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सूरा युनुस - Page: 9

Yunus

(यूनुस)

८१

فَلَمَّآ اَلْقَوْا قَالَ مُوْسٰى مَا جِئْتُمْ بِهِ ۙالسِّحْرُۗ اِنَّ اللّٰهَ سَيُبْطِلُهٗۗ اِنَّ اللّٰهَ لَا يُصْلِحُ عَمَلَ الْمُفْسِدِيْنَ ࣖ ٨١

falammā
فَلَمَّآ
तो जब
alqaw
أَلْقَوْا۟
उन्होंने डाला
qāla
قَالَ
कहा
mūsā
مُوسَىٰ
मूसा ने
مَا
वो जो
ji'tum
جِئْتُم
लाए हो तुम
bihi
بِهِ
जिसको
l-siḥ'ru
ٱلسِّحْرُۖ
जादू है
inna
إِنَّ
बेशक
l-laha
ٱللَّهَ
अल्लाह
sayub'ṭiluhu
سَيُبْطِلُهُۥٓۖ
अनक़रीब वो बातिल कर देगा उसे
inna
إِنَّ
बेशक
l-laha
ٱللَّهَ
अल्लाह
لَا
नहीं वो संवारता
yuṣ'liḥu
يُصْلِحُ
नहीं वो संवारता
ʿamala
عَمَلَ
काम
l-muf'sidīna
ٱلْمُفْسِدِينَ
मुफ़सिदों का
फिर जब उन्होंने डाला तो मूसा ने कहा, 'तुम जो कुछ लाए हो, जादू है। अल्लाह अभी उसे मटियामेट किए देता है। निस्संदेह अल्लाह बिगाड़ पैदा करनेवालों के कर्म को फलीभूत नहीं होने देता ([१०] युनुस: 81)
Tafseer (तफ़सीर )
८२

وَيُحِقُّ اللّٰهُ الْحَقَّ بِكَلِمٰتِهٖ وَلَوْ كَرِهَ الْمُجْرِمُوْنَ ٨٢

wayuḥiqqu
وَيُحِقُّ
और सच्चा साबित कर दिखाता है
l-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह
l-ḥaqa
ٱلْحَقَّ
हक़ को
bikalimātihi
بِكَلِمَٰتِهِۦ
अपने कलिमात से
walaw
وَلَوْ
और अगरचे
kariha
كَرِهَ
नापसंद करें
l-muj'rimūna
ٱلْمُجْرِمُونَ
मुजरिम
'अल्लाह अपने शब्दों से सत्य को सत्य कर दिखाता है, चाहे अपराधी नापसन्द ही करें।' ([१०] युनुस: 82)
Tafseer (तफ़सीर )
८३

فَمَآ اٰمَنَ لِمُوْسٰىٓ اِلَّا ذُرِّيَّةٌ مِّنْ قَوْمِهٖ عَلٰى خَوْفٍ مِّنْ فِرْعَوْنَ وَمَلَا۟ىِٕهِمْ اَنْ يَّفْتِنَهُمْ ۗوَاِنَّ فِرْعَوْنَ لَعَالٍ فِى الْاَرْضِۚ وَاِنَّهٗ لَمِنَ الْمُسْرِفِيْنَ ٨٣

famā
فَمَآ
तो ना
āmana
ءَامَنَ
बात मानी
limūsā
لِمُوسَىٰٓ
मूसा की
illā
إِلَّا
मगर
dhurriyyatun
ذُرِّيَّةٌ
चंद नौजवानों ने
min
مِّن
उसकी क़ौम में से
qawmihi
قَوْمِهِۦ
उसकी क़ौम में से
ʿalā
عَلَىٰ
ख़ौफ़ की बिना पर
khawfin
خَوْفٍ
ख़ौफ़ की बिना पर
min
مِّن
फ़िरऔन से
fir'ʿawna
فِرْعَوْنَ
फ़िरऔन से
wamala-ihim
وَمَلَإِي۟هِمْ
और उसके सरदारों से
an
أَن
कि
yaftinahum
يَفْتِنَهُمْۚ
वो फ़ितने में डाल देगा उन्हें
wa-inna
وَإِنَّ
और बेशक
fir'ʿawna
فِرْعَوْنَ
फ़िरऔन
laʿālin
لَعَالٍ
अलबत्ता सरकश था
فِى
ज़मीन में
l-arḍi
ٱلْأَرْضِ
ज़मीन में
wa-innahu
وَإِنَّهُۥ
और बेशक वो
lamina
لَمِنَ
यक़ीनन हद से बढ़ जाने वालों में से था
l-mus'rifīna
ٱلْمُسْرِفِينَ
यक़ीनन हद से बढ़ जाने वालों में से था
फिर मूसा की बात उसकी क़ौम की संतति में से बस कुछ ही लोगों ने मानी; फ़िरऔन और उनके सरदारों के भय से कि कहीं उन्हें किसी फ़ितने में न डाल दें। फ़िरऔन था भी धरती में बहुत सिर उठाए हुए, औऱ निश्चय ही वह हद से आगे बढ़ गया था ([१०] युनुस: 83)
Tafseer (तफ़सीर )
८४

وَقَالَ مُوْسٰى يٰقَوْمِ اِنْ كُنْتُمْ اٰمَنْتُمْ بِاللّٰهِ فَعَلَيْهِ تَوَكَّلُوْٓا اِنْ كُنْتُمْ مُّسْلِمِيْنَ ٨٤

waqāla
وَقَالَ
और कहा
mūsā
مُوسَىٰ
मूसा ने
yāqawmi
يَٰقَوْمِ
ऐ मेरी क़ौम
in
إِن
अगर
kuntum
كُنتُمْ
हो तुम
āmantum
ءَامَنتُم
ईमान लाए तुम
bil-lahi
بِٱللَّهِ
अल्लाह पर
faʿalayhi
فَعَلَيْهِ
तो उसी पर
tawakkalū
تَوَكَّلُوٓا۟
तुम तवक्कल करो
in
إِن
अगर
kuntum
كُنتُم
हो तुम
mus'limīna
مُّسْلِمِينَ
फ़रमाबरदार
मूसा ने कहा, 'ऐ मेरी क़ौम के लोगो! यदि तुम अल्लाह पर ईमान रखते हो तो उसपर भरोसा करो, यदि तुम आज्ञाकारी हो।' ([१०] युनुस: 84)
Tafseer (तफ़सीर )
८५

فَقَالُوْا عَلَى اللّٰهِ تَوَكَّلْنَا ۚرَبَّنَا لَا تَجْعَلْنَا فِتْنَةً لِّلْقَوْمِ الظّٰلِمِيْنَ ٨٥

faqālū
فَقَالُوا۟
तो उन्होंने कहा
ʿalā
عَلَى
अल्लाह ही पर
l-lahi
ٱللَّهِ
अल्लाह ही पर
tawakkalnā
تَوَكَّلْنَا
तवक्कल किया हमने
rabbanā
رَبَّنَا
ऐ हमारे रब
لَا
ना तू बनाना हमें
tajʿalnā
تَجْعَلْنَا
ना तू बनाना हमें
fit'natan
فِتْنَةً
फ़ितना
lil'qawmi
لِّلْقَوْمِ
उन लोगों के लिए
l-ẓālimīna
ٱلظَّٰلِمِينَ
जो ज़ालिम हैं
इसपर वे बोले, 'हमने अल्लाह पर भरोसा किया। ऐ हमारे रब! तू हमें अत्याचारी लोगों के हाथों आज़माइश में न डाल ([१०] युनुस: 85)
Tafseer (तफ़सीर )
८६

وَنَجِّنَا بِرَحْمَتِكَ مِنَ الْقَوْمِ الْكٰفِرِيْنَ ٨٦

wanajjinā
وَنَجِّنَا
और निजात दे हमें
biraḥmatika
بِرَحْمَتِكَ
साथ अपनी रहमत के
mina
مِنَ
उन लोगों से
l-qawmi
ٱلْقَوْمِ
उन लोगों से
l-kāfirīna
ٱلْكَٰفِرِينَ
जो काफ़िर हैं
'और अपनी दयालुता से हमें इनकार करनेवालों से छुटकारा दिया।' ([१०] युनुस: 86)
Tafseer (तफ़सीर )
८७

وَاَوْحَيْنَآ اِلٰى مُوْسٰى وَاَخِيْهِ اَنْ تَبَوَّاٰ لِقَوْمِكُمَا بِمِصْرَ بُيُوْتًا وَّاجْعَلُوْا بُيُوْتَكُمْ قِبْلَةً وَّاَقِيْمُوا الصَّلٰوةَۗ وَبَشِّرِ الْمُؤْمِنِيْنَ ٨٧

wa-awḥaynā
وَأَوْحَيْنَآ
और वही की हमने
ilā
إِلَىٰ
तरफ़ मूसा
mūsā
مُوسَىٰ
तरफ़ मूसा
wa-akhīhi
وَأَخِيهِ
और उसके भाई के
an
أَن
कि
tabawwaā
تَبَوَّءَا
तुम दोनों मुतय्यन करो
liqawmikumā
لِقَوْمِكُمَا
अपनी क़ौम के लिए
bimiṣ'ra
بِمِصْرَ
मिस्र में
buyūtan
بُيُوتًا
कुछ घर
wa-ij'ʿalū
وَٱجْعَلُوا۟
और बना लो
buyūtakum
بُيُوتَكُمْ
अपने घरों को
qib'latan
قِبْلَةً
क़िबला/मरकज़
wa-aqīmū
وَأَقِيمُوا۟
और क़ायम करो
l-ṣalata
ٱلصَّلَوٰةَۗ
नमाज़
wabashiri
وَبَشِّرِ
और ख़ुशखबरी दो
l-mu'minīna
ٱلْمُؤْمِنِينَ
मोमिनों को
हमने मूसा और उसके भाई की ओर प्रकाशना की कि 'तुम दोनों अपने लोगों के लिए मिस्र में कुछ घर निश्चित कर लो औऱ अपने घरों को क़िबला बना लो। और नमाज़ क़ायम करो और ईमानवालों को शुभसूचना दे दो।' ([१०] युनुस: 87)
Tafseer (तफ़सीर )
८८

وَقَالَ مُوْسٰى رَبَّنَآ اِنَّكَ اٰتَيْتَ فِرْعَوْنَ وَمَلَاَهٗ زِيْنَةً وَّاَمْوَالًا فِى الْحَيٰوةِ الدُّنْيَاۗ رَبَّنَا لِيُضِلُّوْا عَنْ سَبِيْلِكَ ۚرَبَّنَا اطْمِسْ عَلٰٓى اَمْوَالِهِمْ وَاشْدُدْ عَلٰى قُلُوْبِهِمْ فَلَا يُؤْمِنُوْا حَتّٰى يَرَوُا الْعَذَابَ الْاَلِيْمَ ٨٨

waqāla
وَقَالَ
और कहा
mūsā
مُوسَىٰ
मूसा ने
rabbanā
رَبَّنَآ
ऐ हमारे रब
innaka
إِنَّكَ
बेशक तू
ātayta
ءَاتَيْتَ
दी तूने
fir'ʿawna
فِرْعَوْنَ
फ़िरऔन को
wamala-ahu
وَمَلَأَهُۥ
और उसके सरदारों को
zīnatan
زِينَةً
ज़ीनत
wa-amwālan
وَأَمْوَٰلًا
और माल
فِى
दुनिया की ज़िन्दगी में
l-ḥayati
ٱلْحَيَوٰةِ
दुनिया की ज़िन्दगी में
l-dun'yā
ٱلدُّنْيَا
दुनिया की ज़िन्दगी में
rabbanā
رَبَّنَا
ऐ हमारे रब
liyuḍillū
لِيُضِلُّوا۟
ताकि वो भटकाऐं
ʿan
عَن
तेरे रास्ते से
sabīlika
سَبِيلِكَۖ
तेरे रास्ते से
rabbanā
رَبَّنَا
ऐ हमारे रब
iṭ'mis
ٱطْمِسْ
मिटा दे
ʿalā
عَلَىٰٓ
इनके मालों को
amwālihim
أَمْوَٰلِهِمْ
इनके मालों को
wa-ush'dud
وَٱشْدُدْ
और सख़्ती डाल दे
ʿalā
عَلَىٰ
इनके दिलों पर
qulūbihim
قُلُوبِهِمْ
इनके दिलों पर
falā
فَلَا
तो ना
yu'minū
يُؤْمِنُوا۟
वो ईमान लाऐं
ḥattā
حَتَّىٰ
यहाँ तक कि
yarawū
يَرَوُا۟
वो देख लें
l-ʿadhāba
ٱلْعَذَابَ
अज़ाब
l-alīma
ٱلْأَلِيمَ
दर्दनाक
मूसा ने कहा, 'हमारे रब! तूने फ़िरऔन और उसके सरदारों को सांसारिक जीवन में शोभा-सामग्री और धन दिए है, हमारे रब, इसलिए कि वे तेरे मार्ग से भटकाएँ! हमारे रब, उनके धन नष्ट कर दे और उनके हृदय कठोर कर दे कि वे ईमान न लाएँ, ताकि वे दुखद यातना देख लें।' ([१०] युनुस: 88)
Tafseer (तफ़सीर )
८९

قَالَ قَدْ اُجِيْبَتْ دَّعْوَتُكُمَا فَاسْتَقِيْمَا وَلَا تَتَّبِعٰۤنِّ سَبِيْلَ الَّذِيْنَ لَا يَعْلَمُوْنَ ٨٩

qāla
قَالَ
फ़रमाया
qad
قَدْ
तहक़ीक़
ujībat
أُجِيبَت
क़ुबूल कर ली गई
daʿwatukumā
دَّعْوَتُكُمَا
दुआ तुम दोनों की
fa-is'taqīmā
فَٱسْتَقِيمَا
पस तुम दोनों साबित क़दम रहो
walā
وَلَا
और ना
tattabiʿānni
تَتَّبِعَآنِّ
तुम दोनों हरगिज़ पैरवी करना
sabīla
سَبِيلَ
रास्ते की
alladhīna
ٱلَّذِينَ
उनके जो
لَا
नहीं वो इल्म रखते
yaʿlamūna
يَعْلَمُونَ
नहीं वो इल्म रखते
कहा, 'तुम दोनों की प्रार्थना स्वीकृत हो चुकी। अतः तुम दोनों जमें रहो और उन लोगों के मार्ग पर कदापि न चलना, जो जानते नहीं।' ([१०] युनुस: 89)
Tafseer (तफ़सीर )
९०

۞ وَجَاوَزْنَا بِبَنِيْٓ اِسْرَاۤءِيْلَ الْبَحْرَ فَاَتْبَعَهُمْ فِرْعَوْنُ وَجُنُوْدُهٗ بَغْيًا وَّعَدْوًا ۗحَتّٰىٓ اِذَآ اَدْرَكَهُ الْغَرَقُ قَالَ اٰمَنْتُ اَنَّهٗ لَآ اِلٰهَ اِلَّا الَّذِيْٓ اٰمَنَتْ بِهٖ بَنُوْٓا اِسْرَاۤءِيْلَ وَاَنَا۠ مِنَ الْمُسْلِمِيْنَ ٩٠

wajāwaznā
وَجَٰوَزْنَا
और पार करा दिया हमने
bibanī
بِبَنِىٓ
बनी इस्राईल को
is'rāīla
إِسْرَٰٓءِيلَ
बनी इस्राईल को
l-baḥra
ٱلْبَحْرَ
समुन्दर
fa-atbaʿahum
فَأَتْبَعَهُمْ
फिर पीछा किया उनका
fir'ʿawnu
فِرْعَوْنُ
फ़िरऔन
wajunūduhu
وَجُنُودُهُۥ
और उसके लश्करों ने
baghyan
بَغْيًا
सरकशी
waʿadwan
وَعَدْوًاۖ
और ज़्यादती से
ḥattā
حَتَّىٰٓ
यहाँ तक कि
idhā
إِذَآ
जब
adrakahu
أَدْرَكَهُ
पा लिया उसे
l-gharaqu
ٱلْغَرَقُ
ग़र्क़ होने ने
qāla
قَالَ
वो बोला
āmantu
ءَامَنتُ
मैं ईमान ले आया
annahu
أَنَّهُۥ
कि बेशक वो
لَآ
नहीं
ilāha
إِلَٰهَ
कोई इलाह (बरहक़)
illā
إِلَّا
मगर
alladhī
ٱلَّذِىٓ
वो ही जो
āmanat
ءَامَنَتْ
ईमान लाए
bihi
بِهِۦ
जिस पर
banū
بَنُوٓا۟
बनी इस्राईल
is'rāīla
إِسْرَٰٓءِيلَ
बनी इस्राईल
wa-anā
وَأَنَا۠
और मैं
mina
مِنَ
मुसलमानों में से हूँ
l-mus'limīna
ٱلْمُسْلِمِينَ
मुसलमानों में से हूँ
और हमने इसराईलियों को समुद्र पार करा दिया। फिर फ़िरऔन और उसकी सेनाओं ने सरकशी और ज़्यादती के साथ उनका पीछा किया, यहाँ तक कि जब वह डूबने लगा तो पुकार उठा, 'मैं ईमान ले आया कि उसके सिव कोई पूज्य-प्रभु नही, जिस पर इसराईल की सन्तान ईमान लाई। अब मैं आज्ञाकारी हूँ।' ([१०] युनुस: 90)
Tafseer (तफ़सीर )