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सूरा युनुस - Page: 3

Yunus

(यूनुस)

२१

وَاِذَآ اَذَقْنَا النَّاسَ رَحْمَةً مِّنْۢ بَعْدِ ضَرَّاۤءَ مَسَّتْهُمْ اِذَا لَهُمْ مَّكْرٌ فِيْٓ اٰيٰتِنَاۗ قُلِ اللّٰهُ اَسْرَعُ مَكْرًاۗ اِنَّ رُسُلَنَا يَكْتُبُوْنَ مَا تَمْكُرُوْنَ ٢١

wa-idhā
وَإِذَآ
और जब
adhaqnā
أَذَقْنَا
मज़ा चखाते हैं हम
l-nāsa
ٱلنَّاسَ
लोगों को
raḥmatan
رَحْمَةً
रहमत का
min
مِّنۢ
बाद
baʿdi
بَعْدِ
बाद
ḍarrāa
ضَرَّآءَ
मुसीबत के
massathum
مَسَّتْهُمْ
जो पहुँची उन्हें
idhā
إِذَا
तब
lahum
لَهُم
उनके लिए
makrun
مَّكْرٌ
चालें चलना है
فِىٓ
हमारी आयात में
āyātinā
ءَايَاتِنَاۚ
हमारी आयात में
quli
قُلِ
कह दीजिए
l-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह
asraʿu
أَسْرَعُ
ज़्यादा तेज़ है
makran
مَكْرًاۚ
चाल चलने में
inna
إِنَّ
बेशक
rusulanā
رُسُلَنَا
फ़रिश्ते हमारे
yaktubūna
يَكْتُبُونَ
लिख रहे हैं
مَا
जो
tamkurūna
تَمْكُرُونَ
तुम चालें चल रहे हो
जब हम लोगों को उनके किसी तकलीफ़ में पड़ने के पश्चात दयालुता का रसास्वादन कराते है तो वे हमारी आयतों के विषय में चालबाज़ियाँ करने लग जाते है। कह दो, 'अल्लाह की चाल ज़्यादा तेज़ है।' निस्संदेह, जो चालबाजियाँ तुम कर रहे हो, हमारे भेजे हुए (फ़रिश्ते) उनको लिखते जा रहे है ([१०] युनुस: 21)
Tafseer (तफ़सीर )
२२

هُوَ الَّذِيْ يُسَيِّرُكُمْ فِى الْبَرِّ وَالْبَحْرِۗ حَتّٰٓى اِذَا كُنْتُمْ فِىْ الْفُلْكِۚ وَجَرَيْنَ بِهِمْ بِرِيْحٍ طَيِّبَةٍ وَّفَرِحُوْا بِهَا جَاۤءَتْهَا رِيْحٌ عَاصِفٌ وَّجَاۤءَهُمُ الْمَوْجُ مِنْ كُلِّ مَكَانٍ وَّظَنُّوْٓا اَنَّهُمْ اُحِيْطَ بِهِمْۙ دَعَوُا اللّٰهَ مُخْلِصِيْنَ لَهُ الدِّيْنَ ەۚ لَىِٕنْ اَنْجَيْتَنَا مِنْ هٰذِهٖ لَنَكُوْنَنَّ مِنَ الشّٰكِرِيْنَ ٢٢

huwa
هُوَ
वो ही है
alladhī
ٱلَّذِى
जो
yusayyirukum
يُسَيِّرُكُمْ
चलाता है तुम्हें
فِى
ख़ुश्की में
l-bari
ٱلْبَرِّ
ख़ुश्की में
wal-baḥri
وَٱلْبَحْرِۖ
और समुन्दर में
ḥattā
حَتَّىٰٓ
यहाँ तक कि
idhā
إِذَا
जब
kuntum
كُنتُمْ
होते हो तुम
فِى
कश्तियों में
l-ful'ki
ٱلْفُلْكِ
कश्तियों में
wajarayna
وَجَرَيْنَ
और वो ले चलती हैं
bihim
بِهِم
उन्हें
birīḥin
بِرِيحٍ
साथ हवा
ṭayyibatin
طَيِّبَةٍ
उम्दा के
wafariḥū
وَفَرِحُوا۟
और वो ख़ुश होते हैं
bihā
بِهَا
साथ उसके
jāathā
جَآءَتْهَا
आ जाती है उन (कश्तियों) पर
rīḥun
رِيحٌ
हवा
ʿāṣifun
عَاصِفٌ
शदीद
wajāahumu
وَجَآءَهُمُ
और आ जाती है उन पर
l-mawju
ٱلْمَوْجُ
मौज
min
مِن
हर तरफ़ से
kulli
كُلِّ
हर तरफ़ से
makānin
مَكَانٍ
हर तरफ़ से
waẓannū
وَظَنُّوٓا۟
और वो समझते हैं
annahum
أَنَّهُمْ
कि बेशक वो
uḥīṭa
أُحِيطَ
घेर लिया गया है
bihim
بِهِمْۙ
उन्हें
daʿawū
دَعَوُا۟
वो पुकारते हैं
l-laha
ٱللَّهَ
अल्लाह को
mukh'liṣīna
مُخْلِصِينَ
ख़ालिस करने वाले होकर
lahu
لَهُ
उसके लिए
l-dīna
ٱلدِّينَ
दीन को
la-in
لَئِنْ
अलबत्ता अगर
anjaytanā
أَنجَيْتَنَا
निजात दी तूने हमें
min
مِنْ
इस से
hādhihi
هَٰذِهِۦ
इस से
lanakūnanna
لَنَكُونَنَّ
अलबत्ता हम ज़रूर हो जाऐंगे
mina
مِنَ
शुक्र गुज़ारों में से
l-shākirīna
ٱلشَّٰكِرِينَ
शुक्र गुज़ारों में से
वही है जो तुम्हें थल और जल में चलाता है, यहाँ तक कि जब तुम नौका में होते हो और वह लोगो को लिए हुए अच्छी अनुकूल वायु के सहारे चलती है और वे उससे हर्षित होते है कि अकस्मात उनपर प्रचंड वायु का झोंका आता है, हर ओर से लहरें उनपर चली आती है और वे समझ लेते है कि बस अब वे घिर गए, उस समय वे अल्लाह ही को, निरी उसी पर आस्था रखकर पुकारने लगते है, 'यदि तूने हमें इससे बचा लिया तो हम अवश्य आभारी होंगे।' ([१०] युनुस: 22)
Tafseer (तफ़सीर )
२३

فَلَمَّآ اَنْجٰىهُمْ اِذَا هُمْ يَبْغُوْنَ فِى الْاَرْضِ بِغَيْرِ الْحَقِّ ۗيٰٓاَيُّهَا النَّاسُ اِنَّمَا بَغْيُكُمْ عَلٰٓى اَنْفُسِكُمْ مَّتَاعَ الْحَيٰوةِ الدُّنْيَاۖ ثُمَّ اِلَيْنَا مَرْجِعُكُمْ فَنُنَبِّئُكُمْ بِمَا كُنْتُمْ تَعْمَلُوْنَ ٢٣

falammā
فَلَمَّآ
फिर जब
anjāhum
أَنجَىٰهُمْ
वो निजात दे देता है उन्हें
idhā
إِذَا
तब
hum
هُمْ
वो
yabghūna
يَبْغُونَ
वो बग़ावत करने लगते हैं
فِى
ज़मीन में
l-arḍi
ٱلْأَرْضِ
ज़मीन में
bighayri
بِغَيْرِ
बग़ैर
l-ḥaqi
ٱلْحَقِّۗ
हक़ के
yāayyuhā
يَٰٓأَيُّهَا
ऐ लोगो
l-nāsu
ٱلنَّاسُ
ऐ लोगो
innamā
إِنَّمَا
बेशक
baghyukum
بَغْيُكُمْ
बग़ावत तुम्हारी
ʿalā
عَلَىٰٓ
तुम्हारे अपने ख़िलाफ़ है
anfusikum
أَنفُسِكُمۖ
तुम्हारे अपने ख़िलाफ़ है
matāʿa
مَّتَٰعَ
फ़ायदा उठाना है
l-ḥayati
ٱلْحَيَوٰةِ
ज़िन्दगी का
l-dun'yā
ٱلدُّنْيَاۖ
दुनिया की
thumma
ثُمَّ
फिर
ilaynā
إِلَيْنَا
हमारी ही तरफ़
marjiʿukum
مَرْجِعُكُمْ
लौटना है तुम्हारा
fanunabbi-ukum
فَنُنَبِّئُكُم
फिर हम बताऐंगे तुम्हें
bimā
بِمَا
वो जो
kuntum
كُنتُمْ
थे तुम
taʿmalūna
تَعْمَلُونَ
तुम अमल करते रहे
फिर जब वह उनको बचा लेता है, तो क्या देखते है कि वे नाहक़ धरती में सरकशी करने लग जाते है। ऐ लोगों! तुम्हारी सरकशी तुम्हारे अपने ही विरुद्ध है। सांसारिक जीवन का सुख ले लो। फिर तुम्हें हमारी ही ओर लौटकर आना है। फिर हम तुम्हें बता देंगे जो कुछ तुम करते रहे होगे ([१०] युनुस: 23)
Tafseer (तफ़सीर )
२४

اِنَّمَا مَثَلُ الْحَيٰوةِ الدُّنْيَا كَمَاۤءٍ اَنْزَلْنٰهُ مِنَ السَّمَاۤءِ فَاخْتَلَطَ بِهٖ نَبَاتُ الْاَرْضِ مِمَّا يَأْكُلُ النَّاسُ وَالْاَنْعَامُ ۗحَتّٰٓى اِذَآ اَخَذَتِ الْاَرْضُ زُخْرُفَهَا وَازَّيَّنَتْ وَظَنَّ اَهْلُهَآ اَنَّهُمْ قٰدِرُوْنَ عَلَيْهَآ اَتٰىهَآ اَمْرُنَا لَيْلًا اَوْ نَهَارًا فَجَعَلْنٰهَا حَصِيْدًا كَاَنْ لَّمْ تَغْنَ بِالْاَمْسِۗ كَذٰلِكَ نُفَصِّلُ الْاٰيٰتِ لِقَوْمٍ يَّتَفَكَّرُوْنَ ٢٤

innamā
إِنَّمَا
बेशक
mathalu
مَثَلُ
मिसाल
l-ḥayati
ٱلْحَيَوٰةِ
दुनिया की ज़िन्दगी की
l-dun'yā
ٱلدُّنْيَا
दुनिया की ज़िन्दगी की
kamāin
كَمَآءٍ
पानी की तरह है
anzalnāhu
أَنزَلْنَٰهُ
उतारा हमने उसे
mina
مِنَ
आसमान से
l-samāi
ٱلسَّمَآءِ
आसमान से
fa-ikh'talaṭa
فَٱخْتَلَطَ
फिर मिल जुल गई
bihi
بِهِۦ
साथ उसके
nabātu
نَبَاتُ
नबातात
l-arḍi
ٱلْأَرْضِ
ज़मीन की
mimmā
مِمَّا
उसमें से जो
yakulu
يَأْكُلُ
खाते हैं
l-nāsu
ٱلنَّاسُ
लोग
wal-anʿāmu
وَٱلْأَنْعَٰمُ
और जानवर (मवेशी)
ḥattā
حَتَّىٰٓ
यहाँ तक कि
idhā
إِذَآ
जब
akhadhati
أَخَذَتِ
पकड़ लिया
l-arḍu
ٱلْأَرْضُ
ज़मीन ने
zukh'rufahā
زُخْرُفَهَا
अपनी रौनक़ को
wa-izzayyanat
وَٱزَّيَّنَتْ
और वो मुज़य्यन हो गई
waẓanna
وَظَنَّ
और समझ लिया
ahluhā
أَهْلُهَآ
उसके रहने वालों ने
annahum
أَنَّهُمْ
बेशक वो
qādirūna
قَٰدِرُونَ
क़ादिर हैं
ʿalayhā
عَلَيْهَآ
उस पर
atāhā
أَتَىٰهَآ
आ गया उस पर
amrunā
أَمْرُنَا
हुक्म हमारा
laylan
لَيْلًا
रात को
aw
أَوْ
या
nahāran
نَهَارًا
दिन को
fajaʿalnāhā
فَجَعَلْنَٰهَا
तो कर दिया हमने उसे
ḥaṣīdan
حَصِيدًا
कटी हुई खेती
ka-an
كَأَن
गोया कि
lam
لَّمْ
नहीं
taghna
تَغْنَ
वो बसी थी
bil-amsi
بِٱلْأَمْسِۚ
कल
kadhālika
كَذَٰلِكَ
इसी तरह
nufaṣṣilu
نُفَصِّلُ
हम खोल कर बयान करते हैं
l-āyāti
ٱلْءَايَٰتِ
आयात
liqawmin
لِقَوْمٍ
उन लोगों के लिए
yatafakkarūna
يَتَفَكَّرُونَ
जो ग़ौरो फ़िक्र करते हैं
सांसारिक जीवन की उपमा तो बस ऐसी है जैसे हमने आकाश से पानी बरसाया, तो उसके कारण धरती से उगनेवाली चीज़े, जिनको मनुष्य और चौपाये सभी खाते है, घनी हो गई, यहाँ तक कि धरती ने अपना शृंगार कर लिया और सँवर गई और उसके मालिक समझने लगे कि उन्हें उसपर पूरा अधिकार प्राप्त है कि रात या दिन में हमारा आदेश आ पहुँचा। फिर हमने उसे कटी फ़सल की तरह कर दिया, मानो कल वहाँ कोई आबादी ही न थी। इसी तरह हम उन लोगों के लिए खोल-खोलकर निशानियाँ बयान करते है, जो सोच-विचार से काम लेना चाहें ([१०] युनुस: 24)
Tafseer (तफ़सीर )
२५

وَاللّٰهُ يَدْعُوْٓ اِلٰى دَارِ السَّلٰمِ ۚوَيَهْدِيْ مَنْ يَّشَاۤءُ اِلٰى صِرَاطٍ مُّسْتَقِيْمٍ ٢٥

wal-lahu
وَٱللَّهُ
और अल्लाह
yadʿū
يَدْعُوٓا۟
वो बुला रहा है
ilā
إِلَىٰ
तरफ़
dāri
دَارِ
सलामती वाले घर के
l-salāmi
ٱلسَّلَٰمِ
सलामती वाले घर के
wayahdī
وَيَهْدِى
और वो हिदायत देता है
man
مَن
जिसे
yashāu
يَشَآءُ
वो चाहता है
ilā
إِلَىٰ
तरफ़ रास्ते
ṣirāṭin
صِرَٰطٍ
तरफ़ रास्ते
mus'taqīmin
مُّسْتَقِيمٍ
सीधे के
और अल्लाह तुम्हें सलामती के घर की ओर बुलाता है, और जिसे चाहता है सीधी राह चलाता है; ([१०] युनुस: 25)
Tafseer (तफ़सीर )
२६

۞ لِلَّذِيْنَ اَحْسَنُوا الْحُسْنٰى وَزِيَادَةٌ ۗوَلَا يَرْهَقُ وُجُوْهَهُمْ قَتَرٌ وَّلَا ذِلَّةٌ ۗاُولٰۤىِٕكَ اَصْحٰبُ الْجَنَّةِ هُمْ فِيْهَا خٰلِدُوْنَ ٢٦

lilladhīna
لِّلَّذِينَ
उनके लिए जिन्होंने
aḥsanū
أَحْسَنُوا۟
अच्छा किया
l-ḥus'nā
ٱلْحُسْنَىٰ
अच्छाई है
waziyādatun
وَزِيَادَةٌۖ
और ज़्यादा भी
walā
وَلَا
और ना
yarhaqu
يَرْهَقُ
छाएगी
wujūhahum
وُجُوهَهُمْ
उनके चेहरों पर
qatarun
قَتَرٌ
स्याही
walā
وَلَا
और ना
dhillatun
ذِلَّةٌۚ
ज़िल्लत
ulāika
أُو۟لَٰٓئِكَ
यही लोग हैं
aṣḥābu
أَصْحَٰبُ
साथी
l-janati
ٱلْجَنَّةِۖ
जन्नत के
hum
هُمْ
वो
fīhā
فِيهَا
उसमें
khālidūna
خَٰلِدُونَ
हमेशा रहने वाले हैं
अच्छे से अच्छा कर्म करनेवालों के लिए अच्छा बदला है और इसके अतिरिक्त और भी। और उनके चहरों पर न तो कलौस छाएगी और न ज़िल्लत। वही जन्नतवाले है; वे उसमें सदैव रहेंगे ([१०] युनुस: 26)
Tafseer (तफ़सीर )
२७

وَالَّذِيْنَ كَسَبُوا السَّيِّاٰتِ جَزَاۤءُ سَيِّئَةٍ ۢبِمِثْلِهَاۙ وَتَرْهَقُهُمْ ذِلَّةٌ ۗمَا لَهُمْ مِّنَ اللّٰهِ مِنْ عَاصِمٍۚ كَاَنَّمَآ اُغْشِيَتْ وُجُوْهُهُمْ قِطَعًا مِّنَ الَّيْلِ مُظْلِمًاۗ اُولٰۤىِٕكَ اَصْحٰبُ النَّارِ ۚهُمْ فِيْهَا خٰلِدُوْنَ ٢٧

wa-alladhīna
وَٱلَّذِينَ
और वो जिन्होंने
kasabū
كَسَبُوا۟
कमाईं
l-sayiāti
ٱلسَّيِّـَٔاتِ
बुराईयाँ
jazāu
جَزَآءُ
बदला (तो)
sayyi-atin
سَيِّئَةٍۭ
बुराई का
bimith'lihā
بِمِثْلِهَا
उसी की मानिन्द है
watarhaquhum
وَتَرْهَقُهُمْ
और छा जाएगी उन पर
dhillatun
ذِلَّةٌۖ
ज़िल्लत
مَّا
नहीं है
lahum
لَهُم
उनके लिए
mina
مِّنَ
अल्लाह से
l-lahi
ٱللَّهِ
अल्लाह से
min
مِنْ
कोई बचाने वाला
ʿāṣimin
عَاصِمٍۖ
कोई बचाने वाला
ka-annamā
كَأَنَّمَآ
गोया कि
ugh'shiyat
أُغْشِيَتْ
ढाँप दिए गए हैं
wujūhuhum
وُجُوهُهُمْ
चेहरे उनके
qiṭaʿan
قِطَعًا
टुकड़ों से
mina
مِّنَ
रात के
al-layli
ٱلَّيْلِ
रात के
muẓ'liman
مُظْلِمًاۚ
तारीक
ulāika
أُو۟لَٰٓئِكَ
यही लोग हैं
aṣḥābu
أَصْحَٰبُ
साथी
l-nāri
ٱلنَّارِۖ
आग के
hum
هُمْ
वो
fīhā
فِيهَا
उसमें
khālidūna
خَٰلِدُونَ
हमेशा रहने वाले हैं
रहे वे लोग जिन्होंने बुराइयाँ कमाई, तो एक बुराई का बदला भी उसी जैसा होगा; और ज़िल्लत उनपर छा रही होगी। उन्हें अल्लाह से बचानेवाला कोई न होगा। उनके चहरों पर मानो अँधेरी रात के टुकड़े ओढ़ा दिए गए हों। वही आगवाले हैं, उन्हें उसमें सदैव रहना है ([१०] युनुस: 27)
Tafseer (तफ़सीर )
२८

وَيَوْمَ نَحْشُرُهُمْ جَمِيْعًا ثُمَّ نَقُوْلُ لِلَّذِيْنَ اَشْرَكُوْا مَكَانَكُمْ اَنْتُمْ وَشُرَكَاۤؤُكُمْۚ فَزَيَّلْنَا بَيْنَهُمْ وَقَالَ شُرَكَاۤؤُهُمْ مَّا كُنْتُمْ اِيَّانَا تَعْبُدُوْنَ ٢٨

wayawma
وَيَوْمَ
और जिस दिन
naḥshuruhum
نَحْشُرُهُمْ
हम इकट्ठा करेंगे उनको
jamīʿan
جَمِيعًا
सबके सबको
thumma
ثُمَّ
फिर
naqūlu
نَقُولُ
हम कहेंगे
lilladhīna
لِلَّذِينَ
उनको जिन्होंने
ashrakū
أَشْرَكُوا۟
शिर्क किया
makānakum
مَكَانَكُمْ
अपनी जगह (ठहरो)
antum
أَنتُمْ
तुम
washurakāukum
وَشُرَكَآؤُكُمْۚ
और शरीक तुम्हारे
fazayyalnā
فَزَيَّلْنَا
तो जुदाई डाल देंगे हम
baynahum
بَيْنَهُمْۖ
दर्मियान उनके
waqāla
وَقَالَ
और कहेंगे
shurakāuhum
شُرَكَآؤُهُم
शरीक उनके
مَّا
ना
kuntum
كُنتُمْ
थे तुम
iyyānā
إِيَّانَا
सिर्फ़ हमारी ही
taʿbudūna
تَعْبُدُونَ
तुम इबादत करते
और जिस दिन हम उन सबको इकट्ठा करेंगे, फिर उन लोगों से, जिन्होंने शिर्क किया होगा, कहेंगे, 'अपनी जगह ठहरे रहो तुम भी और तुम्हारे साझीदार भी।' फिर हम उनके बीच अलगाव पैदा कर देंगे, और उनके ठहराए हुए साझीदार कहेंगे, 'तुम हमारी तो हमारी बन्दगी नहीं करते थे ([१०] युनुस: 28)
Tafseer (तफ़सीर )
२९

فَكَفٰى بِاللّٰهِ شَهِيْدًاۢ بَيْنَنَا وَبَيْنَكُمْ اِنْ كُنَّا عَنْ عِبَادَتِكُمْ لَغٰفِلِيْنَ ٢٩

fakafā
فَكَفَىٰ
पस काफ़ी है
bil-lahi
بِٱللَّهِ
अल्लाह
shahīdan
شَهِيدًۢا
गवाह
baynanā
بَيْنَنَا
दर्मियान हमारे
wabaynakum
وَبَيْنَكُمْ
और दर्मियान तुम्हारे
in
إِن
बेशक
kunnā
كُنَّا
थे हम
ʿan
عَنْ
तुम्हारी इबादत से
ʿibādatikum
عِبَادَتِكُمْ
तुम्हारी इबादत से
laghāfilīna
لَغَٰفِلِينَ
अलबत्ता ग़ाफ़िल
'हमारे और तुम्हारे बीच अल्लाह ही एक गवाह काफ़ी है। हमें तो तुम्हारी बन्दगी की ख़बर तक न थी।' ([१०] युनुस: 29)
Tafseer (तफ़सीर )
३०

هُنَالِكَ تَبْلُوْا كُلُّ نَفْسٍ مَّآ اَسْلَفَتْ وَرُدُّوْٓا اِلَى اللّٰهِ مَوْلٰىهُمُ الْحَقِّ وَضَلَّ عَنْهُمْ مَّا كَانُوْا يَفْتَرُوْنَ ࣖ ٣٠

hunālika
هُنَالِكَ
उसी जगह/वक़्त
tablū
تَبْلُوا۟
जाँच लेगा
kullu
كُلُّ
हर
nafsin
نَفْسٍ
नफ़्स
مَّآ
जो
aslafat
أَسْلَفَتْۚ
उसने पहले किया
waruddū
وَرُدُّوٓا۟
और वो लौटाए जाऐंगे
ilā
إِلَى
तरफ़
l-lahi
ٱللَّهِ
अल्लाह के
mawlāhumu
مَوْلَىٰهُمُ
जो मौला है उनका
l-ḥaqi
ٱلْحَقِّۖ
सच्चा
waḍalla
وَضَلَّ
और गुम हो जाएगा
ʿanhum
عَنْهُم
उनसे
مَّا
जो
kānū
كَانُوا۟
थे वो
yaftarūna
يَفْتَرُونَ
वो गढ़ते
वहाँ प्रत्येक व्यक्ति अपने पहले के किए हुए कर्मों को स्वयं जाँच लेगा और वह अल्लाह, अपने वास्तविक स्वामी की ओर फिरेंगे और जो कुछ झूठ वे घड़ते रहे थे, वह सब उनसे गुम होकर रह जाएगा ([१०] युनुस: 30)
Tafseer (तफ़सीर )