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सूरा युनुस - Page: 8

Yunus

(यूनुस)

७१

۞ وَاتْلُ عَلَيْهِمْ نَبَاَ نُوْحٍۘ اِذْ قَالَ لِقَوْمِهٖ يٰقَوْمِ اِنْ كَانَ كَبُرَ عَلَيْكُمْ مَّقَامِيْ وَتَذْكِيْرِيْ بِاٰيٰتِ اللّٰهِ فَعَلَى اللّٰهِ تَوَكَّلْتُ فَاَجْمِعُوْٓا اَمْرَكُمْ وَشُرَكَاۤءَكُمْ ثُمَّ لَا يَكُنْ اَمْرُكُمْ عَلَيْكُمْ غُمَّةً ثُمَّ اقْضُوْٓا اِلَيَّ وَلَا تُنْظِرُوْنِ ٧١

wa-ut'lu
وَٱتْلُ
और पढ़िए
ʿalayhim
عَلَيْهِمْ
उन पर
naba-a
نَبَأَ
खबर
nūḥin
نُوحٍ
नूह की
idh
إِذْ
जब
qāla
قَالَ
उसने कहा
liqawmihi
لِقَوْمِهِۦ
अपनी क़ौम से
yāqawmi
يَٰقَوْمِ
ऐ मेरी क़ौम
in
إِن
अगर
kāna
كَانَ
है
kabura
كَبُرَ
भारी
ʿalaykum
عَلَيْكُم
तुम पर
maqāmī
مَّقَامِى
खड़ा होना मेरा
watadhkīrī
وَتَذْكِيرِى
और नसीहत करना मेरा
biāyāti
بِـَٔايَٰتِ
साथ अल्लाह की आयात के
l-lahi
ٱللَّهِ
साथ अल्लाह की आयात के
faʿalā
فَعَلَى
तो अल्लाह ही पर
l-lahi
ٱللَّهِ
तो अल्लाह ही पर
tawakkaltu
تَوَكَّلْتُ
तवक्कल किया मैंने
fa-ajmiʿū
فَأَجْمِعُوٓا۟
तो पुख़्ता कर लो तुम
amrakum
أَمْرَكُمْ
मामला अपना
washurakāakum
وَشُرَكَآءَكُمْ
और शरीक तुम्हारे (भी)
thumma
ثُمَّ
फिर
لَا
ना हो
yakun
يَكُنْ
ना हो
amrukum
أَمْرُكُمْ
मामला तुम्हारा
ʿalaykum
عَلَيْكُمْ
तुम पर
ghummatan
غُمَّةً
पोशीदा/मख़्फी
thumma
ثُمَّ
फिर
iq'ḍū
ٱقْضُوٓا۟
फ़ैसला करो
ilayya
إِلَىَّ
साथ मेरे
walā
وَلَا
और ना
tunẓirūni
تُنظِرُونِ
तुम मोहलत दो मुझे
उन्हें नूह का वृत्तान्त सुनाओ। जब उसने अपनी क़ौम से कहा, 'ऐ मेरी क़ौम के लोगो! यदि मेरा खड़ा होना और अल्लाह की आयतों के द्वारा नसीहत करना तुम्हें भारी हो गया है तो मेरा भरोसा अल्लाह पर है। तु अपना मामला ठहरा लो और अपने ठहराए हुए साझीदारों को भी साथ ले लो, फिर तुम्हारा मामला तुम पर कुछ संदिग्ध न रहे; फिर मेरे साथ जो कुछ करना है, कर डालों और मुझे मुहलत न दो।' ([१०] युनुस: 71)
Tafseer (तफ़सीर )
७२

فَاِنْ تَوَلَّيْتُمْ فَمَا سَاَلْتُكُمْ مِّنْ اَجْرٍۗ اِنْ اَجْرِيَ اِلَّا عَلَى اللّٰهِ ۙوَاُمِرْتُ اَنْ اَكُوْنَ مِنَ الْمُسْلِمِيْنَ ٧٢

fa-in
فَإِن
फिर अगर
tawallaytum
تَوَلَّيْتُمْ
मुँह फेर लो तुम
famā
فَمَا
तो नहीं
sa-altukum
سَأَلْتُكُم
माँगा मैंने तुमसे
min
مِّنْ
कोई अजर
ajrin
أَجْرٍۖ
कोई अजर
in
إِنْ
नहीं
ajriya
أَجْرِىَ
अजर मेरा
illā
إِلَّا
मगर
ʿalā
عَلَى
अल्लाह पर
l-lahi
ٱللَّهِۖ
अल्लाह पर
wa-umir'tu
وَأُمِرْتُ
और मैं हुक्म दिया गया हूँ
an
أَنْ
कि
akūna
أَكُونَ
मैं हो जाऊँ
mina
مِنَ
फ़रमाबरदारों में से
l-mus'limīna
ٱلْمُسْلِمِينَ
फ़रमाबरदारों में से
फिर यदि तुम मुँह फेरोगे तो मैंने तुमसे कोई बदला नहीं माँगा। मेरा बदला (पारिश्रामिक) बस अल्लाह के ज़िम्मे है, और आदेश मुझे मुस्लिम (आज्ञाकारी) होने का हुआ है ([१०] युनुस: 72)
Tafseer (तफ़सीर )
७३

فَكَذَّبُوْهُ فَنَجَّيْنٰهُ وَمَنْ مَّعَهٗ فِى الْفُلْكِ وَجَعَلْنٰهُمْ خَلٰۤىِٕفَ وَاَغْرَقْنَا الَّذِيْنَ كَذَّبُوْا بِاٰيٰتِنَاۚ فَانْظُرْ كَيْفَ كَانَ عَاقِبَةُ الْمُنْذَرِيْنَ ٧٣

fakadhabūhu
فَكَذَّبُوهُ
तो उन्होंने झुठलाया उसे
fanajjaynāhu
فَنَجَّيْنَٰهُ
पस निजात दी हमने उसे
waman
وَمَن
और उनको जो
maʿahu
مَّعَهُۥ
उसके साथ थे
فِى
कश्ती में
l-ful'ki
ٱلْفُلْكِ
कश्ती में
wajaʿalnāhum
وَجَعَلْنَٰهُمْ
और बनाया हमने उन्हें
khalāifa
خَلَٰٓئِفَ
जानशीन
wa-aghraqnā
وَأَغْرَقْنَا
और ग़र्क़ कर दिया हमने
alladhīna
ٱلَّذِينَ
उनको जिन्होंने
kadhabū
كَذَّبُوا۟
झुठलाया
biāyātinā
بِـَٔايَٰتِنَاۖ
हमारी आयात को
fa-unẓur
فَٱنظُرْ
तो देखो
kayfa
كَيْفَ
कैसा
kāna
كَانَ
हुआ
ʿāqibatu
عَٰقِبَةُ
अन्जाम
l-mundharīna
ٱلْمُنذَرِينَ
डराए जाने वालों का
किन्तु उन्होंने झूठला दिया, तो हमने उसे और उन लोगों को, जो उनके साथ नौका में थे, बचा लिया और उन्हें उतराधिकारी बनाया, और उन लोगो को डूबो दिया, जिन्होंने हमारी आयतों को झुठलाया था। अतः देख लो, जिन्हें सचेत किया गया था उनका क्या परिणाम हुआ! ([१०] युनुस: 73)
Tafseer (तफ़सीर )
७४

ثُمَّ بَعَثْنَا مِنْۢ بَعْدِهٖ رُسُلًا اِلٰى قَوْمِهِمْ فَجَاۤءُوْهُمْ بِالْبَيِّنٰتِ فَمَا كَانُوْا لِيُؤْمِنُوْا بِمَا كَذَّبُوْا بِهٖ مِنْ قَبْلُ ۗ كَذٰلِكَ نَطْبَعُ عَلٰى قُلُوْبِ الْمُعْتَدِيْنَ ٧٤

thumma
ثُمَّ
फिर
baʿathnā
بَعَثْنَا
भेजे हमने
min
مِنۢ
बाद इसके
baʿdihi
بَعْدِهِۦ
बाद इसके
rusulan
رُسُلًا
कई रसूल
ilā
إِلَىٰ
तरफ़ उनकी क़ौम के
qawmihim
قَوْمِهِمْ
तरफ़ उनकी क़ौम के
fajāūhum
فَجَآءُوهُم
तो वो आए उनके पास
bil-bayināti
بِٱلْبَيِّنَٰتِ
साथ वाज़ेह दलाइल के
famā
فَمَا
तो ना
kānū
كَانُوا۟
थे वो
liyu'minū
لِيُؤْمِنُوا۟
कि वो ईमान लाते
bimā
بِمَا
बवजह उसके जो
kadhabū
كَذَّبُوا۟
वो झुठला चुके थे
bihi
بِهِۦ
उसे
min
مِن
इससे पहले
qablu
قَبْلُۚ
इससे पहले
kadhālika
كَذَٰلِكَ
इसी तरह
naṭbaʿu
نَطْبَعُ
हम मोहर लगा देते हैं
ʿalā
عَلَىٰ
दिलों पर
qulūbi
قُلُوبِ
दिलों पर
l-muʿ'tadīna
ٱلْمُعْتَدِينَ
हद से तजावुज़ करने वालों के
फिर उसके बाद कितने ही रसूल हमने उनकी क़ौम की ओर भेजे और वे उनके पास स्पष्ट निशानियां लेकर आए, किन्तु वे ऐसे न थे कि जिसको पहले झुठला चुके हॊं, उसे मानते। इसी तरह अतिक्रमणकारियों कॆ दिलों पर हम मुहर लगा देते हैं ([१०] युनुस: 74)
Tafseer (तफ़सीर )
७५

ثُمَّ بَعَثْنَا مِنْۢ بَعْدِهِمْ مُّوْسٰى وَهٰرُوْنَ اِلٰى فِرْعَوْنَ وَمَلَا۟ىِٕهٖ بِاٰيٰتِنَا فَاسْتَكْبَرُوْا وَكَانُوْا قَوْمًا مُّجْرِمِيْنَ ٧٥

thumma
ثُمَّ
फिर
baʿathnā
بَعَثْنَا
भेजा हमने
min
مِنۢ
बाद उनके
baʿdihim
بَعْدِهِم
बाद उनके
mūsā
مُّوسَىٰ
मूसा
wahārūna
وَهَٰرُونَ
और हारून को
ilā
إِلَىٰ
तरफ़ फ़िरऔन
fir'ʿawna
فِرْعَوْنَ
तरफ़ फ़िरऔन
wamala-ihi
وَمَلَإِي۟هِۦ
और उसके सरदारों के
biāyātinā
بِـَٔايَٰتِنَا
साथ अपनी आयात के
fa-is'takbarū
فَٱسْتَكْبَرُوا۟
तो उन्होंने तकब्बुर किया
wakānū
وَكَانُوا۟
और थे वो
qawman
قَوْمًا
लोग
muj'rimīna
مُّجْرِمِينَ
मुजरिम
फिर उनके बाद हमने मूसा और हारून को अपनी आयतों के साथ फ़िरऔन और उसके सरदारों के पास भेजा। किन्तु उन्होंने घमंड किया, वे थे ही अपराधी लोग ([१०] युनुस: 75)
Tafseer (तफ़सीर )
७६

فَلَمَّا جَاۤءَهُمُ الْحَقُّ مِنْ عِنْدِنَا قَالُوْٓا اِنَّ هٰذَا لَسِحْرٌ مُّبِيْنٌ ٧٦

falammā
فَلَمَّا
तो जब
jāahumu
جَآءَهُمُ
आया उनके पास
l-ḥaqu
ٱلْحَقُّ
हक़
min
مِنْ
हमारी तरफ़ से
ʿindinā
عِندِنَا
हमारी तरफ़ से
qālū
قَالُوٓا۟
उन्होंने कहा
inna
إِنَّ
यक़ीनन
hādhā
هَٰذَا
ये
lasiḥ'run
لَسِحْرٌ
अलबत्ता जादू है
mubīnun
مُّبِينٌ
खुल्लम-खुल्ला
अतः जब हमारी ओर से सत्य उनके सामने आया तो वे कहने लगे, 'यह तो खुला जादू है।' ([१०] युनुस: 76)
Tafseer (तफ़सीर )
७७

قَالَ مُوْسٰٓى اَتَقُوْلُوْنَ لِلْحَقِّ لَمَّا جَاۤءَكُمْ ۗ اَسِحْرٌ هٰذَاۗ وَلَا يُفْلِحُ السَّاحِرُوْنَ ٧٧

qāla
قَالَ
कहा
mūsā
مُوسَىٰٓ
मूसा ने
ataqūlūna
أَتَقُولُونَ
क्या तुम कहते हो
lil'ḥaqqi
لِلْحَقِّ
हक़ को (जादू)
lammā
لَمَّا
जब
jāakum
جَآءَكُمْۖ
वो आ गया तुम्हारे पास
asiḥ'run
أَسِحْرٌ
क्या जादू है
hādhā
هَٰذَا
ये
walā
وَلَا
हालाँकि नहीं
yuf'liḥu
يُفْلِحُ
फ़लाह पाते
l-sāḥirūna
ٱلسَّٰحِرُونَ
साहिर/जादूगर
मूसा ने कहा, 'क्या तुम सत्य के विषय में ऐसा कहते हो, जबकि यह तुम्हारे सामने आ गया है? क्या यह कोई जादू है? जादूगर तो सफल नहीं हुआ करते।' ([१०] युनुस: 77)
Tafseer (तफ़सीर )
७८

قَالُوْٓا اَجِئْتَنَا لِتَلْفِتَنَا عَمَّا وَجَدْنَا عَلَيْهِ اٰبَاۤءَنَا وَتَكُوْنَ لَكُمَا الْكِبْرِيَاۤءُ فِى الْاَرْضِۗ وَمَا نَحْنُ لَكُمَا بِمُؤْمِنِيْنَ ٧٨

qālū
قَالُوٓا۟
उन्होंने कहा
aji'tanā
أَجِئْتَنَا
क्या आया है तू हमारे पास
litalfitanā
لِتَلْفِتَنَا
ताकि तू फेर दे हमें
ʿammā
عَمَّا
उससे जो
wajadnā
وَجَدْنَا
पाया हमने
ʿalayhi
عَلَيْهِ
उस पर
ābāanā
ءَابَآءَنَا
अपने आबा ओ अजदाद को
watakūna
وَتَكُونَ
और हो जाए
lakumā
لَكُمَا
तुम दोनों के लिए
l-kib'riyāu
ٱلْكِبْرِيَآءُ
बड़ाई
فِى
जमीन में
l-arḍi
ٱلْأَرْضِ
जमीन में
wamā
وَمَا
और नहीं
naḥnu
نَحْنُ
हम
lakumā
لَكُمَا
तुम दोनों को
bimu'minīna
بِمُؤْمِنِينَ
मानने वाले
उन्होंने कहा, 'क्या तू हमारे पास इसलिए आया है कि हमें उस चीज़ से फेर दे जिसपर हमने अपना बाप-दादा का पाया है और धरती में तुम दोनों की बड़ाई स्थापित हो जाए? हम तो तुम्हें माननेवाले नहीं।' ([१०] युनुस: 78)
Tafseer (तफ़सीर )
७९

وَقَالَ فِرْعَوْنُ ائْتُوْنِيْ بِكُلِّ سٰحِرٍ عَلِيْمٍ ٧٩

waqāla
وَقَالَ
और कहा
fir'ʿawnu
فِرْعَوْنُ
फ़िरऔन ने
i'tūnī
ٱئْتُونِى
लाओ मेरे पास
bikulli
بِكُلِّ
हर
sāḥirin
سَٰحِرٍ
जादूगर को
ʿalīmin
عَلِيمٍ
जो माहिर हो
फ़िरऔन ने कहा, 'हर कुशल जादूगर को मेरे पास लाओ।' ([१०] युनुस: 79)
Tafseer (तफ़सीर )
८०

فَلَمَّا جَاۤءَ السَّحَرَةُ قَالَ لَهُمْ مُّوْسٰٓى اَلْقُوْا مَآ اَنْتُمْ مُّلْقُوْنَ ٨٠

falammā
فَلَمَّا
तो जब
jāa
جَآءَ
आ गए
l-saḥaratu
ٱلسَّحَرَةُ
जादूगर
qāla
قَالَ
कहा
lahum
لَهُم
उनसे
mūsā
مُّوسَىٰٓ
मूसा ने
alqū
أَلْقُوا۟
तुम सब डालो
مَآ
जो
antum
أَنتُم
तुम
mul'qūna
مُّلْقُونَ
डालने वाले हो
फिर जब जादूगर आ गए तो मूसा ने उनसे कहा, 'जो कुछ तुम डालते हो, डालो।' ([१०] युनुस: 80)
Tafseer (तफ़सीर )