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सूरा इब्राहीम - शब्द द्वारा शब्द

Ibrahim

(अब्राहम)

bismillaahirrahmaanirrahiim

الۤرٰ ۗ كِتٰبٌ اَنْزَلْنٰهُ اِلَيْكَ لِتُخْرِجَ النَّاسَ مِنَ الظُّلُمٰتِ اِلَى النُّوْرِ ەۙ بِاِذْنِ رَبِّهِمْ اِلٰى صِرَاطِ الْعَزِيْزِ الْحَمِيْدِۙ ١

alif-lam-ra
الٓرۚ
अलिफ़ लाम रा
kitābun
كِتَٰبٌ
एक किताब है (ये)
anzalnāhu
أَنزَلْنَٰهُ
नाज़िल किया हमने उसे
ilayka
إِلَيْكَ
तरफ़ आपके
litukh'rija
لِتُخْرِجَ
ताकि आप निकालें
l-nāsa
ٱلنَّاسَ
लोगों को
mina
مِنَ
अँधेरों से
l-ẓulumāti
ٱلظُّلُمَٰتِ
अँधेरों से
ilā
إِلَى
तरफ़ रोशनी के
l-nūri
ٱلنُّورِ
तरफ़ रोशनी के
bi-idh'ni
بِإِذْنِ
साथ इज़्न के
rabbihim
رَبِّهِمْ
उनके रब के
ilā
إِلَىٰ
तरफ़ रास्ते
ṣirāṭi
صِرَٰطِ
तरफ़ रास्ते
l-ʿazīzi
ٱلْعَزِيزِ
बहुत ज़बरदस्त
l-ḥamīdi
ٱلْحَمِيدِ
ख़ूब तारीफ़ वाले के
अलिफ़॰ लाम॰ रा॰। यह एक किताब है जिसे हमने तुम्हारी ओर अवतरित की है, ताकि तुम मनुष्यों को अँधेरों से निकालकर प्रकाश की ओर ले आओ, उनके रब की अनुमति से प्रभुत्वशाली, प्रशंस्य सत्ता, उस अल्लाह के मार्ग की ओर ([१४] इब्राहीम: 1)
Tafseer (तफ़सीर )

اللّٰهِ الَّذِيْ لَهٗ مَا فِى السَّمٰوٰتِ وَمَا فِى الْاَرْضِۗ وَوَيْلٌ لِّلْكٰفِرِيْنَ مِنْ عَذَابٍ شَدِيْدٍۙ ٢

al-lahi
ٱللَّهِ
अल्लाह के
alladhī
ٱلَّذِى
वो ज़ात
lahu
لَهُۥ
उसी के लिए है
مَا
जो कुछ
فِى
आसमानों में है
l-samāwāti
ٱلسَّمَٰوَٰتِ
आसमानों में है
wamā
وَمَا
और जो कुछ
فِى
ज़मीन में है
l-arḍi
ٱلْأَرْضِۗ
ज़मीन में है
wawaylun
وَوَيْلٌ
और हलाकत है
lil'kāfirīna
لِّلْكَٰفِرِينَ
काफ़िरों के लिए
min
مِنْ
सख़्त अज़ाब से
ʿadhābin
عَذَابٍ
सख़्त अज़ाब से
shadīdin
شَدِيدٍ
सख़्त अज़ाब से
जिसका वह सब है जो कुछ आकाशों में है और जो कुछ धरती में है। इनकार करनेवालों के लिए तो एक कठोर यातना के कारण बड़ी तबाही है ([१४] इब्राहीम: 2)
Tafseer (तफ़सीर )

ۨالَّذِيْنَ يَسْتَحِبُّوْنَ الْحَيٰوةَ الدُّنْيَا عَلَى الْاٰخِرَةِ وَيَصُدُّوْنَ عَنْ سَبِيْلِ اللّٰهِ وَيَبْغُوْنَهَا عِوَجًا ۗ اُولٰۤىِٕكَ فِيْ ضَلٰلٍۢ بَعِيْدٍ ٣

alladhīna
ٱلَّذِينَ
वो लोग जो
yastaḥibbūna
يَسْتَحِبُّونَ
तरजीह देते है
l-ḥayata
ٱلْحَيَوٰةَ
ज़िन्दगी को
l-dun'yā
ٱلدُّنْيَا
दुनिया की
ʿalā
عَلَى
आख़िरत पर
l-ākhirati
ٱلْءَاخِرَةِ
आख़िरत पर
wayaṣuddūna
وَيَصُدُّونَ
और वो रोकते हैं
ʿan
عَن
अल्लाह के रास्ते से
sabīli
سَبِيلِ
अल्लाह के रास्ते से
l-lahi
ٱللَّهِ
अल्लाह के रास्ते से
wayabghūnahā
وَيَبْغُونَهَا
और वो तलाश करते हैं उसमें
ʿiwajan
عِوَجًاۚ
टेढ़ापन
ulāika
أُو۟لَٰٓئِكَ
यही लोग हैं
فِى
गुमराही में
ḍalālin
ضَلَٰلٍۭ
गुमराही में
baʿīdin
بَعِيدٍ
दूर की
जो आख़िरत की अपेक्षा सांसारिक जीवन को प्राथमिकता देते है और अल्लाह के मार्ग से रोकते है और उसमें टेढ़ पैदा करना चाहते है, वही परले दरजे की गुमराही में पड़े है ([१४] इब्राहीम: 3)
Tafseer (तफ़सीर )

وَمَآ اَرْسَلْنَا مِنْ رَّسُوْلٍ اِلَّا بِلِسَانِ قَوْمِهٖ لِيُبَيِّنَ لَهُمْ ۗفَيُضِلُّ اللّٰهُ مَنْ يَّشَاۤءُ وَيَهْدِيْ مَنْ يَّشَاۤءُ ۗوَهُوَ الْعَزِيْزُ الْحَكِيْمُ ٤

wamā
وَمَآ
और नहीं
arsalnā
أَرْسَلْنَا
भेजा हमने
min
مِن
कोई रसूल
rasūlin
رَّسُولٍ
कोई रसूल
illā
إِلَّا
मगर
bilisāni
بِلِسَانِ
ज़बान में
qawmihi
قَوْمِهِۦ
उसकी क़ौम की
liyubayyina
لِيُبَيِّنَ
ताकि वो वाज़ेह करे
lahum
لَهُمْۖ
उनके लिए
fayuḍillu
فَيُضِلُّ
पस भटका देता है
l-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह
man
مَن
जिसे
yashāu
يَشَآءُ
वो चाहता है
wayahdī
وَيَهْدِى
और वो हिदायत देता है
man
مَن
जिसे
yashāu
يَشَآءُۚ
वो चाहता है
wahuwa
وَهُوَ
और वो
l-ʿazīzu
ٱلْعَزِيزُ
बहुत ज़बरदस्त है
l-ḥakīmu
ٱلْحَكِيمُ
बहुत हिकमत वाला है
हमने जो रसूल भी भेजा, उसकी अपनी क़ौम की भाषा के साथ ही भेजा, ताकि वह उनके लिए अच्छी तरह खोलकर बयान कर दे। फिर अल्लाह जिसे चाहता है पथभ्रष्ट रहने देता है और जिसे चाहता है सीधे मार्ग पर लगा देता है। वह है भी प्रभुत्वशाली, अत्यन्त तत्वदर्शी ([१४] इब्राहीम: 4)
Tafseer (तफ़सीर )

وَلَقَدْ اَرْسَلْنَا مُوْسٰى بِاٰيٰتِنَآ اَنْ اَخْرِجْ قَوْمَكَ مِنَ الظُّلُمٰتِ اِلَى النُّوْرِ ەۙ وَذَكِّرْهُمْ بِاَيّٰىمِ اللّٰهِ ۗاِنَّ فِيْ ذٰلِكَ لَاٰيٰتٍ لِّكُلِّ صَبَّارٍ شَكُوْرٍ ٥

walaqad
وَلَقَدْ
और अलबत्ता तहक़ीक़
arsalnā
أَرْسَلْنَا
भेजा हमने
mūsā
مُوسَىٰ
मूसा को
biāyātinā
بِـَٔايَٰتِنَآ
साथ अपनी निशानियों के
an
أَنْ
कि
akhrij
أَخْرِجْ
निकालो
qawmaka
قَوْمَكَ
अपनी क़ौम को
mina
مِنَ
अँधेरों से
l-ẓulumāti
ٱلظُّلُمَٰتِ
अँधेरों से
ilā
إِلَى
तरफ़ रोशनी के
l-nūri
ٱلنُّورِ
तरफ़ रोशनी के
wadhakkir'hum
وَذَكِّرْهُم
और याद दिलाओ उन्हें
bi-ayyāmi
بِأَيَّىٰمِ
अल्लाह के दिनों की
l-lahi
ٱللَّهِۚ
अल्लाह के दिनों की
inna
إِنَّ
बेशक
فِى
इसमें
dhālika
ذَٰلِكَ
इसमें
laāyātin
لَءَايَٰتٍ
अलबत्ता निशानियाँ हैं
likulli
لِّكُلِّ
वास्ते हर
ṣabbārin
صَبَّارٍ
बहुत सब्र करने वाले
shakūrin
شَكُورٍ
बहुत शुक्र करने वाले के
हमने मूसा को अपनी निशानियों के साथ भेजा था कि 'अपनी क़ौम के लोगों को अँधेरों से प्रकाश की ओर निकाल ला और उन्हें अल्लाह के दिवस याद दिला।' निश्चय ही इसमें प्रत्येक धैर्यवान, कृतज्ञ व्यक्ति के लिए कितनी ही निशानियाँ है ([१४] इब्राहीम: 5)
Tafseer (तफ़सीर )

وَاِذْ قَالَ مُوْسٰى لِقَوْمِهِ اذْكُرُوْا نِعْمَةَ اللّٰهِ عَلَيْكُمْ اِذْ اَنْجٰىكُمْ مِّنْ اٰلِ فِرْعَوْنَ يَسُوْمُوْنَكُمْ سُوْۤءَ الْعَذَابِ وَيُذَبِّحُوْنَ اَبْنَاۤءَكُمْ وَيَسْتَحْيُوْنَ نِسَاۤءَكُمْ ۗوَفِيْ ذٰلِكُمْ بَلَاۤءٌ مِّنْ رَّبِّكُمْ عَظِيْمٌ ࣖ ٦

wa-idh
وَإِذْ
और जब
qāla
قَالَ
कहा
mūsā
مُوسَىٰ
मूसा ने
liqawmihi
لِقَوْمِهِ
अपनी क़ौम से
udh'kurū
ٱذْكُرُوا۟
याद करो
niʿ'mata
نِعْمَةَ
नेअमत
l-lahi
ٱللَّهِ
अल्लाह की
ʿalaykum
عَلَيْكُمْ
तुम पर है (जो)
idh
إِذْ
जब
anjākum
أَنجَىٰكُم
उसने निजात दी तुम्हें
min
مِّنْ
आले फ़िरऔन से
āli
ءَالِ
आले फ़िरऔन से
fir'ʿawna
فِرْعَوْنَ
आले फ़िरऔन से
yasūmūnakum
يَسُومُونَكُمْ
वो चखाते थे तुम्हें
sūa
سُوٓءَ
बुरा
l-ʿadhābi
ٱلْعَذَابِ
अज़ाब
wayudhabbiḥūna
وَيُذَبِّحُونَ
और वो ज़िबाह करते थे
abnāakum
أَبْنَآءَكُمْ
तुम्हारे बेटों को
wayastaḥyūna
وَيَسْتَحْيُونَ
और वो ज़िन्दा छोड़ देते थे
nisāakum
نِسَآءَكُمْۚ
तुम्हारी औरतों को
wafī
وَفِى
और इसमें
dhālikum
ذَٰلِكُم
और इसमें
balāon
بَلَآءٌ
आज़माइश थी
min
مِّن
तुम्हारे रब की तरफ़ से
rabbikum
رَّبِّكُمْ
तुम्हारे रब की तरफ़ से
ʿaẓīmun
عَظِيمٌ
बहुत बड़ी
जब मूसा ने अपनी क़ौम के लोगों से कहा, 'अल्लाह ही उस कृपादृष्टि को याद करो, जो तुमपर हुई। जब उसने तुम्हें फ़िरऔनियों से छुटकारा दिलाया जो तुम्हें बुरी यातना दे रहे थे, तुम्हारे बेटों का वध कर डालते थे और तुम्हारी औरतों को जीवित रखते थे, किन्तु इसमें तुम्हारे रब की ओर से बड़ी कृपा हुई।' ([१४] इब्राहीम: 6)
Tafseer (तफ़सीर )

وَاِذْ تَاَذَّنَ رَبُّكُمْ لَىِٕنْ شَكَرْتُمْ لَاَزِيْدَنَّكُمْ وَلَىِٕنْ كَفَرْتُمْ اِنَّ عَذَابِيْ لَشَدِيْدٌ ٧

wa-idh
وَإِذْ
और जब
ta-adhana
تَأَذَّنَ
आगाह कर दिया
rabbukum
رَبُّكُمْ
तुम्हारे रब ने
la-in
لَئِن
अलबत्ता अगर
shakartum
شَكَرْتُمْ
शुक्र किया तुमने
la-azīdannakum
لَأَزِيدَنَّكُمْۖ
अलबत्ता मैं ज़रूर ज़्यादा दूँगा तुम्हें
wala-in
وَلَئِن
और अलबत्ता अगर
kafartum
كَفَرْتُمْ
नाशुक्री की तुमने
inna
إِنَّ
बेशक
ʿadhābī
عَذَابِى
अज़ाब मेरा
lashadīdun
لَشَدِيدٌ
अलबत्ता सख़्त है
जब तुम्हारे रब ने सचेत कर दिया था कि 'यदि तुम कृतज्ञ हुए तो मैं तुम्हें और अधिक दूँगा, परन्तु यदि तुम अकृतज्ञ सिद्ध हुए तो निश्चय ही मेरी यातना भी अत्यन्त कठोर है।' ([१४] इब्राहीम: 7)
Tafseer (तफ़सीर )

وَقَالَ مُوْسٰٓى اِنْ تَكْفُرُوْٓا اَنْتُمْ وَمَنْ فِى الْاَرْضِ جَمِيْعًا ۙفَاِنَّ اللّٰهَ لَغَنِيٌّ حَمِيْدٌ ٨

waqāla
وَقَالَ
और कहा
mūsā
مُوسَىٰٓ
मूसा ने
in
إِن
अगर
takfurū
تَكْفُرُوٓا۟
तुम नाशुक्री करो
antum
أَنتُمْ
तुम
waman
وَمَن
और जो
فِى
ज़मीन में हैं
l-arḍi
ٱلْأَرْضِ
ज़मीन में हैं
jamīʿan
جَمِيعًا
सबके सब
fa-inna
فَإِنَّ
तो बेशक
l-laha
ٱللَّهَ
अल्लाह
laghaniyyun
لَغَنِىٌّ
अलबत्ता बहुत बेनियाज़ है
ḥamīdun
حَمِيدٌ
बहुत तारीफ़ वाला है
और मूसा ने भी कहा था, 'यदि तुम और वे जो भी धरती में हैं सब के सब अकृतज्ञ हो जाओ तो अल्लाह तो बड़ा निरपेक्ष, प्रशंस्य है।' ([१४] इब्राहीम: 8)
Tafseer (तफ़सीर )

اَلَمْ يَأْتِكُمْ نَبَؤُا الَّذِيْنَ مِنْ قَبْلِكُمْ قَوْمِ نُوْحٍ وَّعَادٍ وَّثَمُوْدَ ەۗ وَالَّذِيْنَ مِنْۢ بَعْدِهِمْ ۗ لَا يَعْلَمُهُمْ اِلَّا اللّٰهُ ۗجَاۤءَتْهُمْ رُسُلُهُمْ بِالْبَيِّنٰتِ فَرَدُّوْٓا اَيْدِيَهُمْ فِيْٓ اَفْوَاهِهِمْ وَقَالُوْٓا اِنَّا كَفَرْنَا بِمَآ اُرْسِلْتُمْ بِهٖ وَاِنَّا لَفِيْ شَكٍّ مِّمَّا تَدْعُوْنَنَآ اِلَيْهِ مُرِيْبٍ ٩

alam
أَلَمْ
क्या नहीं
yatikum
يَأْتِكُمْ
आई तुम्हारे पास
naba-u
نَبَؤُا۟
ख़बर
alladhīna
ٱلَّذِينَ
उन लोगों की जो
min
مِن
तुमसे पहले थे
qablikum
قَبْلِكُمْ
तुमसे पहले थे
qawmi
قَوْمِ
क़ौमे
nūḥin
نُوحٍ
नूह
waʿādin
وَعَادٍ
और आद
wathamūda
وَثَمُودَۛ
और समूद की
wa-alladhīna
وَٱلَّذِينَ
और उनकी जो
min
مِنۢ
उनके बाद थे
baʿdihim
بَعْدِهِمْۛ
उनके बाद थे
لَا
नहीं जानता उन्हें
yaʿlamuhum
يَعْلَمُهُمْ
नहीं जानता उन्हें
illā
إِلَّا
मगर
l-lahu
ٱللَّهُۚ
अल्लाह
jāathum
جَآءَتْهُمْ
आए उनके पास
rusuluhum
رُسُلُهُم
रसूल उनके
bil-bayināti
بِٱلْبَيِّنَٰتِ
साथ वाज़ेह दलाइल के
faraddū
فَرَدُّوٓا۟
तो उन्होंने फेर दिया
aydiyahum
أَيْدِيَهُمْ
अपने हाथों को
فِىٓ
अपने मुँहों में
afwāhihim
أَفْوَٰهِهِمْ
अपने मुँहों में
waqālū
وَقَالُوٓا۟
और कहा
innā
إِنَّا
बेशक हम
kafarnā
كَفَرْنَا
इन्कार करते हैं हम
bimā
بِمَآ
उसका जो
ur'sil'tum
أُرْسِلْتُم
भेजे गए तुम
bihi
بِهِۦ
साथ जिसके
wa-innā
وَإِنَّا
और बेशक हम
lafī
لَفِى
अलबत्ता शक में हैं
shakkin
شَكٍّ
अलबत्ता शक में हैं
mimmā
مِّمَّا
इस चीज़ से जो
tadʿūnanā
تَدْعُونَنَآ
तुम बुलाते हो हमें
ilayhi
إِلَيْهِ
तरफ़ उसके
murībin
مُرِيبٍ
जो बेचैन करने वाला है
क्या तुम्हें उन लोगों की खबर नहीं पहुँची जो तुमसे पहले गुज़रे हैं, नूह की क़ौम और आद और समूद और वे लोग जो उनके पश्चात हुए जिनको अल्लाह के अतिरिक्त कोई नहीं जानता? उनके पास उनके रसूल स्पष्टि प्रमाण लेकर आए थे, किन्तु उन्होंने उनके मुँह पर अपने हाथ रख दिए और कहने लगे, 'जो कुछ देकर तुम्हें भेजा गया है, हम उसका इनकार करते है और जिसकी ओर तुम हमें बुला रहे हो, उसके विषय में तो हम अत्यन्त दुविधाजनक संदेह में ग्रस्त है।' ([१४] इब्राहीम: 9)
Tafseer (तफ़सीर )
१०

۞ قَالَتْ رُسُلُهُمْ اَفِى اللّٰهِ شَكٌّ فَاطِرِ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِۗ يَدْعُوْكُمْ لِيَغْفِرَ لَكُمْ مِّنْ ذُنُوْبِكُمْ وَيُؤَخِّرَكُمْ اِلٰٓى اَجَلٍ مُّسَمًّىۗ قَالُوْٓا اِنْ اَنْتُمْ اِلَّا بَشَرٌ مِّثْلُنَا ۗ تُرِيْدُوْنَ اَنْ تَصُدُّوْنَا عَمَّا كَانَ يَعْبُدُ اٰبَاۤؤُنَا فَأْتُوْنَا بِسُلْطٰنٍ مُّبِيْنٍ ١٠

qālat
قَالَتْ
कहा
rusuluhum
رُسُلُهُمْ
उनके रसूलों ने
afī
أَفِى
क्या अल्लाह के बारे में
l-lahi
ٱللَّهِ
क्या अल्लाह के बारे में
shakkun
شَكٌّ
शक है
fāṭiri
فَاطِرِ
जो पैदा करने वाला है
l-samāwāti
ٱلسَّمَٰوَٰتِ
आसमानों
wal-arḍi
وَٱلْأَرْضِۖ
और ज़मीन का
yadʿūkum
يَدْعُوكُمْ
वो बुलाता है तुम्हें
liyaghfira
لِيَغْفِرَ
ताकि वो बख़्श दे
lakum
لَكُم
तुम्हारे लिए
min
مِّن
तुम्हारे गुनाहों को
dhunūbikum
ذُنُوبِكُمْ
तुम्हारे गुनाहों को
wayu-akhirakum
وَيُؤَخِّرَكُمْ
और वो मोहलत दे तुम्हें
ilā
إِلَىٰٓ
एक मुक़र्रर मुद्दत तक
ajalin
أَجَلٍ
एक मुक़र्रर मुद्दत तक
musamman
مُّسَمًّىۚ
एक मुक़र्रर मुद्दत तक
qālū
قَالُوٓا۟
उन्होंने कहा
in
إِنْ
नहीं हो
antum
أَنتُمْ
तुम
illā
إِلَّا
मगर
basharun
بَشَرٌ
एक इन्सान
mith'lunā
مِّثْلُنَا
हम जैसे
turīdūna
تُرِيدُونَ
तुम चाहते हो
an
أَن
कि
taṣuddūnā
تَصُدُّونَا
तुम रोको हमें
ʿammā
عَمَّا
उससे जो
kāna
كَانَ
थे
yaʿbudu
يَعْبُدُ
इबादत करते
ābāunā
ءَابَآؤُنَا
आबा ओ अजदाद हमारे
fatūnā
فَأْتُونَا
पस ले आओ हमारे पास
bisul'ṭānin
بِسُلْطَٰنٍ
कोई दलील
mubīnin
مُّبِينٍ
वाज़ेह
उनके रसूलों ने कहो, 'क्या अल्लाह के विषय में संदेह है, जो आकाशों और धरती का रचयिता है? वह तो तुम्हें इसलिए बुला रहा है, ताकि तुम्हारे गुनाहों को क्षमा कर दे और तुम्हें एक नियत समय तक मुहल्ल दे।' उन्होंने कहा, 'तुम तो बस हमारे ही जैसे एक मनुष्य हो, चाहते हो कि हमें उनसे रोक दो जिनकी पूजा हमारे बाप-दादा करते आए है। अच्छा, तो अब हमारे सामने कोई स्पष्ट प्रमाण ले आओ।' ([१४] इब्राहीम: 10)
Tafseer (तफ़सीर )