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सूरा इब्राहीम - Page: 6

Ibrahim

(अब्राहम)

५१

لِيَجْزِيَ اللّٰهُ كُلَّ نَفْسٍ مَّا كَسَبَتْۗ اِنَّ اللّٰهَ سَرِيْعُ الْحِسَابِ ٥١

liyajziya
لِيَجْزِىَ
ताकि बदला दे
l-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह
kulla
كُلَّ
हर
nafsin
نَفْسٍ
नफ़्स को
مَّا
उसका जो
kasabat
كَسَبَتْۚ
उसने कमाई की
inna
إِنَّ
बेशक
l-laha
ٱللَّهَ
अल्लाह
sarīʿu
سَرِيعُ
जल्द लेने वाला है
l-ḥisābi
ٱلْحِسَابِ
हिसाब
ताकि अल्लाह प्रत्येक जीव को उसकी कमाई का बदला दे। निश्चय ही अल्लाह जल्द हिसाब लेनेवाला है ([१४] इब्राहीम: 51)
Tafseer (तफ़सीर )
५२

هٰذَا بَلٰغٌ لِّلنَّاسِ وَلِيُنْذَرُوْا بِهٖ وَلِيَعْلَمُوْٓا اَنَّمَا هُوَ اِلٰهٌ وَّاحِدٌ وَّلِيَذَّكَّرَ اُولُوا الْاَلْبَابِ ࣖ ٥٢

hādhā
هَٰذَا
ये
balāghun
بَلَٰغٌ
पैग़ाम है
lilnnāsi
لِّلنَّاسِ
लोगों के लिए
waliyundharū
وَلِيُنذَرُوا۟
और ताकि वो डराए जाऐं
bihi
بِهِۦ
साथ उसके
waliyaʿlamū
وَلِيَعْلَمُوٓا۟
और ताकि वो जान लें
annamā
أَنَّمَا
बेशक
huwa
هُوَ
वो
ilāhun
إِلَٰهٌ
इलाह है
wāḥidun
وَٰحِدٌ
एक ही
waliyadhakkara
وَلِيَذَّكَّرَ
और ताकि नसीहत पकड़ें
ulū
أُو۟لُوا۟
अक़्ल वाले
l-albābi
ٱلْأَلْبَٰبِ
अक़्ल वाले
यह लोगों को सन्देश पहुँचा देना है (ताकि वे इसे ध्यानपूर्वक सुनें) और ताकि उन्हें इसके द्वारा सावधान कर दिया जाए और ताकि वे जान लें कि वही अकेला पूज्य है और ताकि वे सचेत हो जाएँ, तो बुद्धि और समझ रखते है ([१४] इब्राहीम: 52)
Tafseer (तफ़सीर )