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सूरा युनुस - Page: 7

Yunus

(यूनुस)

६१

وَمَا تَكُوْنُ فِيْ شَأْنٍ وَّمَا تَتْلُوْا مِنْهُ مِنْ قُرْاٰنٍ وَّلَا تَعْمَلُوْنَ مِنْ عَمَلٍ اِلَّا كُنَّا عَلَيْكُمْ شُهُوْدًا اِذْ تُفِيْضُوْنَ فِيْهِۗ وَمَا يَعْزُبُ عَنْ رَّبِّكَ مِنْ مِّثْقَالِ ذَرَّةٍ فِى الْاَرْضِ وَلَا فِى السَّمَاۤءِ وَلَآ اَصْغَرَ مِنْ ذٰلِكَ وَلَآ اَكْبَرَ اِلَّا فِيْ كِتٰبٍ مُّبِيْنٍ ٦١

wamā
وَمَا
और नहीं
takūnu
تَكُونُ
आप होते
فِى
किसी हाल में
shanin
شَأْنٍ
किसी हाल में
wamā
وَمَا
और नहीं
tatlū
تَتْلُوا۟
आप पढ़ते
min'hu
مِنْهُ
उस (की तरफ़) से
min
مِن
कुछ क़ुरआन
qur'ānin
قُرْءَانٍ
कुछ क़ुरआन
walā
وَلَا
और नहीं
taʿmalūna
تَعْمَلُونَ
तुम अमल करते हो
min
مِنْ
कोई अमल
ʿamalin
عَمَلٍ
कोई अमल
illā
إِلَّا
मगर
kunnā
كُنَّا
होते हैं हम
ʿalaykum
عَلَيْكُمْ
तुम पर
shuhūdan
شُهُودًا
गवाह/शाहिद
idh
إِذْ
जब
tufīḍūna
تُفِيضُونَ
तुम मशग़ूल होते हो
fīhi
فِيهِۚ
उसमें
wamā
وَمَا
और नहीं
yaʿzubu
يَعْزُبُ
छुपता
ʿan
عَن
आपके रब से
rabbika
رَّبِّكَ
आपके रब से
min
مِن
हम वज़न
mith'qāli
مِّثْقَالِ
हम वज़न
dharratin
ذَرَّةٍ
ज़र्रे के
فِى
ज़मीन में
l-arḍi
ٱلْأَرْضِ
ज़मीन में
walā
وَلَا
और ना
فِى
आसमान में
l-samāi
ٱلسَّمَآءِ
आसमान में
walā
وَلَآ
और ना
aṣghara
أَصْغَرَ
छोटा
min
مِن
उससे
dhālika
ذَٰلِكَ
उससे
walā
وَلَآ
और ना
akbara
أَكْبَرَ
बड़ा
illā
إِلَّا
मगर
فِى
एक खुली किताब में है
kitābin
كِتَٰبٍ
एक खुली किताब में है
mubīnin
مُّبِينٍ
एक खुली किताब में है
तुम जिस दशा में भी होते हो और क़ुरआन से जो कुछ भी पढ़ते हो और तुम लोग जो काम भी करते हो हम तुम्हें देख रहे होते है, जब तुम उसमें लगे होते हो। और तुम्हारे रब से कण भर भी कोई चीज़ छिपी नहीं है, न धरती में न आकाश में और न उससे छोटी और न बड़ी कोई त चीज़ ऐसी है जो एक स्पष्ट किताब में मौजूद न हो ([१०] युनुस: 61)
Tafseer (तफ़सीर )
६२

اَلَآ اِنَّ اَوْلِيَاۤءَ اللّٰهِ لَا خَوْفٌ عَلَيْهِمْ وَلَا هُمْ يَحْزَنُوْنَۚ ٦٢

alā
أَلَآ
ख़बरदार
inna
إِنَّ
बेशक
awliyāa
أَوْلِيَآءَ
दोस्त
l-lahi
ٱللَّهِ
अल्लाह के
لَا
ना कोई ख़ौफ़ होगा
khawfun
خَوْفٌ
ना कोई ख़ौफ़ होगा
ʿalayhim
عَلَيْهِمْ
उन पर
walā
وَلَا
और ना
hum
هُمْ
वो
yaḥzanūna
يَحْزَنُونَ
वो ग़मगीन होंगे
सुन लो, अल्लाह के मित्रों को न तो कोई डर है और न वे शोकाकुल ही होंगे ([१०] युनुस: 62)
Tafseer (तफ़सीर )
६३

اَلَّذِيْنَ اٰمَنُوْا وَكَانُوْا يَتَّقُوْنَۗ ٦٣

alladhīna
ٱلَّذِينَ
वो जो
āmanū
ءَامَنُوا۟
ईमान लाए
wakānū
وَكَانُوا۟
और हैं वो
yattaqūna
يَتَّقُونَ
वो तक़वा करते
ये वे लोग है जो ईमान लाए और डर कर रहे ([१०] युनुस: 63)
Tafseer (तफ़सीर )
६४

لَهُمُ الْبُشْرٰى فِى الْحَيٰوةِ الدُّنْيَا وَفِى الْاٰخِرَةِۗ لَا تَبْدِيْلَ لِكَلِمٰتِ اللّٰهِ ۗذٰلِكَ هُوَ الْفَوْزُ الْعَظِيْمُۗ ٦٤

lahumu
لَهُمُ
उन्हीं के लिए
l-bush'rā
ٱلْبُشْرَىٰ
ख़ुशख़बरी है
فِى
ज़िन्दगी में
l-ḥayati
ٱلْحَيَوٰةِ
ज़िन्दगी में
l-dun'yā
ٱلدُّنْيَا
दुनिया की
wafī
وَفِى
और आख़िरत में
l-ākhirati
ٱلْءَاخِرَةِۚ
और आख़िरत में
لَا
नहीं तबदील होना
tabdīla
تَبْدِيلَ
नहीं तबदील होना
likalimāti
لِكَلِمَٰتِ
कलिमात को
l-lahi
ٱللَّهِۚ
अल्लाह के
dhālika
ذَٰلِكَ
ये है
huwa
هُوَ
वो ही
l-fawzu
ٱلْفَوْزُ
कामयाबी
l-ʿaẓīmu
ٱلْعَظِيمُ
बहुत बड़ी
उनके लिए सांसारिक जीवन में भी शुभ-सूचना है और आख़िरत में भी - अल्लाह के शब्द बदलते नहीं - यही बड़ी सफलता है ([१०] युनुस: 64)
Tafseer (तफ़सीर )
६५

وَلَا يَحْزُنْكَ قَوْلُهُمْۘ اِنَّ الْعِزَّةَ لِلّٰهِ جَمِيْعًاۗ هُوَ السَّمِيْعُ الْعَلِيْمُ ٦٥

walā
وَلَا
और ना
yaḥzunka
يَحْزُنكَ
ग़मगीन करे आपको
qawluhum
قَوْلُهُمْۘ
बात उनकी
inna
إِنَّ
बेशक
l-ʿizata
ٱلْعِزَّةَ
इज़्ज़त
lillahi
لِلَّهِ
अल्लाह ही के लिए है
jamīʿan
جَمِيعًاۚ
सारी की सारी
huwa
هُوَ
वो
l-samīʿu
ٱلسَّمِيعُ
ख़ूब सुनने वाला है
l-ʿalīmu
ٱلْعَلِيمُ
ख़ूब जानने वाला है
उनकी बात तुम्हें दुखी न करे, सारा प्रभुत्व अल्लाह ही के लिए है, वह सुनता, जानता है ([१०] युनुस: 65)
Tafseer (तफ़सीर )
६६

اَلَآ اِنَّ لِلّٰهِ مَنْ فِى السَّمٰوٰتِ وَمَنْ فِى الْاَرْضِۗ وَمَا يَتَّبِعُ الَّذِيْنَ يَدْعُوْنَ مِنْ دُوْنِ اللّٰهِ شُرَكَاۤءَ ۗاِنْ يَّتَّبِعُوْنَ اِلَّا الظَّنَّ وَاِنْ هُمْ اِلَّا يَخْرُصُوْنَ ٦٦

alā
أَلَآ
ख़बरदार
inna
إِنَّ
बेशक
lillahi
لِلَّهِ
अल्लाह ही के लिए है
man
مَن
जो कोई
فِى
आसमानों में है
l-samāwāti
ٱلسَّمَٰوَٰتِ
आसमानों में है
waman
وَمَن
और जो कोई
فِى
ज़मीन में है
l-arḍi
ٱلْأَرْضِۗ
ज़मीन में है
wamā
وَمَا
और किसकी
yattabiʿu
يَتَّبِعُ
पैरवी करते हैं
alladhīna
ٱلَّذِينَ
वो लोग जो
yadʿūna
يَدْعُونَ
पुकारते हैं
min
مِن
सिवाय
dūni
دُونِ
सिवाय
l-lahi
ٱللَّهِ
अल्लाह के
shurakāa
شُرَكَآءَۚ
शरीकों को
in
إِن
नहीं
yattabiʿūna
يَتَّبِعُونَ
वो पैरवी करते
illā
إِلَّا
मगर
l-ẓana
ٱلظَّنَّ
गुमान की
wa-in
وَإِنْ
और नहीं
hum
هُمْ
वो
illā
إِلَّا
मगर
yakhruṣūna
يَخْرُصُونَ
वो क़यास आराईयाँ करते हैं
जान रखो! जो कोई भी आकाशों में है और जो कोई धरती में है, अल्लाह ही का है। जो लोग अल्लाह को छोड़कर दूसरे साझीदारों को पुकारते है, वे आखिर किसका अनुसरण करते है? वे तो केवल अटकल पर चलते है और वे निरे अटकले दौड़ाते है ([१०] युनुस: 66)
Tafseer (तफ़सीर )
६७

هُوَ الَّذِيْ جَعَلَ لَكُمُ الَّيْلَ لِتَسْكُنُوْا فِيْهِ وَالنَّهَارَ مُبْصِرًا ۗاِنَّ فِيْ ذٰلِكَ لَاٰيٰتٍ لِّقَوْمٍ يَّسْمَعُوْنَ ٦٧

huwa
هُوَ
वो ही है
alladhī
ٱلَّذِى
जिसने
jaʿala
جَعَلَ
बनाया
lakumu
لَكُمُ
तुम्हारे लिए
al-layla
ٱلَّيْلَ
रात को
litaskunū
لِتَسْكُنُوا۟
ताकि तुम सुकून हासिल करो
fīhi
فِيهِ
उसमें
wal-nahāra
وَٱلنَّهَارَ
और दिन को
mub'ṣiran
مُبْصِرًاۚ
रोशन/दिखाने वाला
inna
إِنَّ
बेशक
فِى
इसमें
dhālika
ذَٰلِكَ
इसमें
laāyātin
لَءَايَٰتٍ
अलबत्ता निशानियाँ हैं
liqawmin
لِّقَوْمٍ
उन लोगों के लिए
yasmaʿūna
يَسْمَعُونَ
जो सुनते हों
वही है जिसने तुम्हारे लिए रात बनाई ताकि तुम उसमें चैन पाओ और दिन को प्रकाशमान बनाया (ताकि तुम उसमें दौड़-धूप कर सको); निस्संदेह इसमें उन लोगों के लिए निशानियाँ है, जो सुनते है ([१०] युनुस: 67)
Tafseer (तफ़सीर )
६८

قَالُوا اتَّخَذَ اللّٰهُ وَلَدًا سُبْحٰنَهٗ ۗ هُوَ الْغَنِيُّ ۗ لَهٗ مَا فِى السَّمٰوٰتِ وَمَا فِى الْاَرْضِۗ اِنْ عِنْدَكُمْ مِّنْ سُلْطٰنٍۢ بِهٰذَاۗ اَتَقُوْلُوْنَ عَلَى اللّٰهِ مَا لَا تَعْلَمُوْنَ ٦٨

qālū
قَالُوا۟
उन्होंने कहा
ittakhadha
ٱتَّخَذَ
बना ली
l-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह ने
waladan
وَلَدًاۗ
औलाद
sub'ḥānahu
سُبْحَٰنَهُۥۖ
पाक है वो
huwa
هُوَ
वो
l-ghaniyu
ٱلْغَنِىُّۖ
बहुत बेनियाज़ है
lahu
لَهُۥ
उसी के लिए है
مَا
जो कुछ
فِى
आसमानों में है
l-samāwāti
ٱلسَّمَٰوَٰتِ
आसमानों में है
wamā
وَمَا
और जो कुछ
فِى
ज़मीन में है
l-arḍi
ٱلْأَرْضِۚ
ज़मीन में है
in
إِنْ
नहीं
ʿindakum
عِندَكُم
तुम्हारे पास
min
مِّن
कोई दलील
sul'ṭānin
سُلْطَٰنٍۭ
कोई दलील
bihādhā
بِهَٰذَآۚ
इसकी
ataqūlūna
أَتَقُولُونَ
क्या तुम कहते हो
ʿalā
عَلَى
अल्लाह पर
l-lahi
ٱللَّهِ
अल्लाह पर
مَا
जो
لَا
नहीं तुम जानते
taʿlamūna
تَعْلَمُونَ
नहीं तुम जानते
वे कहते है, 'अल्लाह औलाद रखता है।' महान और उच्च है वह! वह निरपेक्ष है, आकाशों और धरती में जो कुछ है उसी का है। तुम्हारे पास इसका कोई प्रमाण नहीं। क्या तुम अल्लाह से जोड़कर वह बाते कहते हो, जिसका तुम्हे ज्ञान नही? ([१०] युनुस: 68)
Tafseer (तफ़सीर )
६९

قُلْ اِنَّ الَّذِيْنَ يَفْتَرُوْنَ عَلَى اللّٰهِ الْكَذِبَ لَا يُفْلِحُوْنَۗ ٦٩

qul
قُلْ
कह दीजिए
inna
إِنَّ
बेशक
alladhīna
ٱلَّذِينَ
वो लोग जो
yaftarūna
يَفْتَرُونَ
गढ़ते हैं
ʿalā
عَلَى
अल्लाह पर
l-lahi
ٱللَّهِ
अल्लाह पर
l-kadhiba
ٱلْكَذِبَ
झूठ
لَا
नहीं वो फ़लाह पाऐंगे
yuf'liḥūna
يُفْلِحُونَ
नहीं वो फ़लाह पाऐंगे
कह दो, 'जो लोग अल्लाह पर थोपकर झूठ घड़ते है, वे सफल नहीं होते।' ([१०] युनुस: 69)
Tafseer (तफ़सीर )
७०

مَتَاعٌ فِى الدُّنْيَا ثُمَّ اِلَيْنَا مَرْجِعُهُمْ ثُمَّ نُذِيْقُهُمُ الْعَذَابَ الشَّدِيْدَ بِمَا كَانُوْا يَكْفُرُوْنَ ࣖ ٧٠

matāʿun
مَتَٰعٌ
फ़ायदा उठाना है
فِى
दुनिया में
l-dun'yā
ٱلدُّنْيَا
दुनिया में
thumma
ثُمَّ
फिर
ilaynā
إِلَيْنَا
तरफ़ हमारे ही
marjiʿuhum
مَرْجِعُهُمْ
लौटना है उनका
thumma
ثُمَّ
फिर
nudhīquhumu
نُذِيقُهُمُ
हम चखाऐंगे उन्हें
l-ʿadhāba
ٱلْعَذَابَ
अज़ाब
l-shadīda
ٱلشَّدِيدَ
सख़्त/शदीद
bimā
بِمَا
बवजह उसके जो
kānū
كَانُوا۟
थे वो
yakfurūna
يَكْفُرُونَ
वो कुफ़्र करते
यह तो सांसारिक सुख है। फिर हमारी ओर ही उन्हें लौटना है, फिर जो इनकार वे करते रहे होगे उसके बदले में हम उन्हें कठोर यातना का मज़ा चखाएँगे ([१०] युनुस: 70)
Tafseer (तफ़सीर )