९१
الَّذِيْنَ جَعَلُوا الْقُرْاٰنَ عِضِيْنَ ٩١
- alladhīna
- ٱلَّذِينَ
- वो जिन्होंने
- jaʿalū
- جَعَلُوا۟
- कर दिया
- l-qur'āna
- ٱلْقُرْءَانَ
- क़ुरआन को
- ʿiḍīna
- عِضِينَ
- टुकड़े-टुकड़े
जिन्होंने (अपने) क़ुरआन को टुकड़े-टुकड़े कर डाला ([१५] अल हिज्र: 91)Tafseer (तफ़सीर )
९२
فَوَرَبِّكَ لَنَسْـَٔلَنَّهُمْ اَجْمَعِيْنَۙ ٩٢
- fawarabbika
- فَوَرَبِّكَ
- पस क़सम है आपके रब की
- lanasalannahum
- لَنَسْـَٔلَنَّهُمْ
- अलबत्ता हम ज़रूर सवाल करेंगे उनसे
- ajmaʿīna
- أَجْمَعِينَ
- सबके सबसे
अब तुम्हारे रब की क़सम! हम अवश्य ही उन सबसे उसके विषय में पूछेंगे ([१५] अल हिज्र: 92)Tafseer (तफ़सीर )
९३
عَمَّا كَانُوْا يَعْمَلُوْنَ ٩٣
- ʿammā
- عَمَّا
- उस चीज़ के बारे में जो
- kānū
- كَانُوا۟
- थे वो
- yaʿmalūna
- يَعْمَلُونَ
- वो अमल करते
जो कुछ वे करते रहे। ([१५] अल हिज्र: 93)Tafseer (तफ़सीर )
९४
فَاصْدَعْ بِمَا تُؤْمَرُ وَاَعْرِضْ عَنِ الْمُشْرِكِيْنَ ٩٤
- fa-iṣ'daʿ
- فَٱصْدَعْ
- पस आप खुल्लम-खुल्ला सुना दीजिए
- bimā
- بِمَا
- जिसका
- tu'maru
- تُؤْمَرُ
- आप हुक्म दिए जाते हो
- wa-aʿriḍ
- وَأَعْرِضْ
- और ऐराज़ कीजिए
- ʿani
- عَنِ
- मुशरिकों से
- l-mush'rikīna
- ٱلْمُشْرِكِينَ
- मुशरिकों से
अतः तु्म्हें जिस चीज़ का आदेश हुआ है, उसे हाँक-पुकारकर बयान कर दो, और मुशरिको की ओर ध्यान न दो ([१५] अल हिज्र: 94)Tafseer (तफ़सीर )
९५
اِنَّا كَفَيْنٰكَ الْمُسْتَهْزِءِيْنَۙ ٩٥
- innā
- إِنَّا
- बेशक हम
- kafaynāka
- كَفَيْنَٰكَ
- काफ़ी हैं हम आपको
- l-mus'tahziīna
- ٱلْمُسْتَهْزِءِينَ
- मज़ाक़ उड़ाने वालों से
उपहास करनेवालों के लिए हम तुम्हारी ओर से काफ़ी है ([१५] अल हिज्र: 95)Tafseer (तफ़सीर )
९६
الَّذِيْنَ يَجْعَلُوْنَ مَعَ اللّٰهِ اِلٰهًا اٰخَرَۚ فَسَوْفَ يَعْلَمُوْنَ ٩٦
- alladhīna
- ٱلَّذِينَ
- वो लोग जो
- yajʿalūna
- يَجْعَلُونَ
- बना लेते हैं
- maʿa
- مَعَ
- साथ
- l-lahi
- ٱللَّهِ
- अल्लाह के
- ilāhan
- إِلَٰهًا
- इलाह
- ākhara
- ءَاخَرَۚ
- दूसरा
- fasawfa
- فَسَوْفَ
- पस अनक़रीब
- yaʿlamūna
- يَعْلَمُونَ
- वो जान लेंगे
जो अल्लाह के साथ दूसरों को पूज्य-प्रभु ठहराते है, तो शीघ्र ही उन्हें मालूम हो जाएगा! ([१५] अल हिज्र: 96)Tafseer (तफ़सीर )
९७
وَلَقَدْ نَعْلَمُ اَنَّكَ يَضِيْقُ صَدْرُكَ بِمَا يَقُوْلُوْنَۙ ٩٧
- walaqad
- وَلَقَدْ
- और अलबत्ता तहक़ीक़
- naʿlamu
- نَعْلَمُ
- हम जानते हैं
- annaka
- أَنَّكَ
- कि बेशक आप
- yaḍīqu
- يَضِيقُ
- तंग होता है
- ṣadruka
- صَدْرُكَ
- सीना आपका
- bimā
- بِمَا
- बवजह उसके जो
- yaqūlūna
- يَقُولُونَ
- वो कहते हैं
हम जानते है कि वे जो कुछ कहते है, उससे तुम्हारा दिल तंग होता है ([१५] अल हिज्र: 97)Tafseer (तफ़सीर )
९८
فَسَبِّحْ بِحَمْدِ رَبِّكَ وَكُنْ مِّنَ السَّاجِدِيْنَۙ ٩٨
- fasabbiḥ
- فَسَبِّحْ
- पस तस्बीह कीजिए
- biḥamdi
- بِحَمْدِ
- साथ हम्द के
- rabbika
- رَبِّكَ
- अपने रब की
- wakun
- وَكُن
- और हो जाइए
- mina
- مِّنَ
- सजदा करने वालों में से
- l-sājidīna
- ٱلسَّٰجِدِينَ
- सजदा करने वालों में से
तो तुम अपने रब का गुणगान करो और सजदा करनेवालों में सम्मिलित रहो ([१५] अल हिज्र: 98)Tafseer (तफ़सीर )
९९
وَاعْبُدْ رَبَّكَ حَتّٰى يَأْتِيَكَ الْيَقِيْنُ ࣖࣖ ٩٩
- wa-uʿ'bud
- وَٱعْبُدْ
- और इबादत कीजिए
- rabbaka
- رَبَّكَ
- अपने रब की
- ḥattā
- حَتَّىٰ
- यहाँ तक कि
- yatiyaka
- يَأْتِيَكَ
- आजाए आपके पास
- l-yaqīnu
- ٱلْيَقِينُ
- यक़ीन (मौत)
और अपने रब की बन्दगी में लगे रहो, यहाँ तक कि जो यक़ीनी है, वह तुम्हारे सामने आ जाए ([१५] अल हिज्र: 99)Tafseer (तफ़सीर )