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सूरा अल इस्रा - Page: 12

Al-Isra

(इस्रा और मेराज, The Night Journey, The Children of Israel)

१११

وَقُلِ الْحَمْدُ لِلّٰهِ الَّذِيْ لَمْ يَتَّخِذْ وَلَدًا وَّلَمْ يَكُنْ لَّهٗ شَرِيْكٌ فِى الْمُلْكِ وَلَمْ يَكُنْ لَّهٗ وَلِيٌّ مِّنَ الذُّلِّ وَكَبِّرْهُ تَكْبِيْرًا ࣖ ١١١

waquli
وَقُلِ
और कह दीजिए
l-ḥamdu
ٱلْحَمْدُ
सब तारीफ़
lillahi
لِلَّهِ
अल्लाह के लिए है
alladhī
ٱلَّذِى
वो जिसने
lam
لَمْ
नहीं
yattakhidh
يَتَّخِذْ
बनाई
waladan
وَلَدًا
कोई औलाद
walam
وَلَمْ
और नहीं
yakun
يَكُن
है
lahu
لَّهُۥ
उसके लिए
sharīkun
شَرِيكٌ
कोई शरीक
فِى
बादशाहत में
l-mul'ki
ٱلْمُلْكِ
बादशाहत में
walam
وَلَمْ
और नहीं
yakun
يَكُن
है
lahu
لَّهُۥ
उसके लिए
waliyyun
وَلِىٌّ
कोई मददगार
mina
مِّنَ
कमज़ोरी (की वजह) से
l-dhuli
ٱلذُّلِّۖ
कमज़ोरी (की वजह) से
wakabbir'hu
وَكَبِّرْهُ
और बड़ाई बयान कीजिए उसकी
takbīran
تَكْبِيرًۢا
ख़ूब बड़ाई बयान करना
और कहो, 'प्रशंसा अल्लाह के लिए है, जिसने न तो अपना कोई बेटा बनाया और न बादशाही में उसका कोई सहभागी है और न ऐसा ही है कि वह दीन-हीन हो जिसके कारण बचाव के लिए उसका कोई सहायक मित्र हो।' और बड़ाई बयान करो उसकी, पूर्ण बड़ाई ([१७] अल इस्रा: 111)
Tafseer (तफ़सीर )