५१
لِيَجْزِيَ اللّٰهُ كُلَّ نَفْسٍ مَّا كَسَبَتْۗ اِنَّ اللّٰهَ سَرِيْعُ الْحِسَابِ ٥١
- liyajziya
- لِيَجْزِىَ
- ताकि बदला दे
- l-lahu
- ٱللَّهُ
- अल्लाह
- kulla
- كُلَّ
- हर
- nafsin
- نَفْسٍ
- नफ़्स को
- mā
- مَّا
- उसका जो
- kasabat
- كَسَبَتْۚ
- उसने कमाई की
- inna
- إِنَّ
- बेशक
- l-laha
- ٱللَّهَ
- अल्लाह
- sarīʿu
- سَرِيعُ
- जल्द लेने वाला है
- l-ḥisābi
- ٱلْحِسَابِ
- हिसाब
ताकि अल्लाह प्रत्येक जीव को उसकी कमाई का बदला दे। निश्चय ही अल्लाह जल्द हिसाब लेनेवाला है ([१४] इब्राहीम: 51)Tafseer (तफ़सीर )
५२
هٰذَا بَلٰغٌ لِّلنَّاسِ وَلِيُنْذَرُوْا بِهٖ وَلِيَعْلَمُوْٓا اَنَّمَا هُوَ اِلٰهٌ وَّاحِدٌ وَّلِيَذَّكَّرَ اُولُوا الْاَلْبَابِ ࣖ ٥٢
- hādhā
- هَٰذَا
- ये
- balāghun
- بَلَٰغٌ
- पैग़ाम है
- lilnnāsi
- لِّلنَّاسِ
- लोगों के लिए
- waliyundharū
- وَلِيُنذَرُوا۟
- और ताकि वो डराए जाऐं
- bihi
- بِهِۦ
- साथ उसके
- waliyaʿlamū
- وَلِيَعْلَمُوٓا۟
- और ताकि वो जान लें
- annamā
- أَنَّمَا
- बेशक
- huwa
- هُوَ
- वो
- ilāhun
- إِلَٰهٌ
- इलाह है
- wāḥidun
- وَٰحِدٌ
- एक ही
- waliyadhakkara
- وَلِيَذَّكَّرَ
- और ताकि नसीहत पकड़ें
- ulū
- أُو۟لُوا۟
- अक़्ल वाले
- l-albābi
- ٱلْأَلْبَٰبِ
- अक़्ल वाले
यह लोगों को सन्देश पहुँचा देना है (ताकि वे इसे ध्यानपूर्वक सुनें) और ताकि उन्हें इसके द्वारा सावधान कर दिया जाए और ताकि वे जान लें कि वही अकेला पूज्य है और ताकि वे सचेत हो जाएँ, तो बुद्धि और समझ रखते है ([१४] इब्राहीम: 52)Tafseer (तफ़सीर )