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सूरा अल-अस्र - शब्द द्वारा शब्द

Al-'Asr

(The Declining Day, Eventide, The Epoch)

bismillaahirrahmaanirrahiim

وَالْعَصْرِۙ ١

wal-ʿaṣri
وَٱلْعَصْرِ
क़सम है ज़माने की
गवाह है गुज़रता समय, ([१०३] अल-अस्र: 1)
Tafseer (तफ़सीर )

اِنَّ الْاِنْسَانَ لَفِيْ خُسْرٍۙ ٢

inna
إِنَّ
बेशक
l-insāna
ٱلْإِنسَٰنَ
इन्सान
lafī
لَفِى
यक़ीनन ख़सारे में है
khus'rin
خُسْرٍ
यक़ीनन ख़सारे में है
कि वास्तव में मनुष्य घाटे में है, ([१०३] अल-अस्र: 2)
Tafseer (तफ़सीर )

اِلَّا الَّذِيْنَ اٰمَنُوْا وَعَمِلُوا الصّٰلِحٰتِ وَتَوَاصَوْا بِالْحَقِّ ەۙ وَتَوَاصَوْا بِالصَّبْرِ ࣖ ٣

illā
إِلَّا
सिवाए
alladhīna
ٱلَّذِينَ
उन लोगों के जो
āmanū
ءَامَنُوا۟
ईमान लाए
waʿamilū
وَعَمِلُوا۟
और उन्होंने अमल किए
l-ṣāliḥāti
ٱلصَّٰلِحَٰتِ
नेक
watawāṣaw
وَتَوَاصَوْا۟
और एक दूसरे तो तलक़ीन की
bil-ḥaqi
بِٱلْحَقِّ
हक़ की
watawāṣaw
وَتَوَاصَوْا۟
और एक दूसरे को तलक़ीन की
bil-ṣabri
بِٱلصَّبْرِ
सब्र की
सिवाय उन लोगों के जो ईमान लाए और अच्छे कर्म किए और एक-दूसरे को हक़ की ताकीद की, और एक-दूसरे को धैर्य की ताकीद की ([१०३] अल-अस्र: 3)
Tafseer (तफ़सीर )