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सूरा युनुस - Page: 11

Yunus

(यूनुस)

१०१

قُلِ انْظُرُوْا مَاذَا فِى السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ ۗوَمَا تُغْنِى الْاٰيٰتُ وَالنُّذُرُ عَنْ قَوْمٍ لَّا يُؤْمِنُوْنَ ١٠١

quli
قُلِ
कह दीजिए
unẓurū
ٱنظُرُوا۟
देखो
mādhā
مَاذَا
क्या कुछ है
فِى
आसमानों में
l-samāwāti
ٱلسَّمَٰوَٰتِ
आसमानों में
wal-arḍi
وَٱلْأَرْضِۚ
और ज़मीन में
wamā
وَمَا
और नहीं
tugh'nī
تُغْنِى
फ़ायदा देतीं
l-āyātu
ٱلْءَايَٰتُ
आयात
wal-nudhuru
وَٱلنُّذُرُ
और डरावे
ʿan
عَن
उन लोगों को जो
qawmin
قَوْمٍ
उन लोगों को जो
لَّا
नहीं वो ईमान लाते
yu'minūna
يُؤْمِنُونَ
नहीं वो ईमान लाते
कहो, 'देख लो, आकाशों और धरती में क्या कुछ है!' किन्तु निशानियाँ और चेतावनियाँ उन लोगों के कुछ काम नहीं आती, जो ईमान न लाना चाहें ([१०] युनुस: 101)
Tafseer (तफ़सीर )
१०२

فَهَلْ يَنْتَظِرُوْنَ اِلَّا مِثْلَ اَيَّامِ الَّذِيْنَ خَلَوْا مِنْ قَبْلِهِمْۗ قُلْ فَانْتَظِرُوْٓا اِنِّيْ مَعَكُمْ مِّنَ الْمُنْتَظِرِيْنَ ١٠٢

fahal
فَهَلْ
तो नहीं
yantaẓirūna
يَنتَظِرُونَ
वो इन्तिज़ार कर रहे
illā
إِلَّا
मगर
mith'la
مِثْلَ
मानिन्द
ayyāmi
أَيَّامِ
दिनों के
alladhīna
ٱلَّذِينَ
उन लोगों के जो
khalaw
خَلَوْا۟
गुज़र चुके हैं
min
مِن
उनसे पहले
qablihim
قَبْلِهِمْۚ
उनसे पहले
qul
قُلْ
कह दीजिए
fa-intaẓirū
فَٱنتَظِرُوٓا۟
पस इन्तिज़ार करो
innī
إِنِّى
बेशक मैं
maʿakum
مَعَكُم
साथ तुम्हारे
mina
مِّنَ
इन्तिज़ार करने वालों में से हूँ
l-muntaẓirīna
ٱلْمُنتَظِرِينَ
इन्तिज़ार करने वालों में से हूँ
अतः वे तो उस तरह के दिन की प्रतीक्षा कर रहे हैं, जिस तरह के दिन वे लोग देख चुके है जो उनसे पहले गुज़रे है। कह दो, 'अच्छा, प्रतीक्षा करो, मैं भी तुम्हारे साथ प्रतीक्षा करता हूँ।' ([१०] युनुस: 102)
Tafseer (तफ़सीर )
१०३

ثُمَّ نُنَجِّيْ رُسُلَنَا وَالَّذِيْنَ اٰمَنُوْا كَذٰلِكَ ۚحَقًّا عَلَيْنَا نُنْجِ الْمُؤْمِنِيْنَ ࣖ ١٠٣

thumma
ثُمَّ
फिर
nunajjī
نُنَجِّى
हम निजात देते हैं
rusulanā
رُسُلَنَا
अपने रसूलों को
wa-alladhīna
وَٱلَّذِينَ
और उनको जो
āmanū
ءَامَنُوا۟ۚ
ईमान लाए
kadhālika
كَذَٰلِكَ
इसी तरह
ḥaqqan
حَقًّا
हक़ है
ʿalaynā
عَلَيْنَا
हम पर
nunji
نُنجِ
कि हम निजात दें
l-mu'minīna
ٱلْمُؤْمِنِينَ
मोमिनों को
फिर हम अपने रसूलों और उन लोगों को बचा लेते रहे हैं, जो ईमान ले आए। ऐसी ही हमारी रीति है, हमपर यह हक़ है कि ईमानवालों को बचा लें ([१०] युनुस: 103)
Tafseer (तफ़सीर )
१०४

قُلْ يٰٓاَيُّهَا النَّاسُ اِنْ كُنْتُمْ فِيْ شَكٍّ مِّنْ دِيْنِيْ فَلَآ اَعْبُدُ الَّذِيْنَ تَعْبُدُوْنَ مِنْ دُوْنِ اللّٰهِ وَلٰكِنْ اَعْبُدُ اللّٰهَ الَّذِيْ يَتَوَفّٰىكُمْ ۖ وَاُمِرْتُ اَنْ اَكُوْنَ مِنَ الْمُؤْمِنِيْنَ ١٠٤

qul
قُلْ
कह दीजिए
yāayyuhā
يَٰٓأَيُّهَا
ऐ लोगो
l-nāsu
ٱلنَّاسُ
ऐ लोगो
in
إِن
अगर
kuntum
كُنتُمْ
हो तुम
فِى
किसी शक में
shakkin
شَكٍّ
किसी शक में
min
مِّن
मेरे दीन से
dīnī
دِينِى
मेरे दीन से
falā
فَلَآ
पस नहीं
aʿbudu
أَعْبُدُ
मैं इबादत करता
alladhīna
ٱلَّذِينَ
जिनकी
taʿbudūna
تَعْبُدُونَ
तुम इबादत करते हो
min
مِن
सिवाय
dūni
دُونِ
सिवाय
l-lahi
ٱللَّهِ
अल्लाह के
walākin
وَلَٰكِنْ
और लेकिन
aʿbudu
أَعْبُدُ
मैं इबादत करता हूँ
l-laha
ٱللَّهَ
अल्लाह की
alladhī
ٱلَّذِى
वो जो
yatawaffākum
يَتَوَفَّىٰكُمْۖ
फ़ौत करता है तुम्हें
wa-umir'tu
وَأُمِرْتُ
और हुक्म दिया गया हूँ मैं
an
أَنْ
कि
akūna
أَكُونَ
मैं हो जाऊँ
mina
مِنَ
ईमान लाने वालों में से
l-mu'minīna
ٱلْمُؤْمِنِينَ
ईमान लाने वालों में से
कह दो, 'ऐ लोगों! यदि तुम मेरे धर्म के विषय में किसी सन्देह में हो तो मैं तो उनकी बन्दगी नहीं करता जिनकी तुम अल्लाह से हटकर बन्दगी करते हो, बल्कि मैं उस अल्लाह की बन्दगी करता हूँ जो तुम्हें मृत्यु देता है। और मुझे आदेश है कि मैं ईमानवालों में से होऊँ ([१०] युनुस: 104)
Tafseer (तफ़सीर )
१०५

وَاَنْ اَقِمْ وَجْهَكَ لِلدِّيْنِ حَنِيْفًاۚ وَلَا تَكُوْنَنَّ مِنَ الْمُشْرِكِيْنَ ١٠٥

wa-an
وَأَنْ
और ये कि
aqim
أَقِمْ
क़ायम रखिए
wajhaka
وَجْهَكَ
चेहरा अपना
lilddīni
لِلدِّينِ
दीन के लिए
ḥanīfan
حَنِيفًا
यकसू होकर
walā
وَلَا
और हरगिज़ ना आप हों
takūnanna
تَكُونَنَّ
और हरगिज़ ना आप हों
mina
مِنَ
मुशरिकों में से
l-mush'rikīna
ٱلْمُشْرِكِينَ
मुशरिकों में से
और यह कि हर ओर से एकाग्र होकर अपना रुख़ इस धर्म की ओर कर लो और मुशरिक़ों में कदापि सम्मिलित न हो, ([१०] युनुस: 105)
Tafseer (तफ़सीर )
१०६

وَلَا تَدْعُ مِنْ دُوْنِ اللّٰهِ مَا لَا يَنْفَعُكَ وَلَا يَضُرُّكَ ۚفَاِنْ فَعَلْتَ فَاِنَّكَ اِذًا مِّنَ الظّٰلِمِيْنَ ١٠٦

walā
وَلَا
और ना
tadʿu
تَدْعُ
आप पुकारिए
min
مِن
सिवाय
dūni
دُونِ
सिवाय
l-lahi
ٱللَّهِ
अल्लाह के
مَا
उसे जो
لَا
ना वो फ़ायदा दे सकता है आपको
yanfaʿuka
يَنفَعُكَ
ना वो फ़ायदा दे सकता है आपको
walā
وَلَا
और ना
yaḍurruka
يَضُرُّكَۖ
वो नुक़सान दे सकता है आपको
fa-in
فَإِن
फिर अगर
faʿalta
فَعَلْتَ
किया आपने (ऐसा)
fa-innaka
فَإِنَّكَ
तो बेशक आप
idhan
إِذًا
उस वक़्त
mina
مِّنَ
ज़ालिमों में से होंगे
l-ẓālimīna
ٱلظَّٰلِمِينَ
ज़ालिमों में से होंगे
और अल्लाह से हटकर उसे न पुकारो जो न तुम्हें लाभ पहुँचाए और न तुम्हें हानि पहुँचा सके और न तुम्हारा बुरा कर सके, क्योंकि यदि तुमने ऐसा किया तो उस समय तुम अत्याचारी होगे ([१०] युनुस: 106)
Tafseer (तफ़सीर )
१०७

وَاِنْ يَّمْسَسْكَ اللّٰهُ بِضُرٍّ فَلَا كَاشِفَ لَهٗ ٓاِلَّا هُوَ ۚوَاِنْ يُّرِدْكَ بِخَيْرٍ فَلَا رَاۤدَّ لِفَضْلِهٖۗ يُصِيْبُ بِهٖ مَنْ يَّشَاۤءُ مِنْ عِبَادِهٖ ۗوَهُوَ الْغَفُوْرُ الرَّحِيْمُ ١٠٧

wa-in
وَإِن
और अगर
yamsaska
يَمْسَسْكَ
पहुँचाए आपको
l-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह
biḍurrin
بِضُرٍّ
कोई तकलीफ़
falā
فَلَا
तो नहीं
kāshifa
كَاشِفَ
कोई हटाने वाला
lahu
لَهُۥٓ
उसे
illā
إِلَّا
मगर
huwa
هُوَۖ
वो ही
wa-in
وَإِن
और अगर
yurid'ka
يُرِدْكَ
वो इरादा करे आपके साथ
bikhayrin
بِخَيْرٍ
किसी भलाई का
falā
فَلَا
तो नहीं
rādda
رَآدَّ
कोई फेरने वाला
lifaḍlihi
لِفَضْلِهِۦۚ
उसके फ़ज़ल को
yuṣību
يُصِيبُ
वो पहुँचाता है
bihi
بِهِۦ
उसे
man
مَن
जिसे
yashāu
يَشَآءُ
वो चाहता है
min
مِنْ
अपने बन्दों में से
ʿibādihi
عِبَادِهِۦۚ
अपने बन्दों में से
wahuwa
وَهُوَ
और वो
l-ghafūru
ٱلْغَفُورُ
बहुत बख़्शने वाला है
l-raḥīmu
ٱلرَّحِيمُ
निहायत रहम करने वाला है
यदि अल्लाह तुम्हें किसी तकलीफ़ में डाल दे तो उसके सिवा कोई उसे दूर करनेवाला नहीं। और यदि वह तुम्हारे लिए किसी भलाई का इरादा कर ले तो कोई उसके अनुग्रह को फेरनेवाला भी नहीं। वह इसे अपने बन्दों में से जिस तक चाहता है, पहुँचाता है और वह अत्यन्त क्षमाशील, दयावान है।' ([१०] युनुस: 107)
Tafseer (तफ़सीर )
१०८

قُلْ يٰٓاَيُّهَا النَّاسُ قَدْ جَاۤءَكُمُ الْحَقُّ مِنْ رَّبِّكُمْ ۚفَمَنِ اهْتَدٰى فَاِنَّمَا يَهْتَدِيْ لِنَفْسِهٖ ۚوَمَنْ ضَلَّ فَاِنَّمَا يَضِلُّ عَلَيْهَا ۚوَمَآ اَنَا۠ عَلَيْكُمْ بِوَكِيْلٍۗ ١٠٨

qul
قُلْ
कह दीजिए
yāayyuhā
يَٰٓأَيُّهَا
ऐ लोगो
l-nāsu
ٱلنَّاسُ
ऐ लोगो
qad
قَدْ
तहक़ीक़
jāakumu
جَآءَكُمُ
आ चुका तुम्हारे पास
l-ḥaqu
ٱلْحَقُّ
हक़
min
مِن
तुम्हारे रब की तरफ़ से
rabbikum
رَّبِّكُمْۖ
तुम्हारे रब की तरफ़ से
famani
فَمَنِ
तो जिसने
ih'tadā
ٱهْتَدَىٰ
हिदायत पाई
fa-innamā
فَإِنَّمَا
तो बेशक
yahtadī
يَهْتَدِى
वो हिदायत पाएगा
linafsihi
لِنَفْسِهِۦۖ
अपने नफ़्स के लिए
waman
وَمَن
और जो
ḍalla
ضَلَّ
गुमराह हुआ
fa-innamā
فَإِنَّمَا
तो बेशक
yaḍillu
يَضِلُّ
वो गुमराह होगा
ʿalayhā
عَلَيْهَاۖ
अपने (नफ़्स) पर
wamā
وَمَآ
और नहीं
anā
أَنَا۠
मैं
ʿalaykum
عَلَيْكُم
तुम पर
biwakīlin
بِوَكِيلٍ
कोई ज़िम्मेदार
कह दो, 'ऐ लोगों! तुम्हारे पास तुम्हारे रब की ओर से सत्य आ चुका है। अब जो कोई मार्ग पर आएगा, तो वह अपने ही लिए मार्ग पर आएगा, और जो कोई पथभ्रष्ट होगा तो वह अपने ही बुरे के लिए पथभ्रष्टि होगा। मैं तुम्हारे ऊपर कोई हवालेदार तो हूँ नहीं।' ([१०] युनुस: 108)
Tafseer (तफ़सीर )
१०९

وَاتَّبِعْ مَا يُوْحٰىٓ اِلَيْكَ وَاصْبِرْ حَتّٰى يَحْكُمَ اللّٰهُ ۚوَهُوَ خَيْرُ الْحٰكِمِيْنَ ࣖ ١٠٩

wa-ittabiʿ
وَٱتَّبِعْ
और पैरवी कीजिए
مَا
उसकी जो
yūḥā
يُوحَىٰٓ
वही की जाती है
ilayka
إِلَيْكَ
तरफ़ आपके
wa-iṣ'bir
وَٱصْبِرْ
और सब्र कीजिए
ḥattā
حَتَّىٰ
यहाँ तक कि
yaḥkuma
يَحْكُمَ
फ़ैसला कर दे
l-lahu
ٱللَّهُۚ
अल्लाह
wahuwa
وَهُوَ
और वो
khayru
خَيْرُ
बेहतर है
l-ḥākimīna
ٱلْحَٰكِمِينَ
सब फ़ैसला करने वालों से
जो कुछ तुमपर प्रकाशना की जा रही है, उसका अनुसरण करो और धैर्य से काम लो, यहाँ तक कि अल्लाह फ़ैसला कर दे, और वह सबसे अच्छा फ़ैसला करनेवाला है ([१०] युनुस: 109)
Tafseer (तफ़सीर )