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पवित्र कुरान सूरा हूद आयत ६३

Qur'an Surah Hud Verse 63

हूद [११]: ६३ ~ कुरान अनुवाद शब्द द्वारा शब्द - तफ़सीर

قَالَ يٰقَوْمِ اَرَءَيْتُمْ اِنْ كُنْتُ عَلٰى بَيِّنَةٍ مِّنْ رَّبِّيْۗ وَاٰتٰىنِيْ مِنْهُ رَحْمَةً فَمَنْ يَّنْصُرُنِيْ مِنَ اللّٰهِ اِنْ عَصَيْتُهٗ ۗفَمَا تَزِيْدُوْنَنِيْ غَيْرَ تَخْسِيْرٍ (هود : ١١)

qāla
قَالَ
He said
उसने कहा
yāqawmi
يَٰقَوْمِ
"O my people!
ऐ मेरी क़ौम
ara-aytum
أَرَءَيْتُمْ
Do you see
क्या देखा तुमने
in
إِن
if
अगर
kuntu
كُنتُ
I am
हूँ मैं
ʿalā
عَلَىٰ
on
एक वाज़ेह दलील पर
bayyinatin
بَيِّنَةٍ
a clear proof
एक वाज़ेह दलील पर
min
مِّن
from
अपने रब की तरफ़ से
rabbī
رَّبِّى
my Lord
अपने रब की तरफ़ से
waātānī
وَءَاتَىٰنِى
and He has given me
और उसने दी हो मुझे
min'hu
مِنْهُ
from Him
अपनी तरफ़ से
raḥmatan
رَحْمَةً
a Mercy
रहमत
faman
فَمَن
then who
तो कौन
yanṣurunī
يَنصُرُنِى
(can) help me
मदद करेगा मेरी
mina
مِنَ
against
अल्लाह से (बचाने में)
l-lahi
ٱللَّهِ
Allah
अल्लाह से (बचाने में)
in
إِنْ
if
अगर
ʿaṣaytuhu
عَصَيْتُهُۥۖ
I (were to) disobey Him?
नाफ़रमानी की मैंने उसकी
famā
فَمَا
So not
तो नहीं
tazīdūnanī
تَزِيدُونَنِى
you would increase me
तुम ज़्यादा करोगे मुझे
ghayra
غَيْرَ
but
सिवाय
takhsīrin
تَخْسِيرٍ
(in) loss
ख़सारा देने के

Transliteration:

Qaala yaa qawmi ara'aytum in kuntu 'alaa baiyinatim mir Rabbee wa aataanee minhu rahmatan famai yansurunee minal laahi in 'asaituhoo famaa tazeedoonanee ghaira takhseer (QS. Hūd:63)

English Sahih International:

He said, "O my people, have you considered: if I should be upon clear evidence from my Lord and He has given me mercy from Himself, who would protect me from Allah if I disobeyed Him? So you would not increase me except in loss. (QS. Hud, Ayah ६३)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

उसने कहा, 'ऐ मेरी क़ौम के लोगों! क्या तुमने सोचा? यदि मैं अपने रब के एक स्पष्ट प्रमाण पर हूँ और उसने मुझे अपनी ओर से दयालुता प्रदान की है, तो यदि मैं उसकी अवज्ञा करूँ तो अल्लाह के मुक़ाबले में कौन मेरी सहायता करेगा? तुम तो और अधिक घाटे में डाल देने के अतिरिक्त मेरे हक़ में और कोई अभिवृद्धि नहीं करोगे (हूद, आयत ६३)

Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

कि उसने हैरत में डाल दिया है सालेह ने जवाब दिया ऐ मेरी क़ौम भला देखो तो कि अगर मैं अपने परवरदिगार की तरफ से रौशन दलील पर हूँ और उसने मुझे अपनी (बारगाह) मे रहमत (नबूवत) अता की है इस पर भी अगर मै उसकी नाफ़रमानी करुँ तो ख़ुदा (के अज़ाब से बचाने में) मेरी मदद कौन करेगा-फिर तुम सिवा नुक़सान के मेरा कुछ बढ़ा दोगे नहीं

Azizul-Haqq Al-Umary

उस (सालेह़) ने कहाः हे मेरी जाति के लोगो! तुमने विचार किया कि यदि मैं अपने पालनहार की ओर से एक स्पष्ट खुले प्रमाण पर हूँ और उसने मुझे अपनी दया प्रदान की हो, तो कौन है, जो अल्लाह के मुक़ाबले में मेरी सहायता करेगा, यदि मैं उसकी अवज्ञा करूँ? तुम मुझे घाटे में डालने के सिवा कुछ नहीं दे सकते।