्तु इसमें उनकी नफ़रत ही बढ़ती है ([१७] अल इस्रा: 41)Tafseer (तफ़सीर )
قُلْ لَّوْ كَانَ مَعَهٗ ٓ اٰلِهَةٌ كَمَا يَقُوْلُوْنَ اِذًا لَّابْتَغَوْا اِلٰى ذِى الْعَرْشِ سَبِيْلًا ٤٢
- qul
- قُل
- कह दीजिए
- law
- لَّوْ
- अगर
- kāna
- كَانَ
- होते
- maʿahu
- مَعَهُۥٓ
- साथ उसके
- ālihatun
- ءَالِهَةٌ
- कुछ इलाह
- kamā
- كَمَا
- जैसा कि
- yaqūlūna
- يَقُولُونَ
- वो कहते हैं
- idhan
- إِذًا
- तब
- la-ib'taghaw
- لَّٱبْتَغَوْا۟
- अलबत्ता वो तलाश करते
- ilā
- إِلَىٰ
- तरफ़
- dhī
- ذِى
- अर्श वाले के
- l-ʿarshi
- ٱلْعَرْشِ
- अर्श वाले के
- sabīlan
- سَبِيلًا
- कोई रास्ता
कह दो, 'यदि उसके साथ अन्य भी पूज्य-प्रभु होते, जैसा कि ये कहते हैं, तब तो वे सिंहासनवाले (के पद) तक पहुँचने का कोई मार्ग अवश्य तलाश करते' ([१७] अल इस्रा: 42)Tafseer (तफ़सीर )
سُبْحٰنَهٗ وَتَعٰلٰى عَمَّا يَقُوْلُوْنَ عُلُوًّا كَبِيْرًا ٤٣
- sub'ḥānahu
- سُبْحَٰنَهُۥ
- पाक है वो
- wataʿālā
- وَتَعَٰلَىٰ
- और वो बुलन्दतर है
- ʿammā
- عَمَّا
- उससे जो
- yaqūlūna
- يَقُولُونَ
- वो कहते हैं
- ʿuluwwan
- عُلُوًّا
- बहुत बुलन्द
- kabīran
- كَبِيرًا
- बहुत बड़ा
महिमावान है वह! और बहुत उच्च है उन बातों से जो वे कहते है! ([१७] अल इस्रा: 43)Tafseer (तफ़सीर )
تُسَبِّحُ لَهُ السَّمٰوٰتُ السَّبْعُ وَالْاَرْضُ وَمَنْ فِيْهِنَّۗ وَاِنْ مِّنْ شَيْءٍ اِلَّا يُسَبِّحُ بِحَمْدِهٖ وَلٰكِنْ لَّا تَفْقَهُوْنَ تَسْبِيْحَهُمْۗ اِنَّهٗ كَانَ حَلِيْمًا غَفُوْرًا ٤٤
- tusabbiḥu
- تُسَبِّحُ
- तस्बीह कर रहे हैं
- lahu
- لَهُ
- उसके लिए
- l-samāwātu
- ٱلسَّمَٰوَٰتُ
- आसमान
- l-sabʿu
- ٱلسَّبْعُ
- सात
- wal-arḍu
- وَٱلْأَرْضُ
- और ज़मीन
- waman
- وَمَن
- और वो जो
- fīhinna
- فِيهِنَّۚ
- इनमें हैं
- wa-in
- وَإِن
- और नहीं
- min
- مِّن
- कोई चीज़
- shayin
- شَىْءٍ
- कोई चीज़
- illā
- إِلَّا
- मगर
- yusabbiḥu
- يُسَبِّحُ
- वो तस्बीह कर रही है
- biḥamdihi
- بِحَمْدِهِۦ
- साथ उसकी हम्द के
- walākin
- وَلَٰكِن
- और लेकिन
- lā
- لَّا
- नहीं तुम समझते
- tafqahūna
- تَفْقَهُونَ
- नहीं तुम समझते
- tasbīḥahum
- تَسْبِيحَهُمْۗ
- तस्बीह उनकी
- innahu
- إِنَّهُۥ
- बेशक वो
- kāna
- كَانَ
- है वो
- ḥalīman
- حَلِيمًا
- बहुत हिल्म वाला
- ghafūran
- غَفُورًا
- बहुत बख़्शने वाला
सातों आकाश और धरती और जो कोई भी उनमें है सब उसकी तसबीह (महिमागान) करते है और ऐसी कोई चीज़ नहीं जो उसका गुणगान न करती हो। किन्तु तुम उनकी तसबीह को समझते नहीं। निश्चय ही वह अत्यन्त सहनशील, क्षमावान है ([१७] अल इस्रा: 44)Tafseer (तफ़सीर )
وَاِذَا قَرَأْتَ الْقُرْاٰنَ جَعَلْنَا بَيْنَكَ وَبَيْنَ الَّذِيْنَ لَا يُؤْمِنُوْنَ بِالْاٰخِرَةِ حِجَابًا مَّسْتُوْرًاۙ ٤٥
- wa-idhā
- وَإِذَا
- और जब
- qarata
- قَرَأْتَ
- पढ़ते हैं आप
- l-qur'āna
- ٱلْقُرْءَانَ
- क़ुरआन
- jaʿalnā
- جَعَلْنَا
- बना देते है हम
- baynaka
- بَيْنَكَ
- दर्मियान आपके
- wabayna
- وَبَيْنَ
- और दर्मियान
- alladhīna
- ٱلَّذِينَ
- उन लोगों के जो
- lā
- لَا
- नहीं वो ईमान रखते
- yu'minūna
- يُؤْمِنُونَ
- नहीं वो ईमान रखते
- bil-ākhirati
- بِٱلْءَاخِرَةِ
- आख़िरत पर
- ḥijāban
- حِجَابًا
- एक पर्दा
- mastūran
- مَّسْتُورًا
- छुपा हुआ
जब तुम क़ुरआन पढ़ते हो तो हम तुम्हारे और उन लोगों के बीच, जो आख़िरत को नहीं मानते एक अदृश्य पर्दे की आड़ कर देते है ([१७] अल इस्रा: 45)Tafseer (तफ़सीर )
وَّجَعَلْنَا عَلٰى قُلُوْبِهِمْ اَكِنَّةً اَنْ يَّفْقَهُوْهُ وَفِيْٓ اٰذَانِهِمْ وَقْرًاۗ وَاِذَا ذَكَرْتَ رَبَّكَ فِى الْقُرْاٰنِ وَحْدَهٗ وَلَّوْا عَلٰٓى اَدْبَارِهِمْ نُفُوْرًا ٤٦
- wajaʿalnā
- وَجَعَلْنَا
- और डाल देते हैं हम
- ʿalā
- عَلَىٰ
- उनके दिलों पर
- qulūbihim
- قُلُوبِهِمْ
- उनके दिलों पर
- akinnatan
- أَكِنَّةً
- पर्दे
- an
- أَن
- कि
- yafqahūhu
- يَفْقَهُوهُ
- (ना) वो समझ सकें उसे
- wafī
- وَفِىٓ
- और उनके कानों में
- ādhānihim
- ءَاذَانِهِمْ
- और उनके कानों में
- waqran
- وَقْرًاۚ
- बोझ
- wa-idhā
- وَإِذَا
- और जब
- dhakarta
- ذَكَرْتَ
- ज़िक्र करते आप
- rabbaka
- رَبَّكَ
- अपने रब का
- fī
- فِى
- क़ुरआन में
- l-qur'āni
- ٱلْقُرْءَانِ
- क़ुरआन में
- waḥdahu
- وَحْدَهُۥ
- अकेले उसी का
- wallaw
- وَلَّوْا۟
- वो फिर जाते हैं
- ʿalā
- عَلَىٰٓ
- अपनी पुश्तों पर
- adbārihim
- أَدْبَٰرِهِمْ
- अपनी पुश्तों पर
- nufūran
- نُفُورًا
- नफ़रत करते हुए
और उनके दिलों पर भी परदे डाल देते है कि वे समझ न सकें। और उनके कानों में बोझ (कि वे सुन न सकें) । और जब तुम क़ुरआन के माध्यम से अपने रब का वर्णन उसे अकेला बताते हुए करते हो तो वे नफ़रत से अपनी पीठ फेरकर चल देते है ([१७] अल इस्रा: 46)Tafseer (तफ़सीर )
نَحْنُ اَعْلَمُ بِمَا يَسْتَمِعُوْنَ بِهٖٓ اِذْ يَسْتَمِعُوْنَ اِلَيْكَ وَاِذْ هُمْ نَجْوٰٓى اِذْ يَقُوْلُ الظّٰلِمُوْنَ اِنْ تَتَّبِعُوْنَ اِلَّا رَجُلًا مَّسْحُوْرًا ٤٧
- naḥnu
- نَّحْنُ
- हम
- aʿlamu
- أَعْلَمُ
- ज़्यादा जानते हैं
- bimā
- بِمَا
- उसको जो
- yastamiʿūna
- يَسْتَمِعُونَ
- वो ग़ौर से सुनते हैं
- bihi
- بِهِۦٓ
- साथ उसके
- idh
- إِذْ
- जब
- yastamiʿūna
- يَسْتَمِعُونَ
- वो ग़ौर से सुनते हैं
- ilayka
- إِلَيْكَ
- तरफ़ आपके
- wa-idh
- وَإِذْ
- और जब
- hum
- هُمْ
- वो
- najwā
- نَجْوَىٰٓ
- सरगोशियाँ (करते हैं)
- idh
- إِذْ
- जब
- yaqūlu
- يَقُولُ
- कहते हैं
- l-ẓālimūna
- ٱلظَّٰلِمُونَ
- ज़ालिम लोग
- in
- إِن
- नहीं
- tattabiʿūna
- تَتَّبِعُونَ
- तुम पैरवी करते
- illā
- إِلَّا
- मगर
- rajulan
- رَجُلًا
- एक मर्द
- masḥūran
- مَّسْحُورًا
- सहरज़दा की
जब वे तुम्हारी ओर कान लगाते हैं तो हम भली-भाँति जानते है कि उनके कान लगाने का प्रयोजन क्या है और उसे भी जब वे आपस में कानाफूसियाँ करते है, जब वे ज़ालिम कहते है, 'तुम लोग तो बस उस आदमी के पीछे चलते हो जो पक्का जादूगर है।' ([१७] अल इस्रा: 47)Tafseer (तफ़सीर )
اُنْظُرْ كَيْفَ ضَرَبُوْا لَكَ الْاَمْثَالَ فَضَلُّوْا فَلَا يَسْتَطِيْعُوْنَ سَبِيْلًا ٤٨
- unẓur
- ٱنظُرْ
- देखो
- kayfa
- كَيْفَ
- किस तरह
- ḍarabū
- ضَرَبُوا۟
- उन्होंने बयान कीं
- laka
- لَكَ
- आपके लिए
- l-amthāla
- ٱلْأَمْثَالَ
- मिसालें
- faḍallū
- فَضَلُّوا۟
- तो वो भटक गए
- falā
- فَلَا
- पस नहीं
- yastaṭīʿūna
- يَسْتَطِيعُونَ
- वो इस्तिताअत रखते
- sabīlan
- سَبِيلًا
- किसी रास्ते की
देखो, वे कैसी मिसालें तुमपर चस्पाँ करते है! वे तो भटक गए है, अब कोई मार्ग नहीं पा सकते! ([१७] अल इस्रा: 48)Tafseer (तफ़सीर )
وَقَالُوْٓا ءَاِذَا كُنَّا عِظَامًا وَّرُفَاتًا ءَاِنَّا لَمَبْعُوْثُوْنَ خَلْقًا جَدِيْدًا ٤٩
- waqālū
- وَقَالُوٓا۟
- और वो कहते हैं
- a-idhā
- أَءِذَا
- क्या जब
- kunnā
- كُنَّا
- होंगे हम
- ʿiẓāman
- عِظَٰمًا
- हड्डियाँ
- warufātan
- وَرُفَٰتًا
- और चूरा-चूरा
- a-innā
- أَءِنَّا
- क्या बेशक हम
- lamabʿūthūna
- لَمَبْعُوثُونَ
- अलबत्ता उठाए जाऐंगे
- khalqan
- خَلْقًا
- पैदा करके
- jadīdan
- جَدِيدًا
- नए सिरे से
वे कहते है, 'क्या जब हम हड्डियाँ और चूर्ण-विचूर्ण होकर रह जाएँगे, तो क्या हम फिर नए बनकर उठेंगे?' ([१७] अल इस्रा: 49)Tafseer (तफ़सीर )
۞ قُلْ كُوْنُوْا حِجَارَةً اَوْ حَدِيْدًاۙ ٥٠
- qul
- قُلْ
- कह दीजिए
- kūnū
- كُونُوا۟
- हो जाओ
- ḥijāratan
- حِجَارَةً
- पत्थर
- aw
- أَوْ
- या
- ḥadīdan
- حَدِيدًا
- लोहा
कह दो, 'तुम पत्थर या लोहो हो जाओ, ([१७] अल इस्रा: 50)Tafseer (तफ़सीर )