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सूरा अन नहल - Page: 13

An-Nahl

(मधुमक्खी)

१२१

شَاكِرًا لِّاَنْعُمِهِ ۖاجْتَبٰىهُ وَهَدٰىهُ اِلٰى صِرَاطٍ مُّسْتَقِيْمٍ ١٢١

shākiran
شَاكِرًا
शुक्र गुज़ार था
li-anʿumihi
لِّأَنْعُمِهِۚ
उसकी नेअमतों पर
ij'tabāhu
ٱجْتَبَىٰهُ
उसने चुन लिया उसे
wahadāhu
وَهَدَىٰهُ
और उसने हिदायत दी उसे
ilā
إِلَىٰ
तरफ़ रास्ते
ṣirāṭin
صِرَٰطٍ
तरफ़ रास्ते
mus'taqīmin
مُّسْتَقِيمٍ
सीधे के
वह उसके (अल्लाह के) उदार अनुग्रहों के प्रति कृतज्ञता दिखलानेवाला था। अल्लाह ने उसे चुन लिया और उसे सीधे मार्ग पर चलाया ([१६] अन नहल: 121)
Tafseer (तफ़सीर )
१२२

وَاٰتَيْنٰهُ فِى الدُّنْيَا حَسَنَةً ۗوَاِنَّهٗ فِى الْاٰخِرَةِ لَمِنَ الصّٰلِحِيْنَ ۗ ١٢٢

waātaynāhu
وَءَاتَيْنَٰهُ
और दी हमने उसे
فِى
दुनिया में
l-dun'yā
ٱلدُّنْيَا
दुनिया में
ḥasanatan
حَسَنَةًۖ
भलाई
wa-innahu
وَإِنَّهُۥ
और बेशक वो
فِى
आख़िरत में
l-ākhirati
ٱلْءَاخِرَةِ
आख़िरत में
lamina
لَمِنَ
अलबत्ता सालिहीन में से है
l-ṣāliḥīna
ٱلصَّٰلِحِينَ
अलबत्ता सालिहीन में से है
और हमने उसे दुनिया में भी भलाई दी और आख़िरत में भी वह अच्छे पूर्णकाम लोगों मे से होगा ([१६] अन नहल: 122)
Tafseer (तफ़सीर )
१२३

ثُمَّ اَوْحَيْنَآ اِلَيْكَ اَنِ اتَّبِعْ مِلَّةَ اِبْرٰهِيْمَ حَنِيْفًا ۗوَمَا كَانَ مِنَ الْمُشْرِكِيْنَ ١٢٣

thumma
ثُمَّ
फिर
awḥaynā
أَوْحَيْنَآ
वही की हमने
ilayka
إِلَيْكَ
तरफ़ आपके
ani
أَنِ
कि
ittabiʿ
ٱتَّبِعْ
पैरवी कीजिए
millata
مِلَّةَ
तरीक़े की
ib'rāhīma
إِبْرَٰهِيمَ
इब्राहीम के
ḥanīfan
حَنِيفًاۖ
जो यकसू था
wamā
وَمَا
और ना
kāna
كَانَ
था वो
mina
مِنَ
मुशरिकीन में से
l-mush'rikīna
ٱلْمُشْرِكِينَ
मुशरिकीन में से
फिर अब हमने तुम्हारी ओर प्रकाशना की, 'इबराहीम के तरीक़े पर चलो, जो बिलकुल एक ओर का हो गया था और बहुदेववादियों में से न था।' ([१६] अन नहल: 123)
Tafseer (तफ़सीर )
१२४

اِنَّمَا جُعِلَ السَّبْتُ عَلَى الَّذِيْنَ اخْتَلَفُوْا فِيْهِۗ وَاِنَّ رَبَّكَ لَيَحْكُمُ بَيْنَهُمْ يَوْمَ الْقِيٰمَةِ فِيْمَا كَانُوْا فِيْهِ يَخْتَلِفُوْنَ ١٢٤

innamā
إِنَّمَا
बेशक
juʿila
جُعِلَ
फ़र्ज़ किया गया
l-sabtu
ٱلسَّبْتُ
हफ़्ते का दिन
ʿalā
عَلَى
उन लोगों पर
alladhīna
ٱلَّذِينَ
उन लोगों पर
ikh'talafū
ٱخْتَلَفُوا۟
जिन्होंने इख़्तिलाफ़ किया
fīhi
فِيهِۚ
उसमें
wa-inna
وَإِنَّ
औ बेशक
rabbaka
رَبَّكَ
रब आपका
layaḥkumu
لَيَحْكُمُ
अलबत्ता वो फ़ैसला करेगा
baynahum
بَيْنَهُمْ
दर्मियान उनके
yawma
يَوْمَ
दिन
l-qiyāmati
ٱلْقِيَٰمَةِ
क़यामत के
fīmā
فِيمَا
उसमें जो
kānū
كَانُوا۟
थे वो
fīhi
فِيهِ
जिसमें
yakhtalifūna
يَخْتَلِفُونَ
वो इख़्तिलाफ़ करते
'सब्त' तो केवल उन लोगों पर लागू हुआ था जिन्होंने उसके विषय में विभेद किया था। निश्चय ही तुम्हारा रब उनके बीच क़ियामत के दिन उसका फ़ैसला कर देगा, जिसमें वे विभेद करते रहे है ([१६] अन नहल: 124)
Tafseer (तफ़सीर )
१२५

اُدْعُ اِلٰى سَبِيْلِ رَبِّكَ بِالْحِكْمَةِ وَالْمَوْعِظَةِ الْحَسَنَةِ وَجَادِلْهُمْ بِالَّتِيْ هِيَ اَحْسَنُۗ اِنَّ رَبَّكَ هُوَ اَعْلَمُ بِمَنْ ضَلَّ عَنْ سَبِيْلِهٖ وَهُوَ اَعْلَمُ بِالْمُهْتَدِيْنَ ١٢٥

ud'ʿu
ٱدْعُ
दावत दीजिए
ilā
إِلَىٰ
तरफ़ रास्ते के
sabīli
سَبِيلِ
तरफ़ रास्ते के
rabbika
رَبِّكَ
अपने रब के
bil-ḥik'mati
بِٱلْحِكْمَةِ
साथ हिकमत के
wal-mawʿiẓati
وَٱلْمَوْعِظَةِ
और नसीहत के
l-ḥasanati
ٱلْحَسَنَةِۖ
जो अच्छी हो
wajādil'hum
وَجَٰدِلْهُم
और बहस कीजिए उनसे
bi-allatī
بِٱلَّتِى
साथ उस तरीक़े के
hiya
هِىَ
वो जो
aḥsanu
أَحْسَنُۚ
बेहतरीन है
inna
إِنَّ
बेशक
rabbaka
رَبَّكَ
रब आपका
huwa
هُوَ
वो
aʿlamu
أَعْلَمُ
ख़ूब जानता है
biman
بِمَن
उसे जो
ḍalla
ضَلَّ
भटक गया
ʿan
عَن
उसके रास्ते से
sabīlihi
سَبِيلِهِۦۖ
उसके रास्ते से
wahuwa
وَهُوَ
और वो
aʿlamu
أَعْلَمُ
ख़ूब जानता है
bil-muh'tadīna
بِٱلْمُهْتَدِينَ
हिदायत याफ़्ता को
अपने रब के मार्ग की ओर तत्वदर्शिता और सदुपदेश के साथ बुलाओ और उनसे ऐसे ढंग से वाद विवाद करो जो उत्तम हो। तुम्हारा रब उसे भली-भाँति जानता है जो उसके मार्ग से भटक गया और वह उन्हें भी भली-भाँति जानता है जो मार्ग पर है ([१६] अन नहल: 125)
Tafseer (तफ़सीर )
१२६

وَاِنْ عَاقَبْتُمْ فَعَاقِبُوْا بِمِثْلِ مَا عُوْقِبْتُمْ بِهٖۗ وَلَىِٕنْ صَبَرْتُمْ لَهُوَ خَيْرٌ لِّلصّٰبِرِيْنَ ١٢٦

wa-in
وَإِنْ
और अगर
ʿāqabtum
عَاقَبْتُمْ
बदला लो तुम
faʿāqibū
فَعَاقِبُوا۟
तो बदला लो
bimith'li
بِمِثْلِ
मानिन्द
مَا
उसके जो
ʿūqib'tum
عُوقِبْتُم
तकलीफ़ दिए गए तुम
bihi
بِهِۦۖ
साथ जिसके
wala-in
وَلَئِن
और अलबत्ता अगर
ṣabartum
صَبَرْتُمْ
सब्र करो तुम
lahuwa
لَهُوَ
अलबत्ता वो
khayrun
خَيْرٌ
बहतर है
lilṣṣābirīna
لِّلصَّٰبِرِينَ
सब्र करने वालों के लिए
और यदि तुम बदला लो तो उतना ही जितना तुम्हें कष्ट पहुँचा हो, किन्तु यदि तुम सब्र करो तो निश्चय ही यह सब्र करनेवालों के लिए ज़्यादा अच्छा है ([१६] अन नहल: 126)
Tafseer (तफ़सीर )
१२७

وَاصْبِرْ وَمَا صَبْرُكَ اِلَّا بِاللّٰهِ وَلَا تَحْزَنْ عَلَيْهِمْ وَلَا تَكُ فِيْ ضَيْقٍ مِّمَّا يَمْكُرُوْنَ ١٢٧

wa-iṣ'bir
وَٱصْبِرْ
और सब्र कीजिए
wamā
وَمَا
और नहीं
ṣabruka
صَبْرُكَ
सब्र आपका
illā
إِلَّا
मगर
bil-lahi
بِٱللَّهِۚ
साथ अल्लाह (की तोफ़ीक़) के
walā
وَلَا
और ना
taḥzan
تَحْزَنْ
आप ग़म कीजिए
ʿalayhim
عَلَيْهِمْ
उन पर
walā
وَلَا
और ना
taku
تَكُ
आप हों
فِى
घुटन/तंगी में
ḍayqin
ضَيْقٍ
घुटन/तंगी में
mimmā
مِّمَّا
उससे जो
yamkurūna
يَمْكُرُونَ
वो चालें चल रहे हैं
सब्र से काम लो - और तुम्हारा सब्र अल्लाह ही से सम्बद्ध है - और उन पर दुखी न हो और न उससे दिल तंग हो जो चालें वे चलते है ([१६] अन नहल: 127)
Tafseer (तफ़सीर )
१२८

اِنَّ اللّٰهَ مَعَ الَّذِيْنَ اتَّقَوْا وَّالَّذِيْنَ هُمْ مُّحْسِنُوْنَ ࣖ ۔ ١٢٨

inna
إِنَّ
बेशक
l-laha
ٱللَّهَ
अल्लाह
maʿa
مَعَ
साथ है
alladhīna
ٱلَّذِينَ
उनके जो
ittaqaw
ٱتَّقَوا۟
तक़वा करें
wa-alladhīna
وَّٱلَّذِينَ
और वो लोग जो
hum
هُم
वो
muḥ'sinūna
مُّحْسِنُونَ
एहसान करने वाले हैं
निश्चय ही, अल्लाह उनके साथ है जो डर रखते है और जो उत्तमकार है ([१६] अन नहल: 128)
Tafseer (तफ़सीर )