Skip to content

सूरा इब्राहीम - Page: 5

Ibrahim

(अब्राहम)

४१

رَبَّنَا اغْفِرْ لِيْ وَلِوَالِدَيَّ وَلِلْمُؤْمِنِيْنَ يَوْمَ يَقُوْمُ الْحِسَابُ ࣖ ٤١

rabbanā
رَبَّنَا
ऐ हमारे रब
igh'fir
ٱغْفِرْ
बख़्श दे
لِى
मुझे
waliwālidayya
وَلِوَٰلِدَىَّ
और मेरे वालिदैन को
walil'mu'minīna
وَلِلْمُؤْمِنِينَ
और मोमिनों को
yawma
يَوْمَ
जिस दिन
yaqūmu
يَقُومُ
क़ायम होगा
l-ḥisābu
ٱلْحِسَابُ
हिसाब
हमारे रब! मुझे और मेरे माँ-बाप को और मोमिनों को उस दिन क्षमाकर देना, जिस दिन हिसाब का मामला पेश आएगा।' ([१४] इब्राहीम: 41)
Tafseer (तफ़सीर )
४२

وَلَا تَحْسَبَنَّ اللّٰهَ غَافِلًا عَمَّا يَعْمَلُ الظّٰلِمُوْنَ ەۗ اِنَّمَا يُؤَخِّرُهُمْ لِيَوْمٍ تَشْخَصُ فِيْهِ الْاَبْصَارُۙ ٤٢

walā
وَلَا
और ना
taḥsabanna
تَحْسَبَنَّ
तुम हरगिज़ समझो
l-laha
ٱللَّهَ
अल्लाह को
ghāfilan
غَٰفِلًا
ग़ाफ़िल
ʿammā
عَمَّا
उससे जो
yaʿmalu
يَعْمَلُ
अमल करते हैं
l-ẓālimūna
ٱلظَّٰلِمُونَۚ
ज़ालिम लोग
innamā
إِنَّمَا
बेशक
yu-akhiruhum
يُؤَخِّرُهُمْ
वो ढील दे रहा है उन्हें
liyawmin
لِيَوْمٍ
उस दिन के लिए
tashkhaṣu
تَشْخَصُ
पथरा जाऐंगी
fīhi
فِيهِ
जिसमें
l-abṣāru
ٱلْأَبْصَٰرُ
निगाहें
अब ये अत्याचारी जो कुछ कर रहे है, उससे अल्लाह को असावधान न समझो। वह तो इन्हें बस उस दिन तक के लिए टाल रहा है जबकि आँखे फटी की फटी रह जाएँगी, ([१४] इब्राहीम: 42)
Tafseer (तफ़सीर )
४३

مُهْطِعِيْنَ مُقْنِعِيْ رُءُوْسِهِمْ لَا يَرْتَدُّ اِلَيْهِمْ طَرْفُهُمْ ۚوَاَفْـِٕدَتُهُمْ هَوَاۤءٌ ۗ ٤٣

muh'ṭiʿīna
مُهْطِعِينَ
तेज़ी से दौड़ने वाले
muq'niʿī
مُقْنِعِى
ऊपर उठाए हुए
ruūsihim
رُءُوسِهِمْ
अपने सरों को
لَا
नहीं लौटेगी
yartaddu
يَرْتَدُّ
नहीं लौटेगी
ilayhim
إِلَيْهِمْ
तरफ़ उनके
ṭarfuhum
طَرْفُهُمْۖ
निगाह उनकी
wa-afidatuhum
وَأَفْـِٔدَتُهُمْ
और दिल उनके
hawāon
هَوَآءٌ
ख़ाली होंगे
अपने सिर उठाए भागे चले जा रहे होंगे; उनकी निगाह स्वयं उनकी अपनी ओर भी न फिरेगी और उनके दिल उड़े जा रहे होंगे ([१४] इब्राहीम: 43)
Tafseer (तफ़सीर )
४४

وَاَنْذِرِ النَّاسَ يَوْمَ يَأْتِيْهِمُ الْعَذَابُۙ فَيَقُوْلُ الَّذِيْنَ ظَلَمُوْا رَبَّنَآ اَخِّرْنَآ اِلٰٓى اَجَلٍ قَرِيْبٍۙ نُّجِبْ دَعْوَتَكَ وَنَتَّبِعِ الرُّسُلَۗ اَوَلَمْ تَكُوْنُوْٓا اَقْسَمْتُمْ مِّنْ قَبْلُ مَا لَكُمْ مِّنْ زَوَالٍۙ ٤٤

wa-andhiri
وَأَنذِرِ
और ख़बरदार कीजिए
l-nāsa
ٱلنَّاسَ
लोगों को
yawma
يَوْمَ
जिस दिन
yatīhimu
يَأْتِيهِمُ
आएगा उनके पास
l-ʿadhābu
ٱلْعَذَابُ
अज़ाब
fayaqūlu
فَيَقُولُ
तो कहेंगे
alladhīna
ٱلَّذِينَ
वो लोग जिन्होंने
ẓalamū
ظَلَمُوا۟
ज़ुल्म किया
rabbanā
رَبَّنَآ
ऐ हमारे रब
akhir'nā
أَخِّرْنَآ
मोहलत दे हमें
ilā
إِلَىٰٓ
एक मुद्दत तक
ajalin
أَجَلٍ
एक मुद्दत तक
qarībin
قَرِيبٍ
क़रीब की
nujib
نُّجِبْ
हम क़ुबूल कर लें
daʿwataka
دَعْوَتَكَ
तेरी दावत
wanattabiʿi
وَنَتَّبِعِ
और हम पैरवी करें
l-rusula
ٱلرُّسُلَۗ
रसूलों की
awalam
أَوَلَمْ
क्या नहीं
takūnū
تَكُونُوٓا۟
थे तुम
aqsamtum
أَقْسَمْتُم
क़समें खाते तुम
min
مِّن
इससे पहले
qablu
قَبْلُ
इससे पहले
مَا
नहीं है
lakum
لَكُم
तुम्हारे लिए
min
مِّن
कोई ज़वाल
zawālin
زَوَالٍ
कोई ज़वाल
लोगों को उस दिन से डराओ, जब यातना उन्हें आ लेगी। उस समय अत्याचारी लोग कहेंगे, 'हमारे रब! हमें थोड़ी-सी मुहलत दे दे। हम तेरे आमंत्रण को स्वीकार करेंगे और रसूलों का अनुसरण करेंगे।' कहा जाएगा, 'क्या तुम इससे पहले क़समें नहीं खाया करते थे कि हमारा तो पतन ही न होगा?' ([१४] इब्राहीम: 44)
Tafseer (तफ़सीर )
४५

وَّسَكَنْتُمْ فِيْ مَسٰكِنِ الَّذِيْنَ ظَلَمُوْٓا اَنْفُسَهُمْ وَتَبَيَّنَ لَكُمْ كَيْفَ فَعَلْنَا بِهِمْ وَضَرَبْنَا لَكُمُ الْاَمْثَالَ ٤٥

wasakantum
وَسَكَنتُمْ
और ठहरे रहे तुम
فِى
घरों में
masākini
مَسَٰكِنِ
घरों में
alladhīna
ٱلَّذِينَ
उन लोगों के जिन्होंने
ẓalamū
ظَلَمُوٓا۟
ज़ुल्म किया
anfusahum
أَنفُسَهُمْ
अपनी जानों पर
watabayyana
وَتَبَيَّنَ
और वाज़ेह हो गया
lakum
لَكُمْ
तुम्हारे लिए
kayfa
كَيْفَ
कैसा
faʿalnā
فَعَلْنَا
किया हमने (सुलूक)
bihim
بِهِمْ
साथ उनके
waḍarabnā
وَضَرَبْنَا
और बयान कर दीं हमने
lakumu
لَكُمُ
तुम्हारे लिए
l-amthāla
ٱلْأَمْثَالَ
मिसालें
तुम लोगों की बस्तियों में रह-बस चुके थे, जिन्होंने अपने ऊपर अत्याचार किया था और तुमपर अच्छी तरह स्पष्ट हो चुका था कि उनके साथ हमने कैसा मामला किया और हमने तुम्हारे लिए कितनी ही मिशालें बयान की थी।' ([१४] इब्राहीम: 45)
Tafseer (तफ़सीर )
४६

وَقَدْ مَكَرُوْا مَكْرَهُمْ وَعِنْدَ اللّٰهِ مَكْرُهُمْۗ وَاِنْ كَانَ مَكْرُهُمْ لِتَزُوْلَ مِنْهُ الْجِبَالُ ٤٦

waqad
وَقَدْ
और तहक़ीक़
makarū
مَكَرُوا۟
उन्होंने चाल चली
makrahum
مَكْرَهُمْ
अपनी चाल
waʿinda
وَعِندَ
और पास है
l-lahi
ٱللَّهِ
अल्लाह के
makruhum
مَكْرُهُمْ
उनकी चाल (का तोड़)
wa-in
وَإِن
और नहीं
kāna
كَانَ
थी
makruhum
مَكْرُهُمْ
चाल उनकी
litazūla
لِتَزُولَ
कि टल जाऐं
min'hu
مِنْهُ
उससे
l-jibālu
ٱلْجِبَالُ
पहाड़
वे अपनी चाल चल चुक हैं। अल्लाह के पास भी उनके लिए चाल मौजूद थी, यद्यपि उनकी चाल ऐसी ही क्यों न रही हो जिससे पर्वत भी अपने स्थान से टल जाएँ ([१४] इब्राहीम: 46)
Tafseer (तफ़सीर )
४७

فَلَا تَحْسَبَنَّ اللّٰهَ مُخْلِفَ وَعْدِهٖ رُسُلَهٗ ۗاِنَّ اللّٰهَ عَزِيْزٌ ذُو انْتِقَامٍۗ ٤٧

falā
فَلَا
तो ना
taḥsabanna
تَحْسَبَنَّ
तुम हरगिज़ समझो
l-laha
ٱللَّهَ
अल्लाह को
mukh'lifa
مُخْلِفَ
ख़िलाफ़ करने वाला
waʿdihi
وَعْدِهِۦ
अपने वादे का
rusulahu
رُسُلَهُۥٓۗ
अपने रसूलों से
inna
إِنَّ
बेशक
l-laha
ٱللَّهَ
अल्लाह
ʿazīzun
عَزِيزٌ
बहुत ज़बरदस्त है
dhū
ذُو
इन्तिक़ाम लेने वाला है
intiqāmin
ٱنتِقَامٍ
इन्तिक़ाम लेने वाला है
अतः यह न समझना कि अल्लाह अपने रसूलों से किए हुए अपने वादे के विरुद्ध जाएगा। अल्लाह तो अपार शक्तिवाला, प्रतिशोधक है ([१४] इब्राहीम: 47)
Tafseer (तफ़सीर )
४८

يَوْمَ تُبَدَّلُ الْاَرْضُ غَيْرَ الْاَرْضِ وَالسَّمٰوٰتُ وَبَرَزُوْا لِلّٰهِ الْوَاحِدِ الْقَهَّارِ ٤٨

yawma
يَوْمَ
जिस दिन
tubaddalu
تُبَدَّلُ
बदल दी जाएगी
l-arḍu
ٱلْأَرْضُ
ज़मीन
ghayra
غَيْرَ
सिवाय
l-arḍi
ٱلْأَرْضِ
इस ज़मीन के
wal-samāwātu
وَٱلسَّمَٰوَٰتُۖ
और आसमान (भी)
wabarazū
وَبَرَزُوا۟
और वो सामने आ जाऐंगे
lillahi
لِلَّهِ
अल्लाह के
l-wāḥidi
ٱلْوَٰحِدِ
जो अकेला है
l-qahāri
ٱلْقَهَّارِ
बहुत ज़बरदस्त है
जिस दिन यह धरती दूसरी धरती से बदल दी जाएगी और आकाश भी। और वे सब के सब अल्लाह के सामने खुलकर आ जाएँगे, जो अकेला है, सबपर जिसका आधिपत्य है ([१४] इब्राहीम: 48)
Tafseer (तफ़सीर )
४९

وَتَرَى الْمُجْرِمِيْنَ يَوْمَىِٕذٍ مُّقَرَّنِيْنَ فِى الْاَصْفَادِۚ ٤٩

watarā
وَتَرَى
और आप देखेंगे
l-muj'rimīna
ٱلْمُجْرِمِينَ
मुजरिमों को
yawma-idhin
يَوْمَئِذٍ
उस दिन
muqarranīna
مُّقَرَّنِينَ
जकड़े हुए होंगे
فِى
बेड़ियों में
l-aṣfādi
ٱلْأَصْفَادِ
बेड़ियों में
और उस दिन तुम अपराधियों को देखोगे कि ज़ंजीरों में जकड़े हुए है ([१४] इब्राहीम: 49)
Tafseer (तफ़सीर )
५०

سَرَابِيْلُهُمْ مِّنْ قَطِرَانٍ وَّتَغْشٰى وُجُوْهَهُمُ النَّارُۙ ٥٠

sarābīluhum
سَرَابِيلُهُم
कुर्ते उनके
min
مِّن
तारकोल के होंगे
qaṭirānin
قَطِرَانٍ
तारकोल के होंगे
wataghshā
وَتَغْشَىٰ
और ढाँपे हुए होगी
wujūhahumu
وُجُوهَهُمُ
उनके चेहरों को
l-nāru
ٱلنَّارُ
आग
उनके परिधान तारकोल के होंगे और आग उनके चहरों पर छा रही होगी, ([१४] इब्राहीम: 50)
Tafseer (तफ़सीर )