اٰۤلْـٰٔنَ وَقَدْ عَصَيْتَ قَبْلُ وَكُنْتَ مِنَ الْمُفْسِدِيْنَ ٩١
- āl'āna
- ءَآلْـَٰٔنَ
- क्या अब
- waqad
- وَقَدْ
- हालाँकि तहक़ीक़
- ʿaṣayta
- عَصَيْتَ
- नाफ़रमानी की तूने
- qablu
- قَبْلُ
- इससे पहले
- wakunta
- وَكُنتَ
- और था तू
- mina
- مِنَ
- फ़साद करने वालों में से
- l-muf'sidīna
- ٱلْمُفْسِدِينَ
- फ़साद करने वालों में से
'क्या अब? हालाँकि इससे पहले तुने अवज्ञा की और बिगाड़ पैदा करनेवालों में से था ([१०] युनुस: 91)Tafseer (तफ़सीर )
فَالْيَوْمَ نُنَجِّيْكَ بِبَدَنِكَ لِتَكُوْنَ لِمَنْ خَلْفَكَ اٰيَةً ۗوَاِنَّ كَثِيْرًا مِّنَ النَّاسِ عَنْ اٰيٰتِنَا لَغٰفِلُوْنَ ٩٢
- fal-yawma
- فَٱلْيَوْمَ
- तो आज
- nunajjīka
- نُنَجِّيكَ
- हम बचा लेंगे तुझे
- bibadanika
- بِبَدَنِكَ
- साथ तेरे बदन के
- litakūna
- لِتَكُونَ
- ताकि तू हो जाए
- liman
- لِمَنْ
- उनके लिए जो
- khalfaka
- خَلْفَكَ
- तेरे बाद हों
- āyatan
- ءَايَةًۚ
- एक निशानी
- wa-inna
- وَإِنَّ
- और बेशक
- kathīran
- كَثِيرًا
- बहुत से
- mina
- مِّنَ
- लोगों में से
- l-nāsi
- ٱلنَّاسِ
- लोगों में से
- ʿan
- عَنْ
- हमारी आयात से
- āyātinā
- ءَايَٰتِنَا
- हमारी आयात से
- laghāfilūna
- لَغَٰفِلُونَ
- अलबत्ता ग़ाफ़िल हैं
'अतः आज हम तेरे शरीर को बचा लेगें, ताकि तू अपने बादवालों के लिए एक निशानी हो जाए। निश्चय ही, बहुत-से लोग हमारी निशानियों के प्रति असावधान ही रहते है।' ([१०] युनुस: 92)Tafseer (तफ़सीर )
وَلَقَدْ بَوَّأْنَا بَنِيْٓ اِسْرَاۤءِيْلَ مُبَوَّاَ صِدْقٍ وَّرَزَقْنٰهُمْ مِّنَ الطَّيِّبٰتِ ۚفَمَا اخْتَلَفُوْا حَتّٰى جَاۤءَهُمُ الْعِلْمُ ۗاِنَّ رَبَّكَ يَقْضِيْ بَيْنَهُمْ يَوْمَ الْقِيٰمَةِ فِيْمَا كَانُوْا فِيْهِ يَخْتَلِفُوْنَ ٩٣
- walaqad
- وَلَقَدْ
- और अलबत्ता तहक़ीक़
- bawwanā
- بَوَّأْنَا
- ठिकाना दिया हमने
- banī
- بَنِىٓ
- बनी इस्राईल को
- is'rāīla
- إِسْرَٰٓءِيلَ
- बनी इस्राईल को
- mubawwa-a
- مُبَوَّأَ
- ठिकाना
- ṣid'qin
- صِدْقٍ
- सच्चा/उम्दा
- warazaqnāhum
- وَرَزَقْنَٰهُم
- और रिज़्क़ दिया हमने उन्हें
- mina
- مِّنَ
- पाकीज़ा चीज़ों से
- l-ṭayibāti
- ٱلطَّيِّبَٰتِ
- पाकीज़ा चीज़ों से
- famā
- فَمَا
- तो नहीं
- ikh'talafū
- ٱخْتَلَفُوا۟
- उन्होंने इख़्तिलाफ़ किया
- ḥattā
- حَتَّىٰ
- यहाँ तक कि
- jāahumu
- جَآءَهُمُ
- आ गया उनके पास
- l-ʿil'mu
- ٱلْعِلْمُۚ
- इल्म
- inna
- إِنَّ
- बेशक
- rabbaka
- رَبَّكَ
- रब आपका
- yaqḍī
- يَقْضِى
- वो फ़ैसला करेगा
- baynahum
- بَيْنَهُمْ
- दर्मियान उनके
- yawma
- يَوْمَ
- दिन
- l-qiyāmati
- ٱلْقِيَٰمَةِ
- क़यामत के
- fīmā
- فِيمَا
- उसमें जो
- kānū
- كَانُوا۟
- थे वो
- fīhi
- فِيهِ
- जिसमें
- yakhtalifūna
- يَخْتَلِفُونَ
- वो इख़्तिलाफ़ करते
और हमने इसराईल की सन्तान को अच्छा, सम्मानित ठिकाना दिया औ उन्हें अच्छी आजीविका प्रदान की। फिर उन्होंने उस समय विभेद किया, जबकि ज्ञान उनके पास आ चुका था। निश्चय ही तुम्हारा रब क़ियामत के दिन उनके बीच उस चीज़ का फ़ैसला कर देगा, जिसमें वे विभेद करते रहे है ([१०] युनुस: 93)Tafseer (तफ़सीर )
فَاِنْ كُنْتَ فِيْ شَكٍّ مِّمَّآ اَنْزَلْنَآ اِلَيْكَ فَسْـَٔلِ الَّذِيْنَ يَقْرَءُوْنَ الْكِتٰبَ مِنْ قَبْلِكَ ۚ لَقَدْ جَاۤءَكَ الْحَقُّ مِنْ رَّبِّكَ فَلَا تَكُوْنَنَّ مِنَ الْمُمْتَرِيْنَۙ ٩٤
- fa-in
- فَإِن
- फिर अगर
- kunta
- كُنتَ
- हैं आप
- fī
- فِى
- किसी शक में
- shakkin
- شَكٍّ
- किसी शक में
- mimmā
- مِّمَّآ
- उसके बारे में जो
- anzalnā
- أَنزَلْنَآ
- नाज़िल किया हमने
- ilayka
- إِلَيْكَ
- तरफ़ आपके
- fasali
- فَسْـَٔلِ
- तो पूछ लीजिए
- alladhīna
- ٱلَّذِينَ
- उन लोगों से जो
- yaqraūna
- يَقْرَءُونَ
- पढ़ते हैं
- l-kitāba
- ٱلْكِتَٰبَ
- किताब
- min
- مِن
- आपसे पहले
- qablika
- قَبْلِكَۚ
- आपसे पहले
- laqad
- لَقَدْ
- अलबत्ता तहक़ीक़
- jāaka
- جَآءَكَ
- आ गया आपके पास
- l-ḥaqu
- ٱلْحَقُّ
- हक़
- min
- مِن
- आपके रब की तरफ़ से
- rabbika
- رَّبِّكَ
- आपके रब की तरफ़ से
- falā
- فَلَا
- पस हरगिज़ ना आप हों
- takūnanna
- تَكُونَنَّ
- पस हरगिज़ ना आप हों
- mina
- مِنَ
- शक करने वालों में से
- l-mum'tarīna
- ٱلْمُمْتَرِينَ
- शक करने वालों में से
अतः यदि तुम्हें उस चीज़ के बारे में कोई संदेह हो, जो हमने तुम्हारी ओर अवतरित की है, तो उनसे पूछ लो जो तुमसे पहले से किताब पढ़ रहे है। तुम्हारे पास तो तुम्हारे रब की ओर से सत्य आ चुका। अतः तुम कदापि सन्देह करनेवाले न हो ([१०] युनुस: 94)Tafseer (तफ़सीर )
وَلَا تَكُوْنَنَّ مِنَ الَّذِيْنَ كَذَّبُوْا بِاٰيٰتِ اللّٰهِ فَتَكُوْنَ مِنَ الْخٰسِرِيْنَ ٩٥
- walā
- وَلَا
- और हरगिज़ ना आप हों
- takūnanna
- تَكُونَنَّ
- और हरगिज़ ना आप हों
- mina
- مِنَ
- उनमें से जिन्होंने
- alladhīna
- ٱلَّذِينَ
- उनमें से जिन्होंने
- kadhabū
- كَذَّبُوا۟
- झुठलाया
- biāyāti
- بِـَٔايَٰتِ
- अल्लाह की आयात को
- l-lahi
- ٱللَّهِ
- अल्लाह की आयात को
- fatakūna
- فَتَكُونَ
- वरना आप हो जाऐंगे
- mina
- مِنَ
- ख़सारा पाने वालों मे से
- l-khāsirīna
- ٱلْخَٰسِرِينَ
- ख़सारा पाने वालों मे से
और न उन लोगों में सम्मिलित होना जिन्होंन अल्लाह की आयतों को झुठलाया, अन्यथा तुम घाटे में पड़कर रहोगे ([१०] युनुस: 95)Tafseer (तफ़सीर )
اِنَّ الَّذِيْنَ حَقَّتْ عَلَيْهِمْ كَلِمَةُ رَبِّكَ لَا يُؤْمِنُوْنَ ٩٦
- inna
- إِنَّ
- बेशक
- alladhīna
- ٱلَّذِينَ
- वो लोग जो
- ḥaqqat
- حَقَّتْ
- साबित हो गई
- ʿalayhim
- عَلَيْهِمْ
- उन पर
- kalimatu
- كَلِمَتُ
- बात
- rabbika
- رَبِّكَ
- आपके रब की
- lā
- لَا
- नहीं वो ईमान लाऐंगे
- yu'minūna
- يُؤْمِنُونَ
- नहीं वो ईमान लाऐंगे
निस्संदेह जिन लोगों के विषय में तुम्हारे रब की बात सच्ची होकर रही वे ईमान नहीं लाएँगे, ([१०] युनुस: 96)Tafseer (तफ़सीर )
وَلَوْ جَاۤءَتْهُمْ كُلُّ اٰيَةٍ حَتّٰى يَرَوُا الْعَذَابَ الْاَلِيْمَ ٩٧
- walaw
- وَلَوْ
- और अगरचे
- jāathum
- جَآءَتْهُمْ
- आ जाए उनके पास
- kullu
- كُلُّ
- हर
- āyatin
- ءَايَةٍ
- निशानी
- ḥattā
- حَتَّىٰ
- यहाँ तक कि
- yarawū
- يَرَوُا۟
- वो देख लें
- l-ʿadhāba
- ٱلْعَذَابَ
- अज़ाब
- l-alīma
- ٱلْأَلِيمَ
- दर्दनाक
जब तक के वे दुखद यातना न देख लें, चाहे प्रत्येक निशानी उनके पास आ जाए ([१०] युनुस: 97)Tafseer (तफ़सीर )
فَلَوْلَا كَانَتْ قَرْيَةٌ اٰمَنَتْ فَنَفَعَهَآ اِيْمَانُهَآ اِلَّا قَوْمَ يُوْنُسَۗ لَمَّآ اٰمَنُوْا كَشَفْنَا عَنْهُمْ عَذَابَ الْخِزْيِ فِى الْحَيٰوةِ الدُّنْيَا وَمَتَّعْنٰهُمْ اِلٰى حِيْنٍ ٩٨
- falawlā
- فَلَوْلَا
- फिर क्यों ना
- kānat
- كَانَتْ
- हुई
- qaryatun
- قَرْيَةٌ
- कोई बस्ती
- āmanat
- ءَامَنَتْ
- जो ईमान लाई
- fanafaʿahā
- فَنَفَعَهَآ
- तो नफ़ा दिया उसे
- īmānuhā
- إِيمَٰنُهَآ
- उसके ईमान ने
- illā
- إِلَّا
- सिवाय
- qawma
- قَوْمَ
- क़ौमे
- yūnusa
- يُونُسَ
- यूनुस के
- lammā
- لَمَّآ
- जब
- āmanū
- ءَامَنُوا۟
- वो ईमान लाए
- kashafnā
- كَشَفْنَا
- हटा दिया हमने
- ʿanhum
- عَنْهُمْ
- उनसे
- ʿadhāba
- عَذَابَ
- अज़ाब
- l-khiz'yi
- ٱلْخِزْىِ
- रुस्वाई का
- fī
- فِى
- ज़िन्दगी में
- l-ḥayati
- ٱلْحَيَوٰةِ
- ज़िन्दगी में
- l-dun'yā
- ٱلدُّنْيَا
- दुनिया की
- wamattaʿnāhum
- وَمَتَّعْنَٰهُمْ
- और फ़ायदा दिया हमने उन्हें
- ilā
- إِلَىٰ
- एक मुद्दत तक
- ḥīnin
- حِينٍ
- एक मुद्दत तक
फिर ऐसी कोई बस्ती क्यों न हुई कि वह ईमान लाती और उसका ईमान उसके लिए लाभप्रद सिद्ध होता? हाँ, यूनुस की क़ौम के लोग इसके लिए अपवाद है। जब वे ईमान लाए तो हमने सांसारिक जीवन में अपमानजनक यातना को उनपर से टाल दिया और उन्हें एक अवधि तक सुखोपभोग का अवसर प्रदान किया ([१०] युनुस: 98)Tafseer (तफ़सीर )
وَلَوْ شَاۤءَ رَبُّكَ لَاٰمَنَ مَنْ فِى الْاَرْضِ كُلُّهُمْ جَمِيْعًاۗ اَفَاَنْتَ تُكْرِهُ النَّاسَ حَتّٰى يَكُوْنُوْا مُؤْمِنِيْنَ ٩٩
- walaw
- وَلَوْ
- और अगर
- shāa
- شَآءَ
- चाहता
- rabbuka
- رَبُّكَ
- रब आपका
- laāmana
- لَءَامَنَ
- अलबत्ता ईमान ले आते
- man
- مَن
- जो
- fī
- فِى
- ज़मीन में हैं
- l-arḍi
- ٱلْأَرْضِ
- ज़मीन में हैं
- kulluhum
- كُلُّهُمْ
- सबके सब
- jamīʿan
- جَمِيعًاۚ
- इकट्ठे
- afa-anta
- أَفَأَنتَ
- क्या भला आप
- tuk'rihu
- تُكْرِهُ
- मजबूर करेंगे
- l-nāsa
- ٱلنَّاسَ
- लोगों को
- ḥattā
- حَتَّىٰ
- यहाँ तक कि
- yakūnū
- يَكُونُوا۟
- वो हो जाऐं
- mu'minīna
- مُؤْمِنِينَ
- ईमान लाने वाले
यदि तुम्हारा रब चाहता तो धरती में जितने लोग है वे सब के सब ईमान ले आते, फिर क्या तुम लोगों को विवश करोगे कि वे मोमिन हो जाएँ? ([१०] युनुस: 99)Tafseer (तफ़सीर )
وَمَا كَانَ لِنَفْسٍ اَنْ تُؤْمِنَ اِلَّا بِاِذْنِ اللّٰهِ ۗوَيَجْعَلُ الرِّجْسَ عَلَى الَّذِيْنَ لَا يَعْقِلُوْنَ ١٠٠
- wamā
- وَمَا
- और नहीं
- kāna
- كَانَ
- है
- linafsin
- لِنَفْسٍ
- किसी नफ़्स के लिए
- an
- أَن
- कि
- tu'mina
- تُؤْمِنَ
- वो ईमान लाए
- illā
- إِلَّا
- मगर
- bi-idh'ni
- بِإِذْنِ
- अल्लाह के इज़्न से
- l-lahi
- ٱللَّهِۚ
- अल्लाह के इज़्न से
- wayajʿalu
- وَيَجْعَلُ
- और वो डाल देता है
- l-rij'sa
- ٱلرِّجْسَ
- गंदगी को
- ʿalā
- عَلَى
- उन पर जो
- alladhīna
- ٱلَّذِينَ
- उन पर जो
- lā
- لَا
- नहीं वो अक़्ल रखते
- yaʿqilūna
- يَعْقِلُونَ
- नहीं वो अक़्ल रखते
हालाँकि किसी व्यक्ति के लिए यह सम्भव नहीं कि अल्लाह की अनुज्ञा के बिना कोई क्यक्ति ईमान लाए। वह तो उन लोगों पर गन्दगी डाल देता है, जो बुद्धि से काम नहीं लेते ([१०] युनुस: 100)Tafseer (तफ़सीर )