اِلَّا الَّذِيْنَ صَبَرُوْا وَعَمِلُوا الصّٰلِحٰتِۗ اُولٰۤىِٕكَ لَهُمْ مَّغْفِرَةٌ وَّاَجْرٌ كَبِيْرٌ ١١
- illā
- إِلَّا
- सिवाय
- alladhīna
- ٱلَّذِينَ
- उनके जिन्होंने
- ṣabarū
- صَبَرُوا۟
- सब्र किया
- waʿamilū
- وَعَمِلُوا۟
- और उन्होंने अमल किए
- l-ṣāliḥāti
- ٱلصَّٰلِحَٰتِ
- नेक
- ulāika
- أُو۟لَٰٓئِكَ
- यही लोग हैं
- lahum
- لَهُم
- उनके लिए है
- maghfiratun
- مَّغْفِرَةٌ
- बख़्शिश
- wa-ajrun
- وَأَجْرٌ
- और अजर
- kabīrun
- كَبِيرٌ
- बहुत बड़ा
उनकी बात दूसरी है जिन्होंने धैर्य से काम लिया और सत्कर्म किए। वही है जिनके लिए क्षमा और बड़ा प्रतिदान है ([११] हूद: 11)Tafseer (तफ़सीर )
فَلَعَلَّكَ تَارِكٌۢ بَعْضَ مَا يُوْحٰىٓ اِلَيْكَ وَضَاۤىِٕقٌۢ بِهٖ صَدْرُكَ اَنْ يَّقُوْلُوْا لَوْلَآ اُنْزِلَ عَلَيْهِ كَنْزٌ اَوْ جَاۤءَ مَعَهٗ مَلَكٌ ۗاِنَّمَآ اَنْتَ نَذِيْرٌ ۗ وَاللّٰهُ عَلٰى كُلِّ شَيْءٍ وَّكِيْلٌ ۗ ١٢
- falaʿallaka
- فَلَعَلَّكَ
- तो शायद आप
- tārikun
- تَارِكٌۢ
- छोड़ने वाले हैं
- baʿḍa
- بَعْضَ
- बाज़ हिस्सा
- mā
- مَا
- उसका जो
- yūḥā
- يُوحَىٰٓ
- वही किया गया
- ilayka
- إِلَيْكَ
- तरफ़ आपके
- waḍāiqun
- وَضَآئِقٌۢ
- और तंग होने वाला है
- bihi
- بِهِۦ
- साथ उसके
- ṣadruka
- صَدْرُكَ
- सीना आपका
- an
- أَن
- कि
- yaqūlū
- يَقُولُوا۟
- वो कहेंगे
- lawlā
- لَوْلَآ
- क्यों नहीं
- unzila
- أُنزِلَ
- नाज़िल किया गया
- ʿalayhi
- عَلَيْهِ
- इस पर
- kanzun
- كَنزٌ
- कोई ख़ज़ाना
- aw
- أَوْ
- या
- jāa
- جَآءَ
- आया
- maʿahu
- مَعَهُۥ
- साथ उसके
- malakun
- مَلَكٌۚ
- कोई फ़रिश्ता
- innamā
- إِنَّمَآ
- बेशक
- anta
- أَنتَ
- आप तो
- nadhīrun
- نَذِيرٌۚ
- डराने वाले हैं
- wal-lahu
- وَٱللَّهُ
- और अल्लाह
- ʿalā
- عَلَىٰ
- ऊपर
- kulli
- كُلِّ
- हर
- shayin
- شَىْءٍ
- चीज़ के
- wakīlun
- وَكِيلٌ
- निगरान है
तो शायद तुम उसमें से कुछ छोड़ बैठोगे, जो तुम्हारी ओर प्रकाशना रूप में भेजी जा रही है। और तुम इस बात पर तंगदिल हो रहे हो कि वे कहते है, 'उसपर कोई ख़ज़ाना क्यों नहीं उतरा या उसके साथ कोई फ़रिश्ता क्यों नहीं आया?' तुम तो केवल सचेत करनेवाले हो। हर चीज़ अल्लाह ही के हवाले है ([११] हूद: 12)Tafseer (तफ़सीर )
اَمْ يَقُوْلُوْنَ افْتَرٰىهُ ۗقُلْ فَأْتُوْا بِعَشْرِ سُوَرٍ مِّثْلِهٖ مُفْتَرَيٰتٍ وَّادْعُوْا مَنِ اسْتَطَعْتُمْ مِّنْ دُوْنِ اللّٰهِ اِنْ كُنْتُمْ صٰدِقِيْنَ ١٣
- am
- أَمْ
- क्या
- yaqūlūna
- يَقُولُونَ
- वो कहते हैं
- if'tarāhu
- ٱفْتَرَىٰهُۖ
- उसने गढ़ लिया उसे
- qul
- قُلْ
- कह दीजिए
- fatū
- فَأْتُوا۟
- पस ले आओ
- biʿashri
- بِعَشْرِ
- दस
- suwarin
- سُوَرٍ
- सूरतें
- mith'lihi
- مِّثْلِهِۦ
- मानिन्द इसके
- muf'tarayātin
- مُفْتَرَيَٰتٍ
- गढ़ी हुई
- wa-id'ʿū
- وَٱدْعُوا۟
- और बुला लो
- mani
- مَنِ
- उन्हें जिनकी
- is'taṭaʿtum
- ٱسْتَطَعْتُم
- इस्तिताअत रखते हो तुम
- min
- مِّن
- सिवाय
- dūni
- دُونِ
- सिवाय
- l-lahi
- ٱللَّهِ
- अल्लाह के
- in
- إِن
- अगर
- kuntum
- كُنتُمْ
- हो तुम
- ṣādiqīna
- صَٰدِقِينَ
- सच्चे
(उन्हें कोई शंका है) या वे कहते है कि 'उसने इसे स्वयं घड़ लिया है?' कह दो, 'अच्छा, यदि तुम सच्चे हो तो इस जैसी घड़ी हुई दस सूरतें ले आओ और अल्लाह से हटकर जिस किसी को बुला सकते हो बुला लो।' ([११] हूद: 13)Tafseer (तफ़सीर )
فَاِلَّمْ يَسْتَجِيْبُوْا لَكُمْ فَاعْلَمُوْٓا اَنَّمَآ اُنْزِلَ بِعِلْمِ اللّٰهِ وَاَنْ لَّآ اِلٰهَ اِلَّا هُوَ ۚفَهَلْ اَنْتُمْ مُّسْلِمُوْنَ ١٤
- fa-illam
- فَإِلَّمْ
- फिर अगर ना
- yastajībū
- يَسْتَجِيبُوا۟
- वो जवाब दें
- lakum
- لَكُمْ
- तुम्हें
- fa-iʿ'lamū
- فَٱعْلَمُوٓا۟
- तो जान लो
- annamā
- أَنَّمَآ
- कि बेशक
- unzila
- أُنزِلَ
- ये नाज़िल किया गया है
- biʿil'mi
- بِعِلْمِ
- अल्लाह के इल्म से
- l-lahi
- ٱللَّهِ
- अल्लाह के इल्म से
- wa-an
- وَأَن
- और ये कि
- lā
- لَّآ
- नहीं
- ilāha
- إِلَٰهَ
- कोई इलाह (बरहक़)
- illā
- إِلَّا
- मगर
- huwa
- هُوَۖ
- वो ही
- fahal
- فَهَلْ
- तो क्या
- antum
- أَنتُم
- तुम
- mus'limūna
- مُّسْلِمُونَ
- इस्लाम लाने वाले हो
फिर यदि वे तुम्हारी बातें न मानें तो जान लो, यह अल्लाह के ज्ञान ही के साथ अवतरित हुआ है। और यह कि उसके सिवा कोई पूज्य-प्रभु नहीं। तो अब क्या तुम मुस्लिम (आज्ञाकारी) होते हो? ([११] हूद: 14)Tafseer (तफ़सीर )
مَنْ كَانَ يُرِيْدُ الْحَيٰوةَ الدُّنْيَا وَزِيْنَتَهَا نُوَفِّ اِلَيْهِمْ اَعْمَالَهُمْ فِيْهَا وَهُمْ فِيْهَا لَا يُبْخَسُوْنَ ١٥
- man
- مَن
- जो कोई
- kāna
- كَانَ
- है
- yurīdu
- يُرِيدُ
- चाहता
- l-ḥayata
- ٱلْحَيَوٰةَ
- ज़िन्दगी
- l-dun'yā
- ٱلدُّنْيَا
- दुनिया की
- wazīnatahā
- وَزِينَتَهَا
- और ज़ीनत उसकी
- nuwaffi
- نُوَفِّ
- हम पूरा-पूरा देंगे
- ilayhim
- إِلَيْهِمْ
- तरफ़ उनके
- aʿmālahum
- أَعْمَٰلَهُمْ
- उनके आमाल (का अजर)
- fīhā
- فِيهَا
- उसमें
- wahum
- وَهُمْ
- और वो
- fīhā
- فِيهَا
- उसमें
- lā
- لَا
- ना वो कमी किए जाऐंगे
- yub'khasūna
- يُبْخَسُونَ
- ना वो कमी किए जाऐंगे
जो व्यक्ति सांसारिक जीवन और उसकी शोभा का इच्छुक हो तो ऐसे लोगों को उनके कर्मों का पूरा-पूरा बदला हम यहीं दे देते है और इसमें उनका कोई हक़ नहीं मारा जाता ([११] हूद: 15)Tafseer (तफ़सीर )
اُولٰۤىِٕكَ الَّذِيْنَ لَيْسَ لَهُمْ فِى الْاٰخِرَةِ اِلَّا النَّارُ ۖوَحَبِطَ مَا صَنَعُوْا فِيْهَا وَبٰطِلٌ مَّا كَانُوْا يَعْمَلُوْنَ ١٦
- ulāika
- أُو۟لَٰٓئِكَ
- यही लोग हैं
- alladhīna
- ٱلَّذِينَ
- वो जो
- laysa
- لَيْسَ
- नहीं है
- lahum
- لَهُمْ
- उनके लिए
- fī
- فِى
- आख़िरत में
- l-ākhirati
- ٱلْءَاخِرَةِ
- आख़िरत में
- illā
- إِلَّا
- मगर
- l-nāru
- ٱلنَّارُۖ
- आग
- waḥabiṭa
- وَحَبِطَ
- और ज़ाया हो गया
- mā
- مَا
- जो
- ṣanaʿū
- صَنَعُوا۟
- उन्होंने किया
- fīhā
- فِيهَا
- उसमें
- wabāṭilun
- وَبَٰطِلٌ
- और बातिल है
- mā
- مَّا
- जो कुछ
- kānū
- كَانُوا۟
- थे वो
- yaʿmalūna
- يَعْمَلُونَ
- वो अमल करते
यही वे लोग है जिनके लिए आख़िरत में आग के सिवा और कुछ भी नहीं। उन्होंने जो कुछ बनाया, वह सब वहाँ उनकी जान को लागू हुआ और उनका सारा किया-धरा मिथ्या होकर रहा ([११] हूद: 16)Tafseer (तफ़सीर )
اَفَمَنْ كَانَ عَلٰى بَيِّنَةٍ مِّنْ رَّبِّهٖ وَيَتْلُوْهُ شَاهِدٌ مِّنْهُ وَمِنْ قَبْلِهٖ كِتٰبُ مُوْسٰىٓ اِمَامًا وَّرَحْمَةًۗ اُولٰۤىِٕكَ يُؤْمِنُوْنَ بِهٖ ۗوَمَنْ يَّكْفُرْ بِهٖ مِنَ الْاَحْزَابِ فَالنَّارُ مَوْعِدُهٗ فَلَا تَكُ فِيْ مِرْيَةٍ مِّنْهُ اِنَّهُ الْحَقُّ مِنْ رَّبِّكَ وَلٰكِنَّ اَكْثَرَ النَّاسِ لَا يُؤْمِنُوْنَ ١٧
- afaman
- أَفَمَن
- क्या भला वो शख़्स जो
- kāna
- كَانَ
- हो
- ʿalā
- عَلَىٰ
- एक वाज़ेह दलील पर
- bayyinatin
- بَيِّنَةٍ
- एक वाज़ेह दलील पर
- min
- مِّن
- अपने रब की तरफ़ से
- rabbihi
- رَّبِّهِۦ
- अपने रब की तरफ़ से
- wayatlūhu
- وَيَتْلُوهُ
- और पीछे आता हो उसके
- shāhidun
- شَاهِدٌ
- एक गवाह
- min'hu
- مِّنْهُ
- उसकी तरफ़ से
- wamin
- وَمِن
- और उससे पहले थी
- qablihi
- قَبْلِهِۦ
- और उससे पहले थी
- kitābu
- كِتَٰبُ
- किताब
- mūsā
- مُوسَىٰٓ
- मूसा की
- imāman
- إِمَامًا
- इमाम/रहनुमा
- waraḥmatan
- وَرَحْمَةًۚ
- और रहमत
- ulāika
- أُو۟لَٰٓئِكَ
- यही लोग हैं
- yu'minūna
- يُؤْمِنُونَ
- जो ईमान रखते हैं
- bihi
- بِهِۦۚ
- उस पर
- waman
- وَمَن
- और जो कोई
- yakfur
- يَكْفُرْ
- कुफ़्र करेगा
- bihi
- بِهِۦ
- उसका
- mina
- مِنَ
- गिरोहों में से
- l-aḥzābi
- ٱلْأَحْزَابِ
- गिरोहों में से
- fal-nāru
- فَٱلنَّارُ
- तो आग
- mawʿiduhu
- مَوْعِدُهُۥۚ
- उसकी वादागाह है
- falā
- فَلَا
- पस ना
- taku
- تَكُ
- हों आप
- fī
- فِى
- किसी शक में
- mir'yatin
- مِرْيَةٍ
- किसी शक में
- min'hu
- مِّنْهُۚ
- उससे
- innahu
- إِنَّهُ
- बेशक वो
- l-ḥaqu
- ٱلْحَقُّ
- हक़ है
- min
- مِن
- आपके रब की तरफ़ से
- rabbika
- رَّبِّكَ
- आपके रब की तरफ़ से
- walākinna
- وَلَٰكِنَّ
- और लेकिन
- akthara
- أَكْثَرَ
- अक्सर
- l-nāsi
- ٱلنَّاسِ
- लोग
- lā
- لَا
- नहीं वो ईमान लाते
- yu'minūna
- يُؤْمِنُونَ
- नहीं वो ईमान लाते
फिर क्या वह व्यक्ति जो अपने रब के एक स्पष्ट प्रमाण पर है और स्वयं उसके रूप में भी एक गवाह उसके साथ-साथ रहता है - और इससे पहले मूसा की किताब भी एक मार्गदर्शक और दयालुता के रूप में उपस्थित रही है- (और वह जो प्रकाश एवं मार्गदर्शन से वंचित है, दोनों बराबर हो सकते है) ऐसे ही लोग उसपर ईमान लाते है, किन्तु इन गिरोहों में से जो उसका इनकार करेगा तो उसके लिए जिस जगह का वादा है, वह तो आग है। अतः तुम्हें इसके विषय में कोई सन्देह न हो। यह तुम्हारे रब की ओर से सत्य है, किन्तु अधिकतर लोग मानते नहीं ([११] हूद: 17)Tafseer (तफ़सीर )
وَمَنْ اَظْلَمُ مِمَّنِ افْتَرٰى عَلَى اللّٰهِ كَذِبًاۗ اُولٰۤىِٕكَ يُعْرَضُوْنَ عَلٰى رَبِّهِمْ وَيَقُوْلُ الْاَشْهَادُ هٰٓؤُلَاۤءِ الَّذِيْنَ كَذَبُوْا عَلٰى رَبِّهِمْۚ اَلَا لَعْنَةُ اللّٰهِ عَلَى الظّٰلِمِيْنَ ۙ ١٨
- waman
- وَمَنْ
- और कौन
- aẓlamu
- أَظْلَمُ
- बड़ा ज़ालिम है
- mimmani
- مِمَّنِ
- उससे जो
- if'tarā
- ٱفْتَرَىٰ
- गढ़ ले
- ʿalā
- عَلَى
- अल्लाह पर
- l-lahi
- ٱللَّهِ
- अल्लाह पर
- kadhiban
- كَذِبًاۚ
- झूठ
- ulāika
- أُو۟لَٰٓئِكَ
- यही लोग हैं
- yuʿ'raḍūna
- يُعْرَضُونَ
- जो पेश किए जाऐंगे
- ʿalā
- عَلَىٰ
- अपने रब पर
- rabbihim
- رَبِّهِمْ
- अपने रब पर
- wayaqūlu
- وَيَقُولُ
- और कहेंगे
- l-ashhādu
- ٱلْأَشْهَٰدُ
- गवाह
- hāulāi
- هَٰٓؤُلَآءِ
- ये हैं
- alladhīna
- ٱلَّذِينَ
- वो लोग जिन्होंने
- kadhabū
- كَذَبُوا۟
- झूठ बोला
- ʿalā
- عَلَىٰ
- अपने रब पर
- rabbihim
- رَبِّهِمْۚ
- अपने रब पर
- alā
- أَلَا
- ख़बरदार
- laʿnatu
- لَعْنَةُ
- लानत है
- l-lahi
- ٱللَّهِ
- अल्लाह की
- ʿalā
- عَلَى
- ज़ालिमों पर
- l-ẓālimīna
- ٱلظَّٰلِمِينَ
- ज़ालिमों पर
उस व्यक्ति से बढ़कर अत्याचारी कौन होगा जो अल्लाह पर थोपकर झूठ घड़े। ऐसे लोग अपने रब के सामने पेश होंगे और गवाही देनेवाले कहेंगे, 'यही लोग है जिन्होंने अपने रब पर झूठ घड़ा।' सुन लो! ऐसे अत्याचारियों पर अल्लाह की लानत है ([११] हूद: 18)Tafseer (तफ़सीर )
الَّذِيْنَ يَصُدُّوْنَ عَنْ سَبِيْلِ اللّٰهِ وَيَبْغُوْنَهَا عِوَجًاۗ وَهُمْ بِالْاٰخِرَةِ هُمْ كفِٰرُوْنَ ١٩
- alladhīna
- ٱلَّذِينَ
- वो लोग जो
- yaṣuddūna
- يَصُدُّونَ
- रोकते हैं
- ʿan
- عَن
- अल्लाह के रास्ते से
- sabīli
- سَبِيلِ
- अल्लाह के रास्ते से
- l-lahi
- ٱللَّهِ
- अल्लाह के रास्ते से
- wayabghūnahā
- وَيَبْغُونَهَا
- और तलाश करते हैं उस में
- ʿiwajan
- عِوَجًا
- टेढ़ा पन
- wahum
- وَهُم
- और वो
- bil-ākhirati
- بِٱلْءَاخِرَةِ
- आख़िरत के
- hum
- هُمْ
- वो ही
- kāfirūna
- كَٰفِرُونَ
- इन्कारी हैं
जो अल्लाह के मार्ग से रोकते है और उसमें टेढ़ पैदा करना चाहते है; और वही आख़िरत का इनकार करते है ([११] हूद: 19)Tafseer (तफ़सीर )
اُولٰۤىِٕكَ لَمْ يَكُوْنُوْا مُعْجِزِيْنَ فِى الْاَرْضِ وَمَا كَانَ لَهُمْ مِّنْ دُوْنِ اللّٰهِ مِنْ اَوْلِيَاۤءَ ۘ يُضٰعَفُ لَهُمُ الْعَذَابُ ۗمَا كَانُوْا يَسْتَطِيْعُوْنَ السَّمْعَ وَمَا كَانُوْا يُبْصِرُوْنَ ٢٠
- ulāika
- أُو۟لَٰٓئِكَ
- यही लोग
- lam
- لَمْ
- ना
- yakūnū
- يَكُونُوا۟
- वो थे
- muʿ'jizīna
- مُعْجِزِينَ
- आजिज़ करने वाले
- fī
- فِى
- ज़मीन में
- l-arḍi
- ٱلْأَرْضِ
- ज़मीन में
- wamā
- وَمَا
- और नहीं
- kāna
- كَانَ
- था
- lahum
- لَهُم
- उनके लिए
- min
- مِّن
- सिवाय
- dūni
- دُونِ
- सिवाय
- l-lahi
- ٱللَّهِ
- अल्लाह के
- min
- مِنْ
- कोई मददगार
- awliyāa
- أَوْلِيَآءَۘ
- कोई मददगार
- yuḍāʿafu
- يُضَٰعَفُ
- दोगुना किया जाएगा
- lahumu
- لَهُمُ
- उनके लिए
- l-ʿadhābu
- ٱلْعَذَابُۚ
- अज़ाब
- mā
- مَا
- ना
- kānū
- كَانُوا۟
- थे वो
- yastaṭīʿūna
- يَسْتَطِيعُونَ
- वो इस्तिताअत रखते
- l-samʿa
- ٱلسَّمْعَ
- सुनने की
- wamā
- وَمَا
- और ना ही
- kānū
- كَانُوا۟
- थे वो
- yub'ṣirūna
- يُبْصِرُونَ
- वो देखते
वे धरती में क़ाबू से बाहर नहीं जा सकते और न अल्लाह से हटकर उनका कोई समर्थक ही है। उन्हें दोहरी यातना दी जाएगी। वे न सुन ही सकते थे और न देख ही सकते थे ([११] हूद: 20)Tafseer (तफ़सीर )