شَاكِرًا لِّاَنْعُمِهِ ۖاجْتَبٰىهُ وَهَدٰىهُ اِلٰى صِرَاطٍ مُّسْتَقِيْمٍ ١٢١
- shākiran
- شَاكِرًا
- शुक्र गुज़ार था
- li-anʿumihi
- لِّأَنْعُمِهِۚ
- उसकी नेअमतों पर
- ij'tabāhu
- ٱجْتَبَىٰهُ
- उसने चुन लिया उसे
- wahadāhu
- وَهَدَىٰهُ
- और उसने हिदायत दी उसे
- ilā
- إِلَىٰ
- तरफ़ रास्ते
- ṣirāṭin
- صِرَٰطٍ
- तरफ़ रास्ते
- mus'taqīmin
- مُّسْتَقِيمٍ
- सीधे के
वह उसके (अल्लाह के) उदार अनुग्रहों के प्रति कृतज्ञता दिखलानेवाला था। अल्लाह ने उसे चुन लिया और उसे सीधे मार्ग पर चलाया ([१६] अन नहल: 121)Tafseer (तफ़सीर )
وَاٰتَيْنٰهُ فِى الدُّنْيَا حَسَنَةً ۗوَاِنَّهٗ فِى الْاٰخِرَةِ لَمِنَ الصّٰلِحِيْنَ ۗ ١٢٢
- waātaynāhu
- وَءَاتَيْنَٰهُ
- और दी हमने उसे
- fī
- فِى
- दुनिया में
- l-dun'yā
- ٱلدُّنْيَا
- दुनिया में
- ḥasanatan
- حَسَنَةًۖ
- भलाई
- wa-innahu
- وَإِنَّهُۥ
- और बेशक वो
- fī
- فِى
- आख़िरत में
- l-ākhirati
- ٱلْءَاخِرَةِ
- आख़िरत में
- lamina
- لَمِنَ
- अलबत्ता सालिहीन में से है
- l-ṣāliḥīna
- ٱلصَّٰلِحِينَ
- अलबत्ता सालिहीन में से है
और हमने उसे दुनिया में भी भलाई दी और आख़िरत में भी वह अच्छे पूर्णकाम लोगों मे से होगा ([१६] अन नहल: 122)Tafseer (तफ़सीर )
ثُمَّ اَوْحَيْنَآ اِلَيْكَ اَنِ اتَّبِعْ مِلَّةَ اِبْرٰهِيْمَ حَنِيْفًا ۗوَمَا كَانَ مِنَ الْمُشْرِكِيْنَ ١٢٣
- thumma
- ثُمَّ
- फिर
- awḥaynā
- أَوْحَيْنَآ
- वही की हमने
- ilayka
- إِلَيْكَ
- तरफ़ आपके
- ani
- أَنِ
- कि
- ittabiʿ
- ٱتَّبِعْ
- पैरवी कीजिए
- millata
- مِلَّةَ
- तरीक़े की
- ib'rāhīma
- إِبْرَٰهِيمَ
- इब्राहीम के
- ḥanīfan
- حَنِيفًاۖ
- जो यकसू था
- wamā
- وَمَا
- और ना
- kāna
- كَانَ
- था वो
- mina
- مِنَ
- मुशरिकीन में से
- l-mush'rikīna
- ٱلْمُشْرِكِينَ
- मुशरिकीन में से
फिर अब हमने तुम्हारी ओर प्रकाशना की, 'इबराहीम के तरीक़े पर चलो, जो बिलकुल एक ओर का हो गया था और बहुदेववादियों में से न था।' ([१६] अन नहल: 123)Tafseer (तफ़सीर )
اِنَّمَا جُعِلَ السَّبْتُ عَلَى الَّذِيْنَ اخْتَلَفُوْا فِيْهِۗ وَاِنَّ رَبَّكَ لَيَحْكُمُ بَيْنَهُمْ يَوْمَ الْقِيٰمَةِ فِيْمَا كَانُوْا فِيْهِ يَخْتَلِفُوْنَ ١٢٤
- innamā
- إِنَّمَا
- बेशक
- juʿila
- جُعِلَ
- फ़र्ज़ किया गया
- l-sabtu
- ٱلسَّبْتُ
- हफ़्ते का दिन
- ʿalā
- عَلَى
- उन लोगों पर
- alladhīna
- ٱلَّذِينَ
- उन लोगों पर
- ikh'talafū
- ٱخْتَلَفُوا۟
- जिन्होंने इख़्तिलाफ़ किया
- fīhi
- فِيهِۚ
- उसमें
- wa-inna
- وَإِنَّ
- औ बेशक
- rabbaka
- رَبَّكَ
- रब आपका
- layaḥkumu
- لَيَحْكُمُ
- अलबत्ता वो फ़ैसला करेगा
- baynahum
- بَيْنَهُمْ
- दर्मियान उनके
- yawma
- يَوْمَ
- दिन
- l-qiyāmati
- ٱلْقِيَٰمَةِ
- क़यामत के
- fīmā
- فِيمَا
- उसमें जो
- kānū
- كَانُوا۟
- थे वो
- fīhi
- فِيهِ
- जिसमें
- yakhtalifūna
- يَخْتَلِفُونَ
- वो इख़्तिलाफ़ करते
'सब्त' तो केवल उन लोगों पर लागू हुआ था जिन्होंने उसके विषय में विभेद किया था। निश्चय ही तुम्हारा रब उनके बीच क़ियामत के दिन उसका फ़ैसला कर देगा, जिसमें वे विभेद करते रहे है ([१६] अन नहल: 124)Tafseer (तफ़सीर )
اُدْعُ اِلٰى سَبِيْلِ رَبِّكَ بِالْحِكْمَةِ وَالْمَوْعِظَةِ الْحَسَنَةِ وَجَادِلْهُمْ بِالَّتِيْ هِيَ اَحْسَنُۗ اِنَّ رَبَّكَ هُوَ اَعْلَمُ بِمَنْ ضَلَّ عَنْ سَبِيْلِهٖ وَهُوَ اَعْلَمُ بِالْمُهْتَدِيْنَ ١٢٥
- ud'ʿu
- ٱدْعُ
- दावत दीजिए
- ilā
- إِلَىٰ
- तरफ़ रास्ते के
- sabīli
- سَبِيلِ
- तरफ़ रास्ते के
- rabbika
- رَبِّكَ
- अपने रब के
- bil-ḥik'mati
- بِٱلْحِكْمَةِ
- साथ हिकमत के
- wal-mawʿiẓati
- وَٱلْمَوْعِظَةِ
- और नसीहत के
- l-ḥasanati
- ٱلْحَسَنَةِۖ
- जो अच्छी हो
- wajādil'hum
- وَجَٰدِلْهُم
- और बहस कीजिए उनसे
- bi-allatī
- بِٱلَّتِى
- साथ उस तरीक़े के
- hiya
- هِىَ
- वो जो
- aḥsanu
- أَحْسَنُۚ
- बेहतरीन है
- inna
- إِنَّ
- बेशक
- rabbaka
- رَبَّكَ
- रब आपका
- huwa
- هُوَ
- वो
- aʿlamu
- أَعْلَمُ
- ख़ूब जानता है
- biman
- بِمَن
- उसे जो
- ḍalla
- ضَلَّ
- भटक गया
- ʿan
- عَن
- उसके रास्ते से
- sabīlihi
- سَبِيلِهِۦۖ
- उसके रास्ते से
- wahuwa
- وَهُوَ
- और वो
- aʿlamu
- أَعْلَمُ
- ख़ूब जानता है
- bil-muh'tadīna
- بِٱلْمُهْتَدِينَ
- हिदायत याफ़्ता को
अपने रब के मार्ग की ओर तत्वदर्शिता और सदुपदेश के साथ बुलाओ और उनसे ऐसे ढंग से वाद विवाद करो जो उत्तम हो। तुम्हारा रब उसे भली-भाँति जानता है जो उसके मार्ग से भटक गया और वह उन्हें भी भली-भाँति जानता है जो मार्ग पर है ([१६] अन नहल: 125)Tafseer (तफ़सीर )
وَاِنْ عَاقَبْتُمْ فَعَاقِبُوْا بِمِثْلِ مَا عُوْقِبْتُمْ بِهٖۗ وَلَىِٕنْ صَبَرْتُمْ لَهُوَ خَيْرٌ لِّلصّٰبِرِيْنَ ١٢٦
- wa-in
- وَإِنْ
- और अगर
- ʿāqabtum
- عَاقَبْتُمْ
- बदला लो तुम
- faʿāqibū
- فَعَاقِبُوا۟
- तो बदला लो
- bimith'li
- بِمِثْلِ
- मानिन्द
- mā
- مَا
- उसके जो
- ʿūqib'tum
- عُوقِبْتُم
- तकलीफ़ दिए गए तुम
- bihi
- بِهِۦۖ
- साथ जिसके
- wala-in
- وَلَئِن
- और अलबत्ता अगर
- ṣabartum
- صَبَرْتُمْ
- सब्र करो तुम
- lahuwa
- لَهُوَ
- अलबत्ता वो
- khayrun
- خَيْرٌ
- बहतर है
- lilṣṣābirīna
- لِّلصَّٰبِرِينَ
- सब्र करने वालों के लिए
और यदि तुम बदला लो तो उतना ही जितना तुम्हें कष्ट पहुँचा हो, किन्तु यदि तुम सब्र करो तो निश्चय ही यह सब्र करनेवालों के लिए ज़्यादा अच्छा है ([१६] अन नहल: 126)Tafseer (तफ़सीर )
وَاصْبِرْ وَمَا صَبْرُكَ اِلَّا بِاللّٰهِ وَلَا تَحْزَنْ عَلَيْهِمْ وَلَا تَكُ فِيْ ضَيْقٍ مِّمَّا يَمْكُرُوْنَ ١٢٧
- wa-iṣ'bir
- وَٱصْبِرْ
- और सब्र कीजिए
- wamā
- وَمَا
- और नहीं
- ṣabruka
- صَبْرُكَ
- सब्र आपका
- illā
- إِلَّا
- मगर
- bil-lahi
- بِٱللَّهِۚ
- साथ अल्लाह (की तोफ़ीक़) के
- walā
- وَلَا
- और ना
- taḥzan
- تَحْزَنْ
- आप ग़म कीजिए
- ʿalayhim
- عَلَيْهِمْ
- उन पर
- walā
- وَلَا
- और ना
- taku
- تَكُ
- आप हों
- fī
- فِى
- घुटन/तंगी में
- ḍayqin
- ضَيْقٍ
- घुटन/तंगी में
- mimmā
- مِّمَّا
- उससे जो
- yamkurūna
- يَمْكُرُونَ
- वो चालें चल रहे हैं
सब्र से काम लो - और तुम्हारा सब्र अल्लाह ही से सम्बद्ध है - और उन पर दुखी न हो और न उससे दिल तंग हो जो चालें वे चलते है ([१६] अन नहल: 127)Tafseer (तफ़सीर )
اِنَّ اللّٰهَ مَعَ الَّذِيْنَ اتَّقَوْا وَّالَّذِيْنَ هُمْ مُّحْسِنُوْنَ ࣖ ۔ ١٢٨
- inna
- إِنَّ
- बेशक
- l-laha
- ٱللَّهَ
- अल्लाह
- maʿa
- مَعَ
- साथ है
- alladhīna
- ٱلَّذِينَ
- उनके जो
- ittaqaw
- ٱتَّقَوا۟
- तक़वा करें
- wa-alladhīna
- وَّٱلَّذِينَ
- और वो लोग जो
- hum
- هُم
- वो
- muḥ'sinūna
- مُّحْسِنُونَ
- एहसान करने वाले हैं
निश्चय ही, अल्लाह उनके साथ है जो डर रखते है और जो उत्तमकार है ([१६] अन नहल: 128)Tafseer (तफ़सीर )