الۤرٰ ۗتِلْكَ اٰيٰتُ الْكِتٰبِ الْحَكِيْمِ ١
- alif-lam-ra
- الٓرۚ
- अलिफ़ लाम रा
- til'ka
- تِلْكَ
- ये
- āyātu
- ءَايَٰتُ
- आयात हैं
- l-kitābi
- ٱلْكِتَٰبِ
- किताब
- l-ḥakīmi
- ٱلْحَكِيمِ
- हिकमत वाली की
अलिफ़॰ लाम॰ रा॰। ये तत्वदर्शितायुक्त किताब की आयतें हैं ([१०] युनुस: 1)Tafseer (तफ़सीर )
اَكَانَ لِلنَّاسِ عَجَبًا اَنْ اَوْحَيْنَآ اِلٰى رَجُلٍ مِّنْهُمْ اَنْ اَنْذِرِ النَّاسَ وَبَشِّرِ الَّذِيْنَ اٰمَنُوْٓا اَنَّ لَهُمْ قَدَمَ صِدْقٍ عِنْدَ رَبِّهِمْ ۗ قَالَ الْكٰفِرُوْنَ اِنَّ هٰذَا لَسٰحِرٌ مُّبِيْنٌ ٢
- akāna
- أَكَانَ
- क्या है
- lilnnāsi
- لِلنَّاسِ
- लोगों के लिए
- ʿajaban
- عَجَبًا
- अजीब बात
- an
- أَنْ
- कि
- awḥaynā
- أَوْحَيْنَآ
- वही की हमने
- ilā
- إِلَىٰ
- तरफ़ एक शख़्स के
- rajulin
- رَجُلٍ
- तरफ़ एक शख़्स के
- min'hum
- مِّنْهُمْ
- उनमें से
- an
- أَنْ
- कि
- andhiri
- أَنذِرِ
- डराइए
- l-nāsa
- ٱلنَّاسَ
- लोगों को
- wabashiri
- وَبَشِّرِ
- और ख़ुश ख़बरी दे दीजिए
- alladhīna
- ٱلَّذِينَ
- उन्हें जो
- āmanū
- ءَامَنُوٓا۟
- ईमान लाए
- anna
- أَنَّ
- कि बेशक
- lahum
- لَهُمْ
- उनके लिए
- qadama
- قَدَمَ
- मर्तबा है
- ṣid'qin
- صِدْقٍ
- सच्चा
- ʿinda
- عِندَ
- पास
- rabbihim
- رَبِّهِمْۗ
- उनके रब के
- qāla
- قَالَ
- कहा
- l-kāfirūna
- ٱلْكَٰفِرُونَ
- काफ़िरों ने
- inna
- إِنَّ
- बेशक
- hādhā
- هَٰذَا
- ये
- lasāḥirun
- لَسَٰحِرٌ
- अलबत्ता जादूगर है
- mubīnun
- مُّبِينٌ
- खुल्लम-खुल्ला
क्या लोगों को इस बात पर आश्चर्य हो रहा है कि हमने उन्ही में से एक आदमी की ओर प्रकाशना की कि लोगों को सचेत कर दो और जो लोग मान लें, उनको शुभ समाचार दे दो कि उनके लिए रब के पास शाश्वत सच्चा उन्नत स्थान है? इनकार करनेवाले कहने लगे, 'निस्संदेह यह एक खुला जादूगर है।' ([१०] युनुस: 2)Tafseer (तफ़सीर )
اِنَّ رَبَّكُمُ اللّٰهُ الَّذِيْ خَلَقَ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضَ فِيْ سِتَّةِ اَيَّامٍ ثُمَّ اسْتَوٰى عَلَى الْعَرْشِ يُدَبِّرُ الْاَمْرَۗ مَا مِنْ شَفِيْعٍ اِلَّا مِنْۢ بَعْدِ اِذْنِهٖۗ ذٰلِكُمُ اللّٰهُ رَبُّكُمْ فَاعْبُدُوْهُۗ اَفَلَا تَذَكَّرُوْنَ ٣
- inna
- إِنَّ
- बेशक
- rabbakumu
- رَبَّكُمُ
- रब तुम्हारा
- l-lahu
- ٱللَّهُ
- अल्लाह है
- alladhī
- ٱلَّذِى
- जिसने
- khalaqa
- خَلَقَ
- पैदा किया
- l-samāwāti
- ٱلسَّمَٰوَٰتِ
- आसमानों
- wal-arḍa
- وَٱلْأَرْضَ
- और ज़मीन को
- fī
- فِى
- छःदिनों में
- sittati
- سِتَّةِ
- छःदिनों में
- ayyāmin
- أَيَّامٍ
- छःदिनों में
- thumma
- ثُمَّ
- फिर
- is'tawā
- ٱسْتَوَىٰ
- वो बुलन्द हुआ
- ʿalā
- عَلَى
- अर्श पर
- l-ʿarshi
- ٱلْعَرْشِۖ
- अर्श पर
- yudabbiru
- يُدَبِّرُ
- वो तदबीर करता है
- l-amra
- ٱلْأَمْرَۖ
- तमाम मामलात की
- mā
- مَا
- नहीं
- min
- مِن
- कोई सिफ़ारिशी
- shafīʿin
- شَفِيعٍ
- कोई सिफ़ारिशी
- illā
- إِلَّا
- मगर
- min
- مِنۢ
- बाद
- baʿdi
- بَعْدِ
- बाद
- idh'nihi
- إِذْنِهِۦۚ
- उसके इज़्न के
- dhālikumu
- ذَٰلِكُمُ
- यही है
- l-lahu
- ٱللَّهُ
- अल्लाह
- rabbukum
- رَبُّكُمْ
- रब तुम्हारा
- fa-uʿ'budūhu
- فَٱعْبُدُوهُۚ
- पस इबादत करो इसकी
- afalā
- أَفَلَا
- क्या भला नहीं
- tadhakkarūna
- تَذَكَّرُونَ
- तुम नसीहत पकड़ते
निस्संदेह तुम्हारा रब वही अल्लाह है, जिसने आकाशों और धरती को छः दिनों में पैदा किया, फिर सिंहासन पर विराजमान होकर व्यवस्था चला रहा है। उसकी अनुज्ञा के बिना कोई सिफ़ारिश करनेवाला भी नहीं है। वह अल्लाह है तुम्हारा रब। अतः उसी की बन्दगी करो। तो क्या तुम ध्यान न दोगे? ([१०] युनुस: 3)Tafseer (तफ़सीर )
اِلَيْهِ مَرْجِعُكُمْ جَمِيْعًاۗ وَعْدَ اللّٰهِ حَقًّاۗ اِنَّهٗ يَبْدَؤُا الْخَلْقَ ثُمَّ يُعِيْدُهٗ لِيَجْزِيَ الَّذِيْنَ اٰمَنُوْا وَعَمِلُوا الصّٰلِحٰتِ بِالْقِسْطِۗ وَالَّذِيْنَ كَفَرُوْا لَهُمْ شَرَابٌ مِّنْ حَمِيْمٍ وَّعَذَابٌ اَلِيْمٌ ۢبِمَا كَانُوْا يَكْفُرُوْنَ ٤
- ilayhi
- إِلَيْهِ
- तरफ़ उसी के
- marjiʿukum
- مَرْجِعُكُمْ
- लौटना है तुम्हारा
- jamīʿan
- جَمِيعًاۖ
- सबके सबका
- waʿda
- وَعْدَ
- वादा है
- l-lahi
- ٱللَّهِ
- अल्लाह का
- ḥaqqan
- حَقًّاۚ
- सच्चा
- innahu
- إِنَّهُۥ
- बेशक वो
- yabda-u
- يَبْدَؤُا۟
- वो इब्तिदा करता है
- l-khalqa
- ٱلْخَلْقَ
- पैदाइश की
- thumma
- ثُمَّ
- फिर
- yuʿīduhu
- يُعِيدُهُۥ
- वो दोबारा लौटाएगा उसे
- liyajziya
- لِيَجْزِىَ
- ताकि वो बदला दे
- alladhīna
- ٱلَّذِينَ
- उन्हें जो
- āmanū
- ءَامَنُوا۟
- ईमान लाए
- waʿamilū
- وَعَمِلُوا۟
- और उन्होंने अमल किए
- l-ṣāliḥāti
- ٱلصَّٰلِحَٰتِ
- नेक
- bil-qis'ṭi
- بِٱلْقِسْطِۚ
- साथ इन्साफ़ के
- wa-alladhīna
- وَٱلَّذِينَ
- और वो जिन्होंने
- kafarū
- كَفَرُوا۟
- कुफ़्र किया
- lahum
- لَهُمْ
- उनके लिए
- sharābun
- شَرَابٌ
- पीना है
- min
- مِّنْ
- सख़्त गर्म पानी की
- ḥamīmin
- حَمِيمٍ
- सख़्त गर्म पानी की
- waʿadhābun
- وَعَذَابٌ
- और अज़ाब है
- alīmun
- أَلِيمٌۢ
- दर्दनाक
- bimā
- بِمَا
- बवजह उसके जो
- kānū
- كَانُوا۟
- थे वो
- yakfurūna
- يَكْفُرُونَ
- वो कुफ़्र करते
उसी की ओर तुम सबको लौटना है। यह अल्लाह का पक्का वादा है। निस्संदेह वही पहली बार पैदा करता है। फिर दोबारा पैदा करेगा, ताकि जो लोग ईमान लाए और उन्होंने अच्छे कर्म किए उन्हें न्यायपूर्वक बदला दे। रहे वे लोग जिन्होंने इनकार किया उनके लिए खौलता पेय और दुखद यातना है, उस इनकार के बदले में जो वे करते रहे ([१०] युनुस: 4)Tafseer (तफ़सीर )
هُوَ الَّذِيْ جَعَلَ الشَّمْسَ ضِيَاۤءً وَّالْقَمَرَ نُوْرًا وَّقَدَّرَهٗ مَنَازِلَ لِتَعْلَمُوْا عَدَدَ السِّنِيْنَ وَالْحِسَابَۗ مَا خَلَقَ اللّٰهُ ذٰلِكَ اِلَّا بِالْحَقِّۗ يُفَصِّلُ الْاٰيٰتِ لِقَوْمٍ يَّعْلَمُوْنَ ٥
- huwa
- هُوَ
- वो ही है
- alladhī
- ٱلَّذِى
- जिसने
- jaʿala
- جَعَلَ
- बनाया
- l-shamsa
- ٱلشَّمْسَ
- सूरज को
- ḍiyāan
- ضِيَآءً
- रोशन
- wal-qamara
- وَٱلْقَمَرَ
- और चाँद को
- nūran
- نُورًا
- मुनव्वर
- waqaddarahu
- وَقَدَّرَهُۥ
- और उसने मुक़र्रर कीं उसकी
- manāzila
- مَنَازِلَ
- मन्ज़िलें
- litaʿlamū
- لِتَعْلَمُوا۟
- ताकि तुम जान लो
- ʿadada
- عَدَدَ
- गिनती
- l-sinīna
- ٱلسِّنِينَ
- सालों की
- wal-ḥisāba
- وَٱلْحِسَابَۚ
- और हिसाब
- mā
- مَا
- नहीं
- khalaqa
- خَلَقَ
- पैदा किया
- l-lahu
- ٱللَّهُ
- अल्लाह ने
- dhālika
- ذَٰلِكَ
- ये (सब)
- illā
- إِلَّا
- मगर
- bil-ḥaqi
- بِٱلْحَقِّۚ
- साथ हक़ के
- yufaṣṣilu
- يُفَصِّلُ
- वो खोलकर बयान करता है
- l-āyāti
- ٱلْءَايَٰتِ
- आयात को
- liqawmin
- لِقَوْمٍ
- उन लोगों के लिए
- yaʿlamūna
- يَعْلَمُونَ
- जो इल्म रखते हैं
वही है जिसने सूर्य को सर्वथा दीप्ति और चन्द्रमा का प्रकाश बनाया औऱ उनके लिए मंज़िलें निश्चित की, ताकि तुम वर्षों की गिनती और हिसाब मालूम कर लिया करो। अल्लाह ने यह सब कुछ सोद्देश्य ही पैदा किया है। वह अपनी निशानियों को उन लोगों के लिए खोल-खोलकर बयान करता है, जो जानना चाहें ([१०] युनुस: 5)Tafseer (तफ़सीर )
اِنَّ فِى اخْتِلَافِ الَّيْلِ وَالنَّهَارِ وَمَا خَلَقَ اللّٰهُ فِى السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ لَاٰيٰتٍ لِّقَوْمٍ يَّتَّقُوْنَ ٦
- inna
- إِنَّ
- बेशक
- fī
- فِى
- इख़्तिलाफ़ में
- ikh'tilāfi
- ٱخْتِلَٰفِ
- इख़्तिलाफ़ में
- al-layli
- ٱلَّيْلِ
- रात
- wal-nahāri
- وَٱلنَّهَارِ
- और दिन के
- wamā
- وَمَا
- और जो
- khalaqa
- خَلَقَ
- पैदा किया
- l-lahu
- ٱللَّهُ
- अल्लाह ने
- fī
- فِى
- आसमानों में
- l-samāwāti
- ٱلسَّمَٰوَٰتِ
- आसमानों में
- wal-arḍi
- وَٱلْأَرْضِ
- और ज़मीन में
- laāyātin
- لَءَايَٰتٍ
- अलबत्ता निशानियाँ हैं
- liqawmin
- لِّقَوْمٍ
- उन लोगों के लिए
- yattaqūna
- يَتَّقُونَ
- जो डरते हैं
निस्संदेह रात और दिन के उलट-फेर में और जो कुछ अल्लाह ने आकाशों और धरती में पैदा किया उसमें डर रखनेवाले लोगों के लिए निशानियाँ है ([१०] युनुस: 6)Tafseer (तफ़सीर )
اِنَّ الَّذِيْنَ لَا يَرْجُوْنَ لِقَاۤءَنَا وَرَضُوْا بِالْحَيٰوةِ الدُّنْيَا وَاطْمَـَٔنُّوْا بِهَا وَالَّذِيْنَ هُمْ عَنْ اٰيٰتِنَا غٰفِلُوْنَۙ ٧
- inna
- إِنَّ
- बेशक
- alladhīna
- ٱلَّذِينَ
- वो लोग जो
- lā
- لَا
- नहीं वो उम्मीद रखते
- yarjūna
- يَرْجُونَ
- नहीं वो उम्मीद रखते
- liqāanā
- لِقَآءَنَا
- हमारी मुलाक़ात की
- waraḍū
- وَرَضُوا۟
- और वो राज़ी हो गए
- bil-ḥayati
- بِٱلْحَيَوٰةِ
- ज़िन्दगी पर
- l-dun'yā
- ٱلدُّنْيَا
- दुनिया की
- wa-iṭ'ma-annū
- وَٱطْمَأَنُّوا۟
- और वो मुत्मइन हो गए
- bihā
- بِهَا
- उस पर
- wa-alladhīna
- وَٱلَّذِينَ
- और वो जो
- hum
- هُمْ
- वो
- ʿan
- عَنْ
- हमारी आयात से
- āyātinā
- ءَايَٰتِنَا
- हमारी आयात से
- ghāfilūna
- غَٰفِلُونَ
- ग़ाफ़िल हैं
रहे वे लोग जो हमसे मिलने की आशा नहीं रखते और सांसारिक जीवन ही पर निहाल हो गए है और उसी पर संतुष्ट हो बैठे, और जो हमारी निशानियों की ओर से असावधान है; ([१०] युनुस: 7)Tafseer (तफ़सीर )
اُولٰۤىِٕكَ مَأْوٰىهُمُ النَّارُ بِمَا كَانُوْا يَكْسِبُوْنَ ٨
- ulāika
- أُو۟لَٰٓئِكَ
- यही लोग हैं
- mawāhumu
- مَأْوَىٰهُمُ
- ठिकाना उनका
- l-nāru
- ٱلنَّارُ
- आग है
- bimā
- بِمَا
- बवजह इसके जो
- kānū
- كَانُوا۟
- थे वो
- yaksibūna
- يَكْسِبُونَ
- वो कमाई करते
ऐसे लोगों का ठिकाना आग है, उसके बदले में जो वे कमाते रहे ([१०] युनुस: 8)Tafseer (तफ़सीर )
اِنَّ الَّذِيْنَ اٰمَنُوْا وَعَمِلُوا الصّٰلِحٰتِ يَهْدِيْهِمْ رَبُّهُمْ بِاِيْمَانِهِمْۚ تَجْرِيْ مِنْ تَحْتِهِمُ الْاَنْهٰرُ فِيْ جَنّٰتِ النَّعِيْمِ ٩
- inna
- إِنَّ
- बेशक
- alladhīna
- ٱلَّذِينَ
- वो लोग जो
- āmanū
- ءَامَنُوا۟
- ईमान लाए
- waʿamilū
- وَعَمِلُوا۟
- और उन्होंने अमल किए
- l-ṣāliḥāti
- ٱلصَّٰلِحَٰتِ
- नेक
- yahdīhim
- يَهْدِيهِمْ
- रहनुमाई करेगा उनकी
- rabbuhum
- رَبُّهُم
- रब उनका
- biīmānihim
- بِإِيمَٰنِهِمْۖ
- बवजह उनके ईमान के
- tajrī
- تَجْرِى
- बहती हैं
- min
- مِن
- उनके नीचे से
- taḥtihimu
- تَحْتِهِمُ
- उनके नीचे से
- l-anhāru
- ٱلْأَنْهَٰرُ
- नहरें
- fī
- فِى
- बाग़ात में
- jannāti
- جَنَّٰتِ
- बाग़ात में
- l-naʿīmi
- ٱلنَّعِيمِ
- नेअमतों वाले
रहे वे लोग जो ईमान लाए और उन्होंने अच्छे कर्म किए, उनका रब उनके ईमान के कारण उनका मार्गदर्शन करेगा। उनके नेमत भरी जन्नतों में नहरें बह रही होगी ([१०] युनुस: 9)Tafseer (तफ़सीर )
دَعْوٰىهُمْ فِيْهَا سُبْحٰنَكَ اللهم وَتَحِيَّتُهُمْ فِيْهَا سَلٰمٌۚ وَاٰخِرُ دَعْوٰىهُمْ اَنِ الْحَمْدُ لِلّٰهِ رَبِّ الْعٰلَمِيْنَ ࣖ ١٠
- daʿwāhum
- دَعْوَىٰهُمْ
- उनकी दुआ (होगी)
- fīhā
- فِيهَا
- उसमें
- sub'ḥānaka
- سُبْحَٰنَكَ
- पाक है तू
- l-lahuma
- ٱللَّهُمَّ
- ऐ अल्लाह
- wataḥiyyatuhum
- وَتَحِيَّتُهُمْ
- और दुआ उनकी
- fīhā
- فِيهَا
- उसमें
- salāmun
- سَلَٰمٌۚ
- सलाम (होगा)
- waākhiru
- وَءَاخِرُ
- और आख़िरी
- daʿwāhum
- دَعْوَىٰهُمْ
- पुकार उनकी (होगी)
- ani
- أَنِ
- ये कि
- l-ḥamdu
- ٱلْحَمْدُ
- सब तारीफ़
- lillahi
- لِلَّهِ
- अल्लाह के लिए है
- rabbi
- رَبِّ
- जो रब है
- l-ʿālamīna
- ٱلْعَٰلَمِينَ
- तमाम जहानों का
वहाँ उनकी पुकार यह होगी कि 'महिमा है तेरी, ऐ अल्लाह!' और उनका पारस्परिक अभिवादन 'सलाम' होगा। और उनकी पुकार का अन्त इसपर होगा कि 'प्रशंसा अल्लाह ही के लिए है जो सारे संसार का रब है।' ([१०] युनुस: 10)Tafseer (तफ़सीर )