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सूरा अल हिज्र - Page: 9

Al-Hijr

(पथरीली ज़मीन, पत्थरों का नगर)

८१

وَاٰتَيْنٰهُمْ اٰيٰتِنَا فَكَانُوْا عَنْهَا مُعْرِضِيْنَۙ ٨١

waātaynāhum
وَءَاتَيْنَٰهُمْ
और दीं हमने इन्हें
āyātinā
ءَايَٰتِنَا
अपनी निशानियाँ
fakānū
فَكَانُوا۟
तो थे वो
ʿanhā
عَنْهَا
उनसे
muʿ'riḍīna
مُعْرِضِينَ
ऐराज़ करने वाले
हमने तो उन्हें अपनी निशानियाँ प्रदान की थी, परन्तु वे उनकी उपेक्षा ही करते रहे ([१५] अल हिज्र: 81)
Tafseer (तफ़सीर )
८२

وَكَانُوْا يَنْحِتُوْنَ مِنَ الْجِبَالِ بُيُوْتًا اٰمِنِيْنَ ٨٢

wakānū
وَكَانُوا۟
और थे वो
yanḥitūna
يَنْحِتُونَ
वो तराशते
mina
مِنَ
पहाड़ों से
l-jibāli
ٱلْجِبَالِ
पहाड़ों से
buyūtan
بُيُوتًا
घरों को
āminīna
ءَامِنِينَ
अमन से रहने वाले
वे बड़ी बेफ़िक्री से पहाड़ो को काट-काटकर घर बनाते थे ([१५] अल हिज्र: 82)
Tafseer (तफ़सीर )
८३

فَاَخَذَتْهُمُ الصَّيْحَةُ مُصْبِحِيْنَۙ ٨٣

fa-akhadhathumu
فَأَخَذَتْهُمُ
तो पकड़ लिया उन्हें
l-ṣayḥatu
ٱلصَّيْحَةُ
चिंघाड़ ने
muṣ'biḥīna
مُصْبِحِينَ
जबकि वो सुबह करने वाले थे
अन्ततः एक भयानक आवाज़ ने प्रातः होते- होते उन्हें आ लिया ([१५] अल हिज्र: 83)
Tafseer (तफ़सीर )
८४

فَمَآ اَغْنٰى عَنْهُمْ مَّا كَانُوْا يَكْسِبُوْنَۗ ٨٤

famā
فَمَآ
तो ना
aghnā
أَغْنَىٰ
काम आया
ʿanhum
عَنْهُم
उन्हें
مَّا
जो कुछ
kānū
كَانُوا۟
थे वो
yaksibūna
يَكْسِبُونَ
वो कमाई करते
फिर जो कुछ वे कमाते रहे, वह उनके कुछ काम न आ सका ([१५] अल हिज्र: 84)
Tafseer (तफ़सीर )
८५

وَمَا خَلَقْنَا السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضَ وَمَا بَيْنَهُمَآ اِلَّا بِالْحَقِّۗ وَاِنَّ السَّاعَةَ لَاٰتِيَةٌ فَاصْفَحِ الصَّفْحَ الْجَمِيْلَ ٨٥

wamā
وَمَا
और नहीं
khalaqnā
خَلَقْنَا
पैदा किया हमने
l-samāwāti
ٱلسَّمَٰوَٰتِ
आसमानों
wal-arḍa
وَٱلْأَرْضَ
और ज़मीन को
wamā
وَمَا
और जो
baynahumā
بَيْنَهُمَآ
दर्मियान है इन दोनों के
illā
إِلَّا
मगर
bil-ḥaqi
بِٱلْحَقِّۗ
साथ हक़ के
wa-inna
وَإِنَّ
और बेशक
l-sāʿata
ٱلسَّاعَةَ
क़यामत
laātiyatun
لَءَاتِيَةٌۖ
ज़रूर आनेवाली है
fa-iṣ'faḥi
فَٱصْفَحِ
पस दरगुज़र कीजिए
l-ṣafḥa
ٱلصَّفْحَ
दरगुज़र करना
l-jamīla
ٱلْجَمِيلَ
ख़ूबसूरती से
हमने तो आकाशों और धरती को और जो कुछ उनके मध्य है, सोद्देश्य पैदा किया है, और वह क़ियामत की घड़ी तो अनिवार्यतः आनेवाली है। अतः तुम भली प्रकार दरगुज़र (क्षमा) से काम लो ([१५] अल हिज्र: 85)
Tafseer (तफ़सीर )
८६

اِنَّ رَبَّكَ هُوَ الْخَلّٰقُ الْعَلِيْمُ ٨٦

inna
إِنَّ
बेशक
rabbaka
رَبَّكَ
रब आपका
huwa
هُوَ
वो ही है
l-khalāqu
ٱلْخَلَّٰقُ
ख़ूब पैदा करने वाला
l-ʿalīmu
ٱلْعَلِيمُ
ख़ूब जानने वाला
निश्चय ही तुम्हारा रब ही बड़ा पैदा करनेवाला, सब कुछ जाननेवाला है ([१५] अल हिज्र: 86)
Tafseer (तफ़सीर )
८७

وَلَقَدْ اٰتَيْنٰكَ سَبْعًا مِّنَ الْمَثَانِيْ وَالْقُرْاٰنَ الْعَظِيْمَ ٨٧

walaqad
وَلَقَدْ
और अलबत्ता तहक़ीक़
ātaynāka
ءَاتَيْنَٰكَ
दीं हमने आपको
sabʿan
سَبْعًا
सात
mina
مِّنَ
दोहराई जाने वाली (आयात)
l-mathānī
ٱلْمَثَانِى
दोहराई जाने वाली (आयात)
wal-qur'āna
وَٱلْقُرْءَانَ
और क़ुरआने
l-ʿaẓīma
ٱلْعَظِيمَ
अज़ीम
हमने तुम्हें सात 'मसानी' का समूह यानी महान क़ुरआन दिया- ([१५] अल हिज्र: 87)
Tafseer (तफ़सीर )
८८

لَا تَمُدَّنَّ عَيْنَيْكَ اِلٰى مَا مَتَّعْنَا بِهٖٓ اَزْوَاجًا مِّنْهُمْ وَلَا تَحْزَنْ عَلَيْهِمْ وَاخْفِضْ جَنَاحَكَ لِلْمُؤْمِنِيْنَ ٨٨

لَا
गरगिज़ ना आप दराज़ कीजिए
tamuddanna
تَمُدَّنَّ
गरगिज़ ना आप दराज़ कीजिए
ʿaynayka
عَيْنَيْكَ
अपनी दोनो आँखें
ilā
إِلَىٰ
तरफ़ उसके जो
مَا
तरफ़ उसके जो
mattaʿnā
مَتَّعْنَا
फ़ायदा दिया हमने
bihi
بِهِۦٓ
साथ जिसके
azwājan
أَزْوَٰجًا
मुख़्तलिफ़ लोगों को
min'hum
مِّنْهُمْ
उनमें से
walā
وَلَا
और ना
taḥzan
تَحْزَنْ
आप ग़म कीजिए
ʿalayhim
عَلَيْهِمْ
उन पर
wa-ikh'fiḍ
وَٱخْفِضْ
और झुका लीजिए
janāḥaka
جَنَاحَكَ
बाज़ू अपना
lil'mu'minīna
لِلْمُؤْمِنِينَ
मोमिनों के लिए
जो कुछ सुख-सामग्री हमने उनमें से विभिन्न प्रकार के लोगों को दी है, तुम उसपर अपनी आँखें न पसारो और न उनपर दुखी हो, तुम तो अपनी भुजाएँ मोमिनों के लिए झुकाए रखो, ([१५] अल हिज्र: 88)
Tafseer (तफ़सीर )
८९

وَقُلْ اِنِّيْٓ اَنَا النَّذِيْرُ الْمُبِيْنُۚ ٨٩

waqul
وَقُلْ
और कह दीजिए
innī
إِنِّىٓ
बेशक मैं
anā
أَنَا
मैं तो
l-nadhīru
ٱلنَّذِيرُ
डराने वाला हूँ
l-mubīnu
ٱلْمُبِينُ
खुल्लम-खुल्ला
और कह दो, 'मैं तो साफ़-साफ़ चेतावनी देनेवाला हूँ।' ([१५] अल हिज्र: 89)
Tafseer (तफ़सीर )
९०

كَمَآ اَنْزَلْنَا عَلَى الْمُقْتَسِمِيْنَۙ ٩٠

kamā
كَمَآ
जैसा कि
anzalnā
أَنزَلْنَا
नाज़िल किया हमने
ʿalā
عَلَى
तक़सीम करने वालों पर
l-muq'tasimīna
ٱلْمُقْتَسِمِينَ
तक़सीम करने वालों पर
जिस प्रकार हमने हिस्सा-बख़रा करनेवालों पर उतारा था, ([१५] अल हिज्र: 90)
Tafseer (तफ़सीर )