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सूरा अल इस्रा - शब्द द्वारा शब्द

Al-Isra

(इस्रा और मेराज, The Night Journey, The Children of Israel)

bismillaahirrahmaanirrahiim

سُبْحٰنَ الَّذِيْٓ اَسْرٰى بِعَبْدِهٖ لَيْلًا مِّنَ الْمَسْجِدِ الْحَرَامِ اِلَى الْمَسْجِدِ الْاَقْصَا الَّذِيْ بٰرَكْنَا حَوْلَهٗ لِنُرِيَهٗ مِنْ اٰيٰتِنَاۗ اِنَّهٗ هُوَ السَّمِيْعُ الْبَصِيْرُ ١

sub'ḥāna
سُبْحَٰنَ
पाक है
alladhī
ٱلَّذِىٓ
वो जो
asrā
أَسْرَىٰ
ले गया
biʿabdihi
بِعَبْدِهِۦ
अपने बन्दे को
laylan
لَيْلًا
रात के एक हिस्से में
mina
مِّنَ
मस्जिदे हराम से
l-masjidi
ٱلْمَسْجِدِ
मस्जिदे हराम से
l-ḥarāmi
ٱلْحَرَامِ
मस्जिदे हराम से
ilā
إِلَى
तरफ़
l-masjidi
ٱلْمَسْجِدِ
मस्जिदे अक़्सा के
l-aqṣā
ٱلْأَقْصَا
मस्जिदे अक़्सा के
alladhī
ٱلَّذِى
वो जो
bāraknā
بَٰرَكْنَا
बरकत दी हमने
ḥawlahu
حَوْلَهُۥ
उसके इर्द-गिर्द को
linuriyahu
لِنُرِيَهُۥ
ताकि हम दिखाऐं उसे
min
مِنْ
अपनी निशानियों में से
āyātinā
ءَايَٰتِنَآۚ
अपनी निशानियों में से
innahu
إِنَّهُۥ
बेशक वो
huwa
هُوَ
वो ही है
l-samīʿu
ٱلسَّمِيعُ
ख़ूब सुनने वाला
l-baṣīru
ٱلْبَصِيرُ
ख़ूब देखने वाला
क्या ही महिमावान है वह जो रातों-रात अपने बन्दे (मुहम्मद) को प्रतिष्ठित मस्जिद (काबा) से दूरवर्ती मस्जिद (अक़्सा) तक ले गया, जिसके चतुर्दिक को हमने बरकत दी, ताकि हम उसे अपनी कुछ निशानियाँ दिखाएँ। निस्संदेह वही सब कुछ सुनता, देखता है ([१७] अल इस्रा: 1)
Tafseer (तफ़सीर )

وَاٰتَيْنَا مُوْسَى الْكِتٰبَ وَجَعَلْنٰهُ هُدًى لِّبَنِيْٓ اِسْرَاۤءِيْلَ اَلَّا تَتَّخِذُوْا مِنْ دُوْنِيْ وَكِيْلًاۗ ٢

waātaynā
وَءَاتَيْنَا
और दी हमने
mūsā
مُوسَى
मूसा को
l-kitāba
ٱلْكِتَٰبَ
किताब
wajaʿalnāhu
وَجَعَلْنَٰهُ
और बनाया हमने उसे
hudan
هُدًى
हिदायत का ज़रिया
libanī
لِّبَنِىٓ
बनी इस्राईल के लिए
is'rāīla
إِسْرَٰٓءِيلَ
बनी इस्राईल के लिए
allā
أَلَّا
कि ना
tattakhidhū
تَتَّخِذُوا۟
तुम बनाओ
min
مِن
मेरे सिवा
dūnī
دُونِى
मेरे सिवा
wakīlan
وَكِيلًا
कोई कारसाज़
हमने मूसा को किताब दी थी और उसे इसराईल की सन्तान के लिए मार्गदर्शन बनाया था कि 'हमारे सिवा किसी को कार्य-साधक न ठहराना।' ([१७] अल इस्रा: 2)
Tafseer (तफ़सीर )

ذُرِّيَّةَ مَنْ حَمَلْنَا مَعَ نُوْحٍۗ اِنَّهٗ كَانَ عَبْدًا شَكُوْرًا ٣

dhurriyyata
ذُرِّيَّةَ
(ऐ) औलाद
man
مَنْ
उनकी जिन्हें
ḥamalnā
حَمَلْنَا
सवार किया हमने
maʿa
مَعَ
साथ नूह के
nūḥin
نُوحٍۚ
साथ नूह के
innahu
إِنَّهُۥ
बेशक वो
kāna
كَانَ
था वो
ʿabdan
عَبْدًا
बन्दा
shakūran
شَكُورًا
शुक्र गुज़ार
ऐ उनकी सन्तान, जिन्हें हमने नूह के साथ (नौका में) सवार किया था! निश्चय ही वह एक कृतज्ञ बन्दा था ([१७] अल इस्रा: 3)
Tafseer (तफ़सीर )

وَقَضَيْنَآ اِلٰى بَنِيْٓ اِسْرَاۤءِيْلَ فِى الْكِتٰبِ لَتُفْسِدُنَّ فِى الْاَرْضِ مَرَّتَيْنِ وَلَتَعْلُنَّ عُلُوًّا كَبِيْرًا ٤

waqaḍaynā
وَقَضَيْنَآ
और फ़ैसला सुना दिया हमने
ilā
إِلَىٰ
बनी इस्राईल को
banī
بَنِىٓ
बनी इस्राईल को
is'rāīla
إِسْرَٰٓءِيلَ
बनी इस्राईल को
فِى
किताब में
l-kitābi
ٱلْكِتَٰبِ
किताब में
latuf'sidunna
لَتُفْسِدُنَّ
अलबत्ता तुम ज़रूर फ़साद करोगे
فِى
ज़मीन में
l-arḍi
ٱلْأَرْضِ
ज़मीन में
marratayni
مَرَّتَيْنِ
दो बार
walataʿlunna
وَلَتَعْلُنَّ
और अलबत्ता तुम ज़रूर सरकशी करोगे
ʿuluwwan
عُلُوًّا
सरकशी
kabīran
كَبِيرًا
बहुत बड़ी
और हमने किताब में इसराईल की सन्तान को इस फ़ैसले की ख़बर दे दी थी, 'तुम धरती में अवश्य दो बार बड़ा फ़साद मचाओगे और बड़ी सरकशी दिखाओगे।' ([१७] अल इस्रा: 4)
Tafseer (तफ़सीर )

فَاِذَا جَاۤءَ وَعْدُ اُوْلٰىهُمَا بَعَثْنَا عَلَيْكُمْ عِبَادًا لَّنَآ اُولِيْ بَأْسٍ شَدِيْدٍ فَجَاسُوْا خِلٰلَ الدِّيَارِۗ وَكَانَ وَعْدًا مَّفْعُوْلًا ٥

fa-idhā
فَإِذَا
फिर जब
jāa
جَآءَ
आ गया
waʿdu
وَعْدُ
वादा
ūlāhumā
أُولَىٰهُمَا
उन दोनों में से पहला
baʿathnā
بَعَثْنَا
भेजा हमने
ʿalaykum
عَلَيْكُمْ
तुम पर
ʿibādan
عِبَادًا
अपने बन्दों को
lanā
لَّنَآ
अपने बन्दों को
ulī
أُو۟لِى
लड़ाई वाले
basin
بَأْسٍ
लड़ाई वाले
shadīdin
شَدِيدٍ
शदीद
fajāsū
فَجَاسُوا۟
तो वो घुस गए
khilāla
خِلَٰلَ
अन्दर
l-diyāri
ٱلدِّيَارِۚ
शहरों/घरों के
wakāna
وَكَانَ
और था वो
waʿdan
وَعْدًا
एक वादा
mafʿūlan
مَّفْعُولًا
होकर रहने वाला
फिर जब उन दोनों में से पहले वादे का मौक़ा आ गया तो हमने तुम्हारे मुक़ाबले में अपने ऐसे बन्दों को उठाया जो युद्ध में बड़े बलशाली थे। तो वे बस्तियों में घुसकर हर ओर फैल गए और यह वादा पूरा होना ही था ([१७] अल इस्रा: 5)
Tafseer (तफ़सीर )

ثُمَّ رَدَدْنَا لَكُمُ الْكَرَّةَ عَلَيْهِمْ وَاَمْدَدْنٰكُمْ بِاَمْوَالٍ وَّبَنِيْنَ وَجَعَلْنٰكُمْ اَكْثَرَ نَفِيْرًا ٦

thumma
ثُمَّ
फिर
radadnā
رَدَدْنَا
लौटा दी हमने
lakumu
لَكُمُ
तुम्हारे लिए
l-karata
ٱلْكَرَّةَ
बारी
ʿalayhim
عَلَيْهِمْ
उन पर
wa-amdadnākum
وَأَمْدَدْنَٰكُم
और मदद दी हमने तुम्हें
bi-amwālin
بِأَمْوَٰلٍ
साथ मालों
wabanīna
وَبَنِينَ
और बेटों के
wajaʿalnākum
وَجَعَلْنَٰكُمْ
और कर दिया हमने तुम्हें
akthara
أَكْثَرَ
ज़्यादा
nafīran
نَفِيرًا
नफ़री/तादाद में
फिर हमने तुम्हारी बारी उनपर लौटाई कि उनपर प्रभावी हो सको। और धनों और पुत्रों से तुम्हारी सहायता की और तुम्हें बहुसंख्यक लोगों का एक जत्था बनाया ([१७] अल इस्रा: 6)
Tafseer (तफ़सीर )

اِنْ اَحْسَنْتُمْ اَحْسَنْتُمْ لِاَنْفُسِكُمْ ۗوَاِنْ اَسَأْتُمْ فَلَهَاۗ فَاِذَا جَاۤءَ وَعْدُ الْاٰخِرَةِ لِيَسٗۤـُٔوْا وُجُوْهَكُمْ وَلِيَدْخُلُوا الْمَسْجِدَ كَمَا دَخَلُوْهُ اَوَّلَ مَرَّةٍ وَّلِيُتَبِّرُوْا مَا عَلَوْا تَتْبِيْرًا ٧

in
إِنْ
अगर
aḥsantum
أَحْسَنتُمْ
भलाई की तुमने
aḥsantum
أَحْسَنتُمْ
भलाई की तुमने
li-anfusikum
لِأَنفُسِكُمْۖ
अपने नफ़्सों के लिए
wa-in
وَإِنْ
और अगर
asatum
أَسَأْتُمْ
बुरा किया तुमने
falahā
فَلَهَاۚ
तो अपने ही लिए है
fa-idhā
فَإِذَا
फिर जब
jāa
جَآءَ
आ जाएगा
waʿdu
وَعْدُ
वादा
l-ākhirati
ٱلْءَاخِرَةِ
दूसरी (बारी का)
liyasūū
لِيَسُۥٓـُٔوا۟
ताकि वो बिगाड़ दें
wujūhakum
وُجُوهَكُمْ
चेहरे तुम्हारे
waliyadkhulū
وَلِيَدْخُلُوا۟
और ताकि वो दाख़िल हों
l-masjida
ٱلْمَسْجِدَ
मस्जिद में
kamā
كَمَا
जैसा कि
dakhalūhu
دَخَلُوهُ
वो दाख़िल हुए थे उसमें
awwala
أَوَّلَ
पहली
marratin
مَرَّةٍ
बार
waliyutabbirū
وَلِيُتَبِّرُوا۟
और ताकि वो तबाह कर दें
مَا
जिस पर
ʿalaw
عَلَوْا۟
वो ग़लबा पाऐं
tatbīran
تَتْبِيرًا
बुरी तरह तबाह करना
'यदि तुमने भलाई की तो अपने ही लिए भलाई की और यदि तुमने बुराई की तो अपने ही लिए की।' फिर जब दूसरे वादे का मौक़ा आ गया (तो हमने तुम्हारे मुक़ाबले में ऐसे प्रबल को उठाया) कि वे तुम्हारे चेहरे बिगाड़ दें और मस्जिद (बैतुलमक़दिस) में घुसे थे और ताकि जिस चीज़ पर भी उनका ज़ोर चले विनष्टि कर डालें ([१७] अल इस्रा: 7)
Tafseer (तफ़सीर )

عَسٰى رَبُّكُمْ اَنْ يَّرْحَمَكُمْۚ وَاِنْ عُدْتُّمْ عُدْنَاۘ وَجَعَلْنَا جَهَنَّمَ لِلْكٰفِرِيْنَ حَصِيْرًا ٨

ʿasā
عَسَىٰ
उम्मीद है
rabbukum
رَبُّكُمْ
रब तुम्हारा
an
أَن
कि
yarḥamakum
يَرْحَمَكُمْۚ
वो रहम करे तुम पर
wa-in
وَإِنْ
ओर अगर
ʿudttum
عُدتُّمْ
लौटोगे तुम
ʿud'nā
عُدْنَاۘ
लौटेंगे हम
wajaʿalnā
وَجَعَلْنَا
और बनाया हमने
jahannama
جَهَنَّمَ
जहन्नम को
lil'kāfirīna
لِلْكَٰفِرِينَ
काफ़िरों के लिए
ḥaṣīran
حَصِيرًا
क़ैद ख़ाना
हो सकता है तुम्हारा रब तुमपर दया करे, किन्तु यदि तुम फिर उसी पूर्व नीति की ओर पलटे तो हम भी पलटेंगे, और हमने जहन्नम को इनकार करनेवालों के लिए कारागार बना रखा है ([१७] अल इस्रा: 8)
Tafseer (तफ़सीर )

اِنَّ هٰذَا الْقُرْاٰنَ يَهْدِيْ لِلَّتِيْ هِيَ اَقْوَمُ وَيُبَشِّرُ الْمُؤْمِنِيْنَ الَّذِيْنَ يَعْمَلُوْنَ الصّٰلِحٰتِ اَنَّ لَهُمْ اَجْرًا كَبِيْرًاۙ ٩

inna
إِنَّ
बेशक
hādhā
هَٰذَا
ये
l-qur'āna
ٱلْقُرْءَانَ
क़ुरआन
yahdī
يَهْدِى
वो रहनुमाई करता है
lillatī
لِلَّتِى
उस (राह) के लिए
hiya
هِىَ
वो (जो)
aqwamu
أَقْوَمُ
सबसे ज़्यादा सीधी है
wayubashiru
وَيُبَشِّرُ
और वो ख़ुशख़बरी देता है
l-mu'minīna
ٱلْمُؤْمِنِينَ
ईमान वालों को
alladhīna
ٱلَّذِينَ
वो जो
yaʿmalūna
يَعْمَلُونَ
अमल करते हैं
l-ṣāliḥāti
ٱلصَّٰلِحَٰتِ
नेक
anna
أَنَّ
बेशक
lahum
لَهُمْ
उनके लिए
ajran
أَجْرًا
अजर है
kabīran
كَبِيرًا
बहुत बड़ा
वास्तव में यह क़ुरआन वह मार्ग दिखाता है जो सबसे सीधा है और उन मोमिमों को, जो अच्छे कर्म करते है, शूभ सूचना देता है कि उनके लिए बड़ा बदला है ([१७] अल इस्रा: 9)
Tafseer (तफ़सीर )
१०

وَّاَنَّ الَّذِيْنَ لَا يُؤْمِنُوْنَ بِالْاٰخِرَةِ اَعْتَدْنَا لَهُمْ عَذَابًا اَلِيْمًا ࣖ ١٠

wa-anna
وَأَنَّ
और बेशक
alladhīna
ٱلَّذِينَ
वो लोग जो
لَا
नहीं वो ईमान लाते
yu'minūna
يُؤْمِنُونَ
नहीं वो ईमान लाते
bil-ākhirati
بِٱلْءَاخِرَةِ
आख़िरत पर
aʿtadnā
أَعْتَدْنَا
तैयार कर रखा है हमने
lahum
لَهُمْ
उनके लिए
ʿadhāban
عَذَابًا
अज़ाब
alīman
أَلِيمًا
दर्दनाक
और यह कि जो आख़िरत को नहीं मानते उनके लिए हमने दुखद यातना तैयार कर रखी है ([१७] अल इस्रा: 10)
Tafseer (तफ़सीर )