اَتٰىٓ اَمْرُ اللّٰهِ فَلَا تَسْتَعْجِلُوْهُ ۗسُبْحٰنَهٗ وَتَعٰلٰى عَمَّا يُشْرِكُوْنَ ١
- atā
- أَتَىٰٓ
- आ पहुँचा
- amru
- أَمْرُ
- हुक्म
- l-lahi
- ٱللَّهِ
- अल्लाह का
- falā
- فَلَا
- पस ना
- tastaʿjilūhu
- تَسْتَعْجِلُوهُۚ
- तुम जल्दी माँगो उसे
- sub'ḥānahu
- سُبْحَٰنَهُۥ
- पाक है वो
- wataʿālā
- وَتَعَٰلَىٰ
- और बुलन्द तर है
- ʿammā
- عَمَّا
- उससे जो
- yush'rikūna
- يُشْرِكُونَ
- वो शरीक ठहराते हैं
आ गया आदेश अल्लाह का, तो अब उसके लिए जल्दी न मचाओ। वह महान और उच्च है उस शिर्क से जो व कर रहे है ([१६] अन नहल: 1)Tafseer (तफ़सीर )
يُنَزِّلُ الْمَلٰۤىِٕكَةَ بِالرُّوْحِ مِنْ اَمْرِهٖ عَلٰى مَنْ يَّشَاۤءُ مِنْ عِبَادِهٖٓ اَنْ اَنْذِرُوْٓا اَنَّهٗ لَآ اِلٰهَ اِلَّآ اَنَا۠ فَاتَّقُوْنِ ٢
- yunazzilu
- يُنَزِّلُ
- वो उतारता है
- l-malāikata
- ٱلْمَلَٰٓئِكَةَ
- फ़रिश्तों को
- bil-rūḥi
- بِٱلرُّوحِ
- साथ वही के
- min
- مِنْ
- अपने हुक्म से
- amrihi
- أَمْرِهِۦ
- अपने हुक्म से
- ʿalā
- عَلَىٰ
- जिस पर
- man
- مَن
- जिस पर
- yashāu
- يَشَآءُ
- वो चाहता है
- min
- مِنْ
- अपने बन्दों में से
- ʿibādihi
- عِبَادِهِۦٓ
- अपने बन्दों में से
- an
- أَنْ
- कि
- andhirū
- أَنذِرُوٓا۟
- तुम डराओ (लोगों को)
- annahu
- أَنَّهُۥ
- कि बेशक वो
- lā
- لَآ
- नहीं
- ilāha
- إِلَٰهَ
- कोई इलाह (बरहक़)
- illā
- إِلَّآ
- मगर
- anā
- أَنَا۠
- मैं ही
- fa-ittaqūni
- فَٱتَّقُونِ
- पस डरो मुझसे
वह फ़रिश्तों को अपने हुक्म की रूह (वह्यल) के साथ अपने जिस बन्दे पर चाहता है उतारता है कि 'सचेत कर दो, मेरे सिवा कोई पूज्य-प्रभु नहीं। अतः तुम मेरा ही डर रखो।' ([१६] अन नहल: 2)Tafseer (तफ़सीर )
خَلَقَ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضَ بِالْحَقِّۗ تَعٰلٰى عَمَّا يُشْرِكُوْنَ ٣
- khalaqa
- خَلَقَ
- उसने पैदा किया
- l-samāwāti
- ٱلسَّمَٰوَٰتِ
- आसमानों
- wal-arḍa
- وَٱلْأَرْضَ
- और ज़मीन को
- bil-ḥaqi
- بِٱلْحَقِّۚ
- साथ हक़ के
- taʿālā
- تَعَٰلَىٰ
- बुलन्द तर है
- ʿammā
- عَمَّا
- उससे जो
- yush'rikūna
- يُشْرِكُونَ
- वो शरीक ठहराते हैं
उसने आकाशों और धरती को सोद्देश्य पैदा किया। वह अत्यन्त उच्च है उस शिर्क से जो वे कर रहे है ([१६] अन नहल: 3)Tafseer (तफ़सीर )
خَلَقَ الْاِنْسَانَ مِنْ نُّطْفَةٍ فَاِذَا هُوَ خَصِيْمٌ مُّبِيْنٌ ٤
- khalaqa
- خَلَقَ
- उसने पैदा किया
- l-insāna
- ٱلْإِنسَٰنَ
- इन्सान को
- min
- مِن
- एक नुत्फ़े से
- nuṭ'fatin
- نُّطْفَةٍ
- एक नुत्फ़े से
- fa-idhā
- فَإِذَا
- फिर अचानक
- huwa
- هُوَ
- वो
- khaṣīmun
- خَصِيمٌ
- झगड़ालू है
- mubīnun
- مُّبِينٌ
- खुल्लम-खुल्ला
उसने मनुष्यों को एक बूँद से पैदा किया। फिर क्या देखते है कि वह खुला झगड़नेवाला बन गया! ([१६] अन नहल: 4)Tafseer (तफ़सीर )
وَالْاَنْعَامَ خَلَقَهَا لَكُمْ فِيْهَا دِفْءٌ وَّمَنَافِعُ وَمِنْهَا تَأْكُلُوْنَ ٥
- wal-anʿāma
- وَٱلْأَنْعَٰمَ
- और चौपाए
- khalaqahā
- خَلَقَهَاۗ
- उसने पैदा किया उन्हें
- lakum
- لَكُمْ
- तुम्हारे लिए
- fīhā
- فِيهَا
- उनमें
- dif'on
- دِفْءٌ
- गरमी का सामान है
- wamanāfiʿu
- وَمَنَٰفِعُ
- और कई फ़ायदे हैं
- wamin'hā
- وَمِنْهَا
- और उनमें से
- takulūna
- تَأْكُلُونَ
- तुम खाते हो
रहे पशु, उन्हें भी उसी ने पैदा किया, जिसमें तुम्हारे लिए ऊष्मा प्राप्त करने का सामान भी है और हैं अन्य कितने ही लाभ। उनमें से कुछ को तुम खाते भी हो ([१६] अन नहल: 5)Tafseer (तफ़सीर )
وَلَكُمْ فِيْهَا جَمَالٌ حِيْنَ تُرِيْحُوْنَ وَحِيْنَ تَسْرَحُوْنَۖ ٦
- walakum
- وَلَكُمْ
- और तुम्हारे लिए
- fīhā
- فِيهَا
- उनमें
- jamālun
- جَمَالٌ
- ख़ूब सूरती है
- ḥīna
- حِينَ
- जिस वक़्त
- turīḥūna
- تُرِيحُونَ
- तुम शाम को चरा कर लाते हो
- waḥīna
- وَحِينَ
- और जिस वक़्त
- tasraḥūna
- تَسْرَحُونَ
- तुम सुबह चराने जाते हो
उनमें तुम्हारे लिए सौन्दर्य भी है, जबकि तुम सायंकाल उन्हें लाते और जबकि तुम उन्हें चराने ले जाते हो ([१६] अन नहल: 6)Tafseer (तफ़सीर )
وَتَحْمِلُ اَثْقَالَكُمْ اِلٰى بَلَدٍ لَّمْ تَكُوْنُوْا بٰلِغِيْهِ اِلَّا بِشِقِّ الْاَنْفُسِۗ اِنَّ رَبَّكُمْ لَرَءُوْفٌ رَّحِيْمٌۙ ٧
- wataḥmilu
- وَتَحْمِلُ
- और वो उठा ले जाते हैं
- athqālakum
- أَثْقَالَكُمْ
- बोझ तुम्हारे
- ilā
- إِلَىٰ
- तरफ़ उस शहर के
- baladin
- بَلَدٍ
- तरफ़ उस शहर के
- lam
- لَّمْ
- ना
- takūnū
- تَكُونُوا۟
- थे तुम
- bālighīhi
- بَٰلِغِيهِ
- पहुँचने वाले उस तक
- illā
- إِلَّا
- मगर
- bishiqqi
- بِشِقِّ
- साथ मशक़्क़त के
- l-anfusi
- ٱلْأَنفُسِۚ
- जानों की
- inna
- إِنَّ
- बेशक
- rabbakum
- رَبَّكُمْ
- रब तुम्हारा
- laraūfun
- لَرَءُوفٌ
- अलबत्ता बहुत शफ़क़त करने वाला है
- raḥīmun
- رَّحِيمٌ
- निहायत रहम करने वाला है
वे तुम्हारे बोझ ढोकर ऐसे भूभाग तक ले जाते हैं, जहाँ तुम जी-तोड़ परिश्रम के बिना नहीं पहुँच सकते थे। निस्संदेह तुम्हारा रब बड़ा ही करुणामय, दयावान है ([१६] अन नहल: 7)Tafseer (तफ़सीर )
وَّالْخَيْلَ وَالْبِغَالَ وَالْحَمِيْرَ لِتَرْكَبُوْهَا وَزِيْنَةًۗ وَيَخْلُقُ مَا لَا تَعْلَمُوْنَ ٨
- wal-khayla
- وَٱلْخَيْلَ
- और घोड़े
- wal-bighāla
- وَٱلْبِغَالَ
- और ख़च्चर
- wal-ḥamīra
- وَٱلْحَمِيرَ
- और गधे
- litarkabūhā
- لِتَرْكَبُوهَا
- ताकि तुम सवारी करो उन पर
- wazīnatan
- وَزِينَةًۚ
- और ज़ीनत भी हैं
- wayakhluqu
- وَيَخْلُقُ
- और वो पैदा करेगा
- mā
- مَا
- जो
- lā
- لَا
- नहीं
- taʿlamūna
- تَعْلَمُونَ
- तुम जानते
और घोड़े और खच्चर और गधे भी पैदा किए, ताकि तुम उनपर सवार हो और शोभा का कारण भी। और वह उसे भी पैदा करता है, जिसे तुम नहीं जानते ([१६] अन नहल: 8)Tafseer (तफ़सीर )
وَعَلَى اللّٰهِ قَصْدُ السَّبِيْلِ وَمِنْهَا جَاۤىِٕرٌ ۗوَلَوْ شَاۤءَ لَهَدٰىكُمْ اَجْمَعِيْنَ ࣖ ٩
- waʿalā
- وَعَلَى
- और अल्लाह ही पर है
- l-lahi
- ٱللَّهِ
- और अल्लाह ही पर है
- qaṣdu
- قَصْدُ
- सीधा
- l-sabīli
- ٱلسَّبِيلِ
- रास्ता
- wamin'hā
- وَمِنْهَا
- और उनमें से कुछ
- jāirun
- جَآئِرٌۚ
- टेढ़े हैं
- walaw
- وَلَوْ
- और अगर
- shāa
- شَآءَ
- वो चाहता
- lahadākum
- لَهَدَىٰكُمْ
- अलबत्ता हिदायत दे देता तुम्हें
- ajmaʿīna
- أَجْمَعِينَ
- सबके सबको
अल्लाह के लिए ज़रूरी है उचित एवं अनुकूल मार्ग दिखाना और कुछ मार्ग टेढ़े भी है। यदि वह चाहता तो तुम सबको अवश्य सीधा मार्ग दिखा देता ([१६] अन नहल: 9)Tafseer (तफ़सीर )
هُوَ الَّذِيْٓ اَنْزَلَ مِنَ السَّمَاۤءِ مَاۤءً لَّكُمْ مِّنْهُ شَرَابٌ وَّمِنْهُ شَجَرٌ فِيْهِ تُسِيْمُوْنَ ١٠
- huwa
- هُوَ
- वो ही है
- alladhī
- ٱلَّذِىٓ
- जिसने
- anzala
- أَنزَلَ
- उतारा
- mina
- مِنَ
- आसमान से
- l-samāi
- ٱلسَّمَآءِ
- आसमान से
- māan
- مَآءًۖ
- पानी
- lakum
- لَّكُم
- तुम्हारे लिए
- min'hu
- مِّنْهُ
- उसमें से
- sharābun
- شَرَابٌ
- पीना है
- wamin'hu
- وَمِنْهُ
- और उसमें से
- shajarun
- شَجَرٌ
- दरख़्त है
- fīhi
- فِيهِ
- जिसमें
- tusīmūna
- تُسِيمُونَ
- तुम चराते हो
वही है जिसने आकाश से तुम्हारे लिए पानी उतारा, जिसे तुम पीते हो और उसी से पेड़ और वनस्पतियाँ भी उगती है, जिनमें तुम जानवरों को चराते हो ([१६] अन नहल: 10)Tafseer (तफ़सीर )