Skip to content

सूरा हूद - Page: 13

Hud

(हूद)

१२१

وَقُلْ لِّلَّذِيْنَ لَا يُؤْمِنُوْنَ اعْمَلُوْا عَلٰى مَكَانَتِكُمْۗ اِنَّا عٰمِلُوْنَۙ ١٢١

waqul
وَقُل
और कह दीजिए
lilladhīna
لِّلَّذِينَ
उन लेगों को जो
لَا
नहीं वो ईमान लाते
yu'minūna
يُؤْمِنُونَ
नहीं वो ईमान लाते
iʿ'malū
ٱعْمَلُوا۟
अमल करो
ʿalā
عَلَىٰ
अपनी जगह पर
makānatikum
مَكَانَتِكُمْ
अपनी जगह पर
innā
إِنَّا
बेशक हम (भी)
ʿāmilūna
عَٰمِلُونَ
अमल करने वाले हैं
जो लोग ईमान नहीं ला रहे हैं उनसे कह दो, 'तुम अपनी जगह कर्म किए जाओ, हम भी कर्म कर रहे है ([११] हूद: 121)
Tafseer (तफ़सीर )
१२२

وَانْتَظِرُوْاۚ اِنَّا مُنْتَظِرُوْنَ ١٢٢

wa-intaẓirū
وَٱنتَظِرُوٓا۟
और इन्तिज़ार करो
innā
إِنَّا
बेशक हम (भी)
muntaẓirūna
مُنتَظِرُونَ
इन्तिज़ार करने वाले हैं
तुम भी प्रतीक्षा करो, हम भी प्रतीक्षा कर रहे है।' ([११] हूद: 122)
Tafseer (तफ़सीर )
१२३

وَلِلّٰهِ غَيْبُ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ وَاِلَيْهِ يُرْجَعُ الْاَمْرُ كُلُّهٗ فَاعْبُدْهُ وَتَوَكَّلْ عَلَيْهِۗ وَمَا رَبُّكَ بِغَافِلٍ عَمَّا تَعْمَلُوْنَ ࣖ ١٢٣

walillahi
وَلِلَّهِ
और अल्लाह ही के लिए है
ghaybu
غَيْبُ
ग़ैब
l-samāwāti
ٱلسَّمَٰوَٰتِ
आसमानों का
wal-arḍi
وَٱلْأَرْضِ
और ज़मीन का
wa-ilayhi
وَإِلَيْهِ
और तरफ़ उसी के
yur'jaʿu
يُرْجَعُ
लौटाया जाता है
l-amru
ٱلْأَمْرُ
मामला
kulluhu
كُلُّهُۥ
सारे का सारा
fa-uʿ'bud'hu
فَٱعْبُدْهُ
पस इबादत कीजिए उसकी
watawakkal
وَتَوَكَّلْ
और तवक्कल कीजिए
ʿalayhi
عَلَيْهِۚ
उस पर
wamā
وَمَا
और नहीं
rabbuka
رَبُّكَ
रब आपका
bighāfilin
بِغَٰفِلٍ
ग़ाफ़िल
ʿammā
عَمَّا
उससे जो
taʿmalūna
تَعْمَلُونَ
तुम अमल करते हो
अल्लाह ही का है जो कुछ आकाशों और धरती में छिपा है, और हर मामला उसी की ओर पलटता है। अतः उसी की बन्दगी करो और उसी पर भरोसा रखो। जो कुछ तुम करते हो, उससे तुम्हारा रब बेख़बर नहीं है ([११] हूद: 123)
Tafseer (तफ़सीर )