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सूरा अल हिज्र - Page: 10

Al-Hijr

(पथरीली ज़मीन, पत्थरों का नगर)

९१

الَّذِيْنَ جَعَلُوا الْقُرْاٰنَ عِضِيْنَ ٩١

alladhīna
ٱلَّذِينَ
वो जिन्होंने
jaʿalū
جَعَلُوا۟
कर दिया
l-qur'āna
ٱلْقُرْءَانَ
क़ुरआन को
ʿiḍīna
عِضِينَ
टुकड़े-टुकड़े
जिन्होंने (अपने) क़ुरआन को टुकड़े-टुकड़े कर डाला ([१५] अल हिज्र: 91)
Tafseer (तफ़सीर )
९२

فَوَرَبِّكَ لَنَسْـَٔلَنَّهُمْ اَجْمَعِيْنَۙ ٩٢

fawarabbika
فَوَرَبِّكَ
पस क़सम है आपके रब की
lanasalannahum
لَنَسْـَٔلَنَّهُمْ
अलबत्ता हम ज़रूर सवाल करेंगे उनसे
ajmaʿīna
أَجْمَعِينَ
सबके सबसे
अब तुम्हारे रब की क़सम! हम अवश्य ही उन सबसे उसके विषय में पूछेंगे ([१५] अल हिज्र: 92)
Tafseer (तफ़सीर )
९३

عَمَّا كَانُوْا يَعْمَلُوْنَ ٩٣

ʿammā
عَمَّا
उस चीज़ के बारे में जो
kānū
كَانُوا۟
थे वो
yaʿmalūna
يَعْمَلُونَ
वो अमल करते
जो कुछ वे करते रहे। ([१५] अल हिज्र: 93)
Tafseer (तफ़सीर )
९४

فَاصْدَعْ بِمَا تُؤْمَرُ وَاَعْرِضْ عَنِ الْمُشْرِكِيْنَ ٩٤

fa-iṣ'daʿ
فَٱصْدَعْ
पस आप खुल्लम-खुल्ला सुना दीजिए
bimā
بِمَا
जिसका
tu'maru
تُؤْمَرُ
आप हुक्म दिए जाते हो
wa-aʿriḍ
وَأَعْرِضْ
और ऐराज़ कीजिए
ʿani
عَنِ
मुशरिकों से
l-mush'rikīna
ٱلْمُشْرِكِينَ
मुशरिकों से
अतः तु्म्हें जिस चीज़ का आदेश हुआ है, उसे हाँक-पुकारकर बयान कर दो, और मुशरिको की ओर ध्यान न दो ([१५] अल हिज्र: 94)
Tafseer (तफ़सीर )
९५

اِنَّا كَفَيْنٰكَ الْمُسْتَهْزِءِيْنَۙ ٩٥

innā
إِنَّا
बेशक हम
kafaynāka
كَفَيْنَٰكَ
काफ़ी हैं हम आपको
l-mus'tahziīna
ٱلْمُسْتَهْزِءِينَ
मज़ाक़ उड़ाने वालों से
उपहास करनेवालों के लिए हम तुम्हारी ओर से काफ़ी है ([१५] अल हिज्र: 95)
Tafseer (तफ़सीर )
९६

الَّذِيْنَ يَجْعَلُوْنَ مَعَ اللّٰهِ اِلٰهًا اٰخَرَۚ فَسَوْفَ يَعْلَمُوْنَ ٩٦

alladhīna
ٱلَّذِينَ
वो लोग जो
yajʿalūna
يَجْعَلُونَ
बना लेते हैं
maʿa
مَعَ
साथ
l-lahi
ٱللَّهِ
अल्लाह के
ilāhan
إِلَٰهًا
इलाह
ākhara
ءَاخَرَۚ
दूसरा
fasawfa
فَسَوْفَ
पस अनक़रीब
yaʿlamūna
يَعْلَمُونَ
वो जान लेंगे
जो अल्लाह के साथ दूसरों को पूज्य-प्रभु ठहराते है, तो शीघ्र ही उन्हें मालूम हो जाएगा! ([१५] अल हिज्र: 96)
Tafseer (तफ़सीर )
९७

وَلَقَدْ نَعْلَمُ اَنَّكَ يَضِيْقُ صَدْرُكَ بِمَا يَقُوْلُوْنَۙ ٩٧

walaqad
وَلَقَدْ
और अलबत्ता तहक़ीक़
naʿlamu
نَعْلَمُ
हम जानते हैं
annaka
أَنَّكَ
कि बेशक आप
yaḍīqu
يَضِيقُ
तंग होता है
ṣadruka
صَدْرُكَ
सीना आपका
bimā
بِمَا
बवजह उसके जो
yaqūlūna
يَقُولُونَ
वो कहते हैं
हम जानते है कि वे जो कुछ कहते है, उससे तुम्हारा दिल तंग होता है ([१५] अल हिज्र: 97)
Tafseer (तफ़सीर )
९८

فَسَبِّحْ بِحَمْدِ رَبِّكَ وَكُنْ مِّنَ السَّاجِدِيْنَۙ ٩٨

fasabbiḥ
فَسَبِّحْ
पस तस्बीह कीजिए
biḥamdi
بِحَمْدِ
साथ हम्द के
rabbika
رَبِّكَ
अपने रब की
wakun
وَكُن
और हो जाइए
mina
مِّنَ
सजदा करने वालों में से
l-sājidīna
ٱلسَّٰجِدِينَ
सजदा करने वालों में से
तो तुम अपने रब का गुणगान करो और सजदा करनेवालों में सम्मिलित रहो ([१५] अल हिज्र: 98)
Tafseer (तफ़सीर )
९९

وَاعْبُدْ رَبَّكَ حَتّٰى يَأْتِيَكَ الْيَقِيْنُ ࣖࣖ ٩٩

wa-uʿ'bud
وَٱعْبُدْ
और इबादत कीजिए
rabbaka
رَبَّكَ
अपने रब की
ḥattā
حَتَّىٰ
यहाँ तक कि
yatiyaka
يَأْتِيَكَ
आजाए आपके पास
l-yaqīnu
ٱلْيَقِينُ
यक़ीन (मौत)
और अपने रब की बन्दगी में लगे रहो, यहाँ तक कि जो यक़ीनी है, वह तुम्हारे सामने आ जाए ([१५] अल हिज्र: 99)
Tafseer (तफ़सीर )