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सूरा हूद - Page: 4

Hud

(हूद)

३१

وَلَآ اَقُوْلُ لَكُمْ عِنْدِيْ خَزَاۤىِٕنُ اللّٰهِ وَلَآ اَعْلَمُ الْغَيْبَ وَلَآ اَقُوْلُ اِنِّيْ مَلَكٌ وَّلَآ اَقُوْلُ لِلَّذِيْنَ تَزْدَرِيْٓ اَعْيُنُكُمْ لَنْ يُّؤْتِيَهُمُ اللّٰهُ خَيْرًا ۗ اَللّٰهُ اَعْلَمُ بِمَا فِيْٓ اَنْفُسِهِمْ ۚاِنِّيْٓ اِذًا لَّمِنَ الظّٰلِمِيْنَ ٣١

walā
وَلَآ
और नहीं
aqūlu
أَقُولُ
मैं कहता
lakum
لَكُمْ
तुम्हें
ʿindī
عِندِى
मेरे पास
khazāinu
خَزَآئِنُ
ख़ज़ाने हैं
l-lahi
ٱللَّهِ
अल्लाह के
walā
وَلَآ
और ना
aʿlamu
أَعْلَمُ
मैं जानता हूँ
l-ghayba
ٱلْغَيْبَ
ग़ैब को
walā
وَلَآ
और ना
aqūlu
أَقُولُ
मैं कहता हूँ
innī
إِنِّى
कि मैं
malakun
مَلَكٌ
कोई फ़रिश्ता हूँ
walā
وَلَآ
और ना
aqūlu
أَقُولُ
मैं कहता हूँ
lilladhīna
لِلَّذِينَ
उनके लिए जिन्हें
tazdarī
تَزْدَرِىٓ
हक़ीर समझती हैं
aʿyunukum
أَعْيُنُكُمْ
निगाहें तुम्हारी
lan
لَن
कि हरगिज़ ना
yu'tiyahumu
يُؤْتِيَهُمُ
देगा उन्हें
l-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह
khayran
خَيْرًاۖ
कोई भलाई
l-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह
aʿlamu
أَعْلَمُ
ख़ूब जानता है
bimā
بِمَا
उसे जो
فِىٓ
उनके नफ़्सों में है
anfusihim
أَنفُسِهِمْۖ
उनके नफ़्सों में है
innī
إِنِّىٓ
बेशक मैं
idhan
إِذًا
तब
lamina
لَّمِنَ
ज़रूर ज़ालिमों में से हूँगा
l-ẓālimīna
ٱلظَّٰلِمِينَ
ज़रूर ज़ालिमों में से हूँगा
और मैं तुमसे यह नहीं कहता कि मेरे पास अल्लाह के ख़जाने है और न मुझे परोक्ष का ज्ञान है और न मैं यह कहता हूँ कि मैं कोई फ़रिश्ता हूँ और न उन लोगों के विषय में, जो तुम्हारी दृष्टि में तुच्छ है, मैं यह कहता हूँ कि अल्लाह उन्हें कोई भलाई न देगा। जो कुछ उनके जी में है, अल्लाह उसे भली-भाँति जानता है। (यदि मैं ऐसा कहूँ) तब तो मैं अवश्य ही ज़ालिमों में से हूँगा।' ([११] हूद: 31)
Tafseer (तफ़सीर )
३२

قَالُوْا يٰنُوْحُ قَدْ جَادَلْتَنَا فَاَ كْثَرْتَ جِدَالَنَا فَأْتِنَا بِمَا تَعِدُنَآ اِنْ كُنْتَ مِنَ الصّٰدِقِيْنَ ٣٢

qālū
قَالُوا۟
उन्होंने कहा
yānūḥu
يَٰنُوحُ
ऐ नूह
qad
قَدْ
तहक़ीक़
jādaltanā
جَٰدَلْتَنَا
झगड़ा किया तूने हमसे
fa-aktharta
فَأَكْثَرْتَ
फिर कसरत से किया तूने
jidālanā
جِدَٰلَنَا
झगड़ा हमसे
fatinā
فَأْتِنَا
पस ले आ हमारे पास
bimā
بِمَا
वो जिसका
taʿidunā
تَعِدُنَآ
तू वादा देता है हमें
in
إِن
अगर
kunta
كُنتَ
है तू
mina
مِنَ
सच्चों में से
l-ṣādiqīna
ٱلصَّٰدِقِينَ
सच्चों में से
उन्होंने कहा, 'ऐ नूह! तुम हमसे झगड़ चुके और बहुत झगड़ चुके। यदि तुम सच्चे हो तो जिसकी तुम हमें धमकी देते हो, अब उसे हम पर ले ही आओ।' ([११] हूद: 32)
Tafseer (तफ़सीर )
३३

قَالَ اِنَّمَا يَأْتِيْكُمْ بِهِ اللّٰهُ اِنْ شَاۤءَ وَمَآ اَنْتُمْ بِمُعْجِزِيْنَ ٣٣

qāla
قَالَ
उसने कहा
innamā
إِنَّمَا
बेशक
yatīkum
يَأْتِيكُم
लाएगा तुम पर
bihi
بِهِ
उसको
l-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह
in
إِن
अगर
shāa
شَآءَ
वो चाहे
wamā
وَمَآ
और नहीं
antum
أَنتُم
तुम
bimuʿ'jizīna
بِمُعْجِزِينَ
आजिज़ करने वाले
उसने कहा, 'वह तो अल्लाह ही यदि चाहेगा तो तुमपर लाएगा और तुम क़ाबू से बाहर नहीं जा सकते ([११] हूद: 33)
Tafseer (तफ़सीर )
३४

وَلَا يَنْفَعُكُمْ نُصْحِيْٓ اِنْ اَرَدْتُّ اَنْ اَنْصَحَ لَكُمْ اِنْ كَانَ اللّٰهُ يُرِيْدُ اَنْ يُّغْوِيَكُمْ ۗهُوَ رَبُّكُمْ ۗوَاِلَيْهِ تُرْجَعُوْنَۗ ٣٤

walā
وَلَا
और नहीं
yanfaʿukum
يَنفَعُكُمْ
फ़ायदा देगी तुम्हें
nuṣ'ḥī
نُصْحِىٓ
ख़ैरख़्वाही मेरी
in
إِنْ
अगर
aradttu
أَرَدتُّ
मैं चाहूँ
an
أَنْ
कि
anṣaḥa
أَنصَحَ
मैं ख़ैरख़्वाही करूँ
lakum
لَكُمْ
तुम्हारी
in
إِن
अगर
kāna
كَانَ
है
l-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह
yurīdu
يُرِيدُ
चाहता
an
أَن
कि
yugh'wiyakum
يُغْوِيَكُمْۚ
वो भटका दे तुम्हें
huwa
هُوَ
वो
rabbukum
رَبُّكُمْ
रब है तुम्हारा
wa-ilayhi
وَإِلَيْهِ
और तरफ़ उसी के
tur'jaʿūna
تُرْجَعُونَ
तुम लौटाए जाओगे
अब जबकि अल्लाह ही ने तुम्हें विनष्ट करने का निश्चय कर लिया हो, तो यदि मैं तुम्हारा भला भी चाहूँ, तो मेरा भला चाहना तुम्हें कुछ भी लाभ नहीं पहुँचा सकता। वही तुम्हारा रब है और उसी की ओर तुम्हें पलटना भी है।' ([११] हूद: 34)
Tafseer (तफ़सीर )
३५

اَمْ يَقُوْلُوْنَ افْتَرٰىهُۗ قُلْ اِنِ افْتَرَيْتُهٗ فَعَلَيَّ اِجْرَامِيْ وَاَنَا۠ بَرِيْۤءٌ مِّمَّا تُجْرِمُوْنَ ࣖ ٣٥

am
أَمْ
क्या
yaqūlūna
يَقُولُونَ
वो कहते हैं
if'tarāhu
ٱفْتَرَىٰهُۖ
उसने गढ़ लिया है उसे
qul
قُلْ
कह दीजिए
ini
إِنِ
अगर
if'taraytuhu
ٱفْتَرَيْتُهُۥ
गढ़ा है मैंने उसे
faʿalayya
فَعَلَىَّ
तो मुझ ही पर है
ij'rāmī
إِجْرَامِى
जुर्म करना मेरा
wa-anā
وَأَنَا۠
और मैं
barīon
بَرِىٓءٌ
बरी उज़ ज़िम्मा हूँ
mimmā
مِّمَّا
उससे जो
tuj'rimūna
تُجْرِمُونَ
तुम जुर्म करते हो
(क्या उन्हें कोई खटक है) या वे कहते है, 'उसने स्वयं इसे घड़ लिया है?' कह दो, 'यदि मैंने इसे घड़ लिया है तो मेरे अपराध का दायित्व मुझपर ही है। और जो अपराध तुम कर रहे हो मैं उसके दायित्व से मुक्त हूँ।' ([११] हूद: 35)
Tafseer (तफ़सीर )
३६

وَاُوْحِيَ اِلٰى نُوْحٍ اَنَّهٗ لَنْ يُّؤْمِنَ مِنْ قَوْمِكَ اِلَّا مَنْ قَدْ اٰمَنَ فَلَا تَبْتَىِٕسْ بِمَا كَانُوْا يَفْعَلُوْنَۖ ٣٦

waūḥiya
وَأُوحِىَ
और वही की गई
ilā
إِلَىٰ
तरफ़ नूह के
nūḥin
نُوحٍ
तरफ़ नूह के
annahu
أَنَّهُۥ
कि बेशक वो
lan
لَن
हरगिज़ ना
yu'mina
يُؤْمِنَ
ईमान लाएगा
min
مِن
तेरी क़ौम में से
qawmika
قَوْمِكَ
तेरी क़ौम में से
illā
إِلَّا
सिवाय
man
مَن
उसके जो
qad
قَدْ
तहक़ीक़
āmana
ءَامَنَ
ईमान ला चुका
falā
فَلَا
तो ना
tabta-is
تَبْتَئِسْ
तू ग़म कर
bimā
بِمَا
बवजह उसके जो
kānū
كَانُوا۟
हैं वो
yafʿalūna
يَفْعَلُونَ
वो करते
नूह की ओर प्रकाशना की गई कि 'जो लोग ईमान ला चुके है, उनके सिवा अब तुम्हारी क़ौम में कोई ईमान लानेवाला नहीं। अतः जो कुछ वे कर रहे है उसपर तुम दुखी न हो ([११] हूद: 36)
Tafseer (तफ़सीर )
३७

وَاصْنَعِ الْفُلْكَ بِاَعْيُنِنَا وَوَحْيِنَا وَلَا تُخَاطِبْنِيْ فِى الَّذِيْنَ ظَلَمُوْا ۚاِنَّهُمْ مُّغْرَقُوْنَ ٣٧

wa-iṣ'naʿi
وَٱصْنَعِ
और तू बना
l-ful'ka
ٱلْفُلْكَ
कश्ती
bi-aʿyuninā
بِأَعْيُنِنَا
हमारी निगाहों के सामने
wawaḥyinā
وَوَحْيِنَا
और हमारी वही के मुताबिक़
walā
وَلَا
और ना
tukhāṭib'nī
تُخَٰطِبْنِى
तू मुख़ातिब होना मुझसे
فِى
उनके बारे में जिन्होंने
alladhīna
ٱلَّذِينَ
उनके बारे में जिन्होंने
ẓalamū
ظَلَمُوٓا۟ۚ
ज़ुल्म किया
innahum
إِنَّهُم
बेशक वो
mugh'raqūna
مُّغْرَقُونَ
ग़र्क़ किए जाने वाले हैं
तुम हमारे समक्ष और हमारी प्रकाशना के अनुसार नाव बनाओ और अत्याचारियों के विषय में मुझसे बात न करो। निश्चय ही वे डूबकर रहेंगे।' ([११] हूद: 37)
Tafseer (तफ़सीर )
३८

وَيَصْنَعُ الْفُلْكَۗ وَكُلَّمَا مَرَّ عَلَيْهِ مَلَاٌ مِّنْ قَوْمِهٖ سَخِرُوْا مِنْهُ ۗقَالَ اِنْ تَسْخَرُوْا مِنَّا فَاِنَّا نَسْخَرُ مِنْكُمْ كَمَا تَسْخَرُوْنَۗ ٣٨

wayaṣnaʿu
وَيَصْنَعُ
और वो बना रहा था
l-ful'ka
ٱلْفُلْكَ
कश्ती
wakullamā
وَكُلَّمَا
और जब कभी
marra
مَرَّ
गुज़रते
ʿalayhi
عَلَيْهِ
उस पर
mala-on
مَلَأٌ
सरदार
min
مِّن
उसकी क़ौम में से
qawmihi
قَوْمِهِۦ
उसकी क़ौम में से
sakhirū
سَخِرُوا۟
वो मज़ाक़ करते
min'hu
مِنْهُۚ
उससे
qāla
قَالَ
वो कहता
in
إِن
अगर
taskharū
تَسْخَرُوا۟
तुम मज़ाक़ करते हो
minnā
مِنَّا
हम से
fa-innā
فَإِنَّا
तो बेशक हम भी
naskharu
نَسْخَرُ
हम मज़ाक़ करेंगे
minkum
مِنكُمْ
तुमसे
kamā
كَمَا
जैसा कि
taskharūna
تَسْخَرُونَ
तुम मज़ाक़ करते हो
जब नाव बनाने लगता है। उसकी क़ौम के सरदार जब भी उसके पास से गुज़रते तो उसका उपहास करते। उसने कहा, 'यदि तुम हमारा उपहास करते हो तो हम भी तुम्हारा उपहास करेंगे, जैसे तुम हमारा उपहास करते हो ([११] हूद: 38)
Tafseer (तफ़सीर )
३९

فَسَوْفَ تَعْلَمُوْنَۙ مَنْ يَّأْتِيْهِ عَذَابٌ يُّخْزِيْهِ وَيَحِلُّ عَلَيْهِ عَذَابٌ مُّقِيْمٌ ٣٩

fasawfa
فَسَوْفَ
पस अनक़रीब
taʿlamūna
تَعْلَمُونَ
तुम जान लोगे
man
مَن
कौन है जो
yatīhi
يَأْتِيهِ
आएगा उसके पास
ʿadhābun
عَذَابٌ
अज़ाब
yukh'zīhi
يُخْزِيهِ
जो रुस्वा कर देगा उसे
wayaḥillu
وَيَحِلُّ
और उतरेगा
ʿalayhi
عَلَيْهِ
उस पर
ʿadhābun
عَذَابٌ
अज़ाब
muqīmun
مُّقِيمٌ
दाइमी
अब शीघ्र ही तुम जान लोगे कि कौन है जिसपर ऐसी यातना आती है, जो उसे अपमानित कर देगी और जिसपर ऐसी स्थाई यातना टूट पड़ती है ([११] हूद: 39)
Tafseer (तफ़सीर )
४०

حَتّٰىٓ اِذَا جَاۤءَ اَمْرُنَا وَفَارَ التَّنُّوْرُۙ قُلْنَا احْمِلْ فِيْهَا مِنْ كُلٍّ زَوْجَيْنِ اثْنَيْنِ وَاَهْلَكَ اِلَّا مَنْ سَبَقَ عَلَيْهِ الْقَوْلُ وَمَنْ اٰمَنَ ۗوَمَآ اٰمَنَ مَعَهٗٓ اِلَّا قَلِيْلٌ ٤٠

ḥattā
حَتَّىٰٓ
यहाँ तक कि
idhā
إِذَا
जब
jāa
جَآءَ
आ गया
amrunā
أَمْرُنَا
हुक्म हमारा
wafāra
وَفَارَ
और जोश मारा
l-tanūru
ٱلتَّنُّورُ
तन्नूर ने
qul'nā
قُلْنَا
कहा हमने
iḥ'mil
ٱحْمِلْ
सवार कर ले
fīhā
فِيهَا
इसमें
min
مِن
हर (क़िस्म) से
kullin
كُلٍّ
हर (क़िस्म) से
zawjayni
زَوْجَيْنِ
जोड़े
ith'nayni
ٱثْنَيْنِ
दो (नर,मादा)
wa-ahlaka
وَأَهْلَكَ
और अपने घर वालों को
illā
إِلَّا
सिवाय
man
مَن
उसके जो
sabaqa
سَبَقَ
गुज़र चुकी
ʿalayhi
عَلَيْهِ
उस पर
l-qawlu
ٱلْقَوْلُ
बात
waman
وَمَنْ
और उनको जो
āmana
ءَامَنَۚ
ईमान लाए
wamā
وَمَآ
और नहीं
āmana
ءَامَنَ
ईमान लाए
maʿahu
مَعَهُۥٓ
साथ उसके
illā
إِلَّا
मगर
qalīlun
قَلِيلٌ
बहुत थोड़े
यहाँ तक कि जब हमारा आदेश आ गया और तंदूर उबल पड़ा तो हमने कहा, 'हर जाति में से दो-दो के जोड़े चढ़ा लो और अपने घरवालों को भी - सिवाय ऐसे व्यक्ति के जिसके बारे में बात तय पा चुकी है - और जो ईमान लाया हो उसे भी।' किन्तु उसके साथ जो ईमान लाए थे वे थोड़े ही थे ([११] हूद: 40)
Tafseer (तफ़सीर )