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सूरा युनुस - शब्द द्वारा शब्द

Yunus

(यूनुस)

bismillaahirrahmaanirrahiim

الۤرٰ ۗتِلْكَ اٰيٰتُ الْكِتٰبِ الْحَكِيْمِ ١

alif-lam-ra
الٓرۚ
अलिफ़ लाम रा
til'ka
تِلْكَ
ये
āyātu
ءَايَٰتُ
आयात हैं
l-kitābi
ٱلْكِتَٰبِ
किताब
l-ḥakīmi
ٱلْحَكِيمِ
हिकमत वाली की
अलिफ़॰ लाम॰ रा॰। ये तत्वदर्शितायुक्त किताब की आयतें हैं ([१०] युनुस: 1)
Tafseer (तफ़सीर )

اَكَانَ لِلنَّاسِ عَجَبًا اَنْ اَوْحَيْنَآ اِلٰى رَجُلٍ مِّنْهُمْ اَنْ اَنْذِرِ النَّاسَ وَبَشِّرِ الَّذِيْنَ اٰمَنُوْٓا اَنَّ لَهُمْ قَدَمَ صِدْقٍ عِنْدَ رَبِّهِمْ ۗ قَالَ الْكٰفِرُوْنَ اِنَّ هٰذَا لَسٰحِرٌ مُّبِيْنٌ ٢

akāna
أَكَانَ
क्या है
lilnnāsi
لِلنَّاسِ
लोगों के लिए
ʿajaban
عَجَبًا
अजीब बात
an
أَنْ
कि
awḥaynā
أَوْحَيْنَآ
वही की हमने
ilā
إِلَىٰ
तरफ़ एक शख़्स के
rajulin
رَجُلٍ
तरफ़ एक शख़्स के
min'hum
مِّنْهُمْ
उनमें से
an
أَنْ
कि
andhiri
أَنذِرِ
डराइए
l-nāsa
ٱلنَّاسَ
लोगों को
wabashiri
وَبَشِّرِ
और ख़ुश ख़बरी दे दीजिए
alladhīna
ٱلَّذِينَ
उन्हें जो
āmanū
ءَامَنُوٓا۟
ईमान लाए
anna
أَنَّ
कि बेशक
lahum
لَهُمْ
उनके लिए
qadama
قَدَمَ
मर्तबा है
ṣid'qin
صِدْقٍ
सच्चा
ʿinda
عِندَ
पास
rabbihim
رَبِّهِمْۗ
उनके रब के
qāla
قَالَ
कहा
l-kāfirūna
ٱلْكَٰفِرُونَ
काफ़िरों ने
inna
إِنَّ
बेशक
hādhā
هَٰذَا
ये
lasāḥirun
لَسَٰحِرٌ
अलबत्ता जादूगर है
mubīnun
مُّبِينٌ
खुल्लम-खुल्ला
क्या लोगों को इस बात पर आश्चर्य हो रहा है कि हमने उन्ही में से एक आदमी की ओर प्रकाशना की कि लोगों को सचेत कर दो और जो लोग मान लें, उनको शुभ समाचार दे दो कि उनके लिए रब के पास शाश्वत सच्चा उन्नत स्थान है? इनकार करनेवाले कहने लगे, 'निस्संदेह यह एक खुला जादूगर है।' ([१०] युनुस: 2)
Tafseer (तफ़सीर )

اِنَّ رَبَّكُمُ اللّٰهُ الَّذِيْ خَلَقَ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضَ فِيْ سِتَّةِ اَيَّامٍ ثُمَّ اسْتَوٰى عَلَى الْعَرْشِ يُدَبِّرُ الْاَمْرَۗ مَا مِنْ شَفِيْعٍ اِلَّا مِنْۢ بَعْدِ اِذْنِهٖۗ ذٰلِكُمُ اللّٰهُ رَبُّكُمْ فَاعْبُدُوْهُۗ اَفَلَا تَذَكَّرُوْنَ ٣

inna
إِنَّ
बेशक
rabbakumu
رَبَّكُمُ
रब तुम्हारा
l-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह है
alladhī
ٱلَّذِى
जिसने
khalaqa
خَلَقَ
पैदा किया
l-samāwāti
ٱلسَّمَٰوَٰتِ
आसमानों
wal-arḍa
وَٱلْأَرْضَ
और ज़मीन को
فِى
छःदिनों में
sittati
سِتَّةِ
छःदिनों में
ayyāmin
أَيَّامٍ
छःदिनों में
thumma
ثُمَّ
फिर
is'tawā
ٱسْتَوَىٰ
वो बुलन्द हुआ
ʿalā
عَلَى
अर्श पर
l-ʿarshi
ٱلْعَرْشِۖ
अर्श पर
yudabbiru
يُدَبِّرُ
वो तदबीर करता है
l-amra
ٱلْأَمْرَۖ
तमाम मामलात की
مَا
नहीं
min
مِن
कोई सिफ़ारिशी
shafīʿin
شَفِيعٍ
कोई सिफ़ारिशी
illā
إِلَّا
मगर
min
مِنۢ
बाद
baʿdi
بَعْدِ
बाद
idh'nihi
إِذْنِهِۦۚ
उसके इज़्न के
dhālikumu
ذَٰلِكُمُ
यही है
l-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह
rabbukum
رَبُّكُمْ
रब तुम्हारा
fa-uʿ'budūhu
فَٱعْبُدُوهُۚ
पस इबादत करो इसकी
afalā
أَفَلَا
क्या भला नहीं
tadhakkarūna
تَذَكَّرُونَ
तुम नसीहत पकड़ते
निस्संदेह तुम्हारा रब वही अल्लाह है, जिसने आकाशों और धरती को छः दिनों में पैदा किया, फिर सिंहासन पर विराजमान होकर व्यवस्था चला रहा है। उसकी अनुज्ञा के बिना कोई सिफ़ारिश करनेवाला भी नहीं है। वह अल्लाह है तुम्हारा रब। अतः उसी की बन्दगी करो। तो क्या तुम ध्यान न दोगे? ([१०] युनुस: 3)
Tafseer (तफ़सीर )

اِلَيْهِ مَرْجِعُكُمْ جَمِيْعًاۗ وَعْدَ اللّٰهِ حَقًّاۗ اِنَّهٗ يَبْدَؤُا الْخَلْقَ ثُمَّ يُعِيْدُهٗ لِيَجْزِيَ الَّذِيْنَ اٰمَنُوْا وَعَمِلُوا الصّٰلِحٰتِ بِالْقِسْطِۗ وَالَّذِيْنَ كَفَرُوْا لَهُمْ شَرَابٌ مِّنْ حَمِيْمٍ وَّعَذَابٌ اَلِيْمٌ ۢبِمَا كَانُوْا يَكْفُرُوْنَ ٤

ilayhi
إِلَيْهِ
तरफ़ उसी के
marjiʿukum
مَرْجِعُكُمْ
लौटना है तुम्हारा
jamīʿan
جَمِيعًاۖ
सबके सबका
waʿda
وَعْدَ
वादा है
l-lahi
ٱللَّهِ
अल्लाह का
ḥaqqan
حَقًّاۚ
सच्चा
innahu
إِنَّهُۥ
बेशक वो
yabda-u
يَبْدَؤُا۟
वो इब्तिदा करता है
l-khalqa
ٱلْخَلْقَ
पैदाइश की
thumma
ثُمَّ
फिर
yuʿīduhu
يُعِيدُهُۥ
वो दोबारा लौटाएगा उसे
liyajziya
لِيَجْزِىَ
ताकि वो बदला दे
alladhīna
ٱلَّذِينَ
उन्हें जो
āmanū
ءَامَنُوا۟
ईमान लाए
waʿamilū
وَعَمِلُوا۟
और उन्होंने अमल किए
l-ṣāliḥāti
ٱلصَّٰلِحَٰتِ
नेक
bil-qis'ṭi
بِٱلْقِسْطِۚ
साथ इन्साफ़ के
wa-alladhīna
وَٱلَّذِينَ
और वो जिन्होंने
kafarū
كَفَرُوا۟
कुफ़्र किया
lahum
لَهُمْ
उनके लिए
sharābun
شَرَابٌ
पीना है
min
مِّنْ
सख़्त गर्म पानी की
ḥamīmin
حَمِيمٍ
सख़्त गर्म पानी की
waʿadhābun
وَعَذَابٌ
और अज़ाब है
alīmun
أَلِيمٌۢ
दर्दनाक
bimā
بِمَا
बवजह उसके जो
kānū
كَانُوا۟
थे वो
yakfurūna
يَكْفُرُونَ
वो कुफ़्र करते
उसी की ओर तुम सबको लौटना है। यह अल्लाह का पक्का वादा है। निस्संदेह वही पहली बार पैदा करता है। फिर दोबारा पैदा करेगा, ताकि जो लोग ईमान लाए और उन्होंने अच्छे कर्म किए उन्हें न्यायपूर्वक बदला दे। रहे वे लोग जिन्होंने इनकार किया उनके लिए खौलता पेय और दुखद यातना है, उस इनकार के बदले में जो वे करते रहे ([१०] युनुस: 4)
Tafseer (तफ़सीर )

هُوَ الَّذِيْ جَعَلَ الشَّمْسَ ضِيَاۤءً وَّالْقَمَرَ نُوْرًا وَّقَدَّرَهٗ مَنَازِلَ لِتَعْلَمُوْا عَدَدَ السِّنِيْنَ وَالْحِسَابَۗ مَا خَلَقَ اللّٰهُ ذٰلِكَ اِلَّا بِالْحَقِّۗ يُفَصِّلُ الْاٰيٰتِ لِقَوْمٍ يَّعْلَمُوْنَ ٥

huwa
هُوَ
वो ही है
alladhī
ٱلَّذِى
जिसने
jaʿala
جَعَلَ
बनाया
l-shamsa
ٱلشَّمْسَ
सूरज को
ḍiyāan
ضِيَآءً
रोशन
wal-qamara
وَٱلْقَمَرَ
और चाँद को
nūran
نُورًا
मुनव्वर
waqaddarahu
وَقَدَّرَهُۥ
और उसने मुक़र्रर कीं उसकी
manāzila
مَنَازِلَ
मन्ज़िलें
litaʿlamū
لِتَعْلَمُوا۟
ताकि तुम जान लो
ʿadada
عَدَدَ
गिनती
l-sinīna
ٱلسِّنِينَ
सालों की
wal-ḥisāba
وَٱلْحِسَابَۚ
और हिसाब
مَا
नहीं
khalaqa
خَلَقَ
पैदा किया
l-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह ने
dhālika
ذَٰلِكَ
ये (सब)
illā
إِلَّا
मगर
bil-ḥaqi
بِٱلْحَقِّۚ
साथ हक़ के
yufaṣṣilu
يُفَصِّلُ
वो खोलकर बयान करता है
l-āyāti
ٱلْءَايَٰتِ
आयात को
liqawmin
لِقَوْمٍ
उन लोगों के लिए
yaʿlamūna
يَعْلَمُونَ
जो इल्म रखते हैं
वही है जिसने सूर्य को सर्वथा दीप्ति और चन्द्रमा का प्रकाश बनाया औऱ उनके लिए मंज़िलें निश्चित की, ताकि तुम वर्षों की गिनती और हिसाब मालूम कर लिया करो। अल्लाह ने यह सब कुछ सोद्देश्य ही पैदा किया है। वह अपनी निशानियों को उन लोगों के लिए खोल-खोलकर बयान करता है, जो जानना चाहें ([१०] युनुस: 5)
Tafseer (तफ़सीर )

اِنَّ فِى اخْتِلَافِ الَّيْلِ وَالنَّهَارِ وَمَا خَلَقَ اللّٰهُ فِى السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ لَاٰيٰتٍ لِّقَوْمٍ يَّتَّقُوْنَ ٦

inna
إِنَّ
बेशक
فِى
इख़्तिलाफ़ में
ikh'tilāfi
ٱخْتِلَٰفِ
इख़्तिलाफ़ में
al-layli
ٱلَّيْلِ
रात
wal-nahāri
وَٱلنَّهَارِ
और दिन के
wamā
وَمَا
और जो
khalaqa
خَلَقَ
पैदा किया
l-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह ने
فِى
आसमानों में
l-samāwāti
ٱلسَّمَٰوَٰتِ
आसमानों में
wal-arḍi
وَٱلْأَرْضِ
और ज़मीन में
laāyātin
لَءَايَٰتٍ
अलबत्ता निशानियाँ हैं
liqawmin
لِّقَوْمٍ
उन लोगों के लिए
yattaqūna
يَتَّقُونَ
जो डरते हैं
निस्संदेह रात और दिन के उलट-फेर में और जो कुछ अल्लाह ने आकाशों और धरती में पैदा किया उसमें डर रखनेवाले लोगों के लिए निशानियाँ है ([१०] युनुस: 6)
Tafseer (तफ़सीर )

اِنَّ الَّذِيْنَ لَا يَرْجُوْنَ لِقَاۤءَنَا وَرَضُوْا بِالْحَيٰوةِ الدُّنْيَا وَاطْمَـَٔنُّوْا بِهَا وَالَّذِيْنَ هُمْ عَنْ اٰيٰتِنَا غٰفِلُوْنَۙ ٧

inna
إِنَّ
बेशक
alladhīna
ٱلَّذِينَ
वो लोग जो
لَا
नहीं वो उम्मीद रखते
yarjūna
يَرْجُونَ
नहीं वो उम्मीद रखते
liqāanā
لِقَآءَنَا
हमारी मुलाक़ात की
waraḍū
وَرَضُوا۟
और वो राज़ी हो गए
bil-ḥayati
بِٱلْحَيَوٰةِ
ज़िन्दगी पर
l-dun'yā
ٱلدُّنْيَا
दुनिया की
wa-iṭ'ma-annū
وَٱطْمَأَنُّوا۟
और वो मुत्मइन हो गए
bihā
بِهَا
उस पर
wa-alladhīna
وَٱلَّذِينَ
और वो जो
hum
هُمْ
वो
ʿan
عَنْ
हमारी आयात से
āyātinā
ءَايَٰتِنَا
हमारी आयात से
ghāfilūna
غَٰفِلُونَ
ग़ाफ़िल हैं
रहे वे लोग जो हमसे मिलने की आशा नहीं रखते और सांसारिक जीवन ही पर निहाल हो गए है और उसी पर संतुष्ट हो बैठे, और जो हमारी निशानियों की ओर से असावधान है; ([१०] युनुस: 7)
Tafseer (तफ़सीर )

اُولٰۤىِٕكَ مَأْوٰىهُمُ النَّارُ بِمَا كَانُوْا يَكْسِبُوْنَ ٨

ulāika
أُو۟لَٰٓئِكَ
यही लोग हैं
mawāhumu
مَأْوَىٰهُمُ
ठिकाना उनका
l-nāru
ٱلنَّارُ
आग है
bimā
بِمَا
बवजह इसके जो
kānū
كَانُوا۟
थे वो
yaksibūna
يَكْسِبُونَ
वो कमाई करते
ऐसे लोगों का ठिकाना आग है, उसके बदले में जो वे कमाते रहे ([१०] युनुस: 8)
Tafseer (तफ़सीर )

اِنَّ الَّذِيْنَ اٰمَنُوْا وَعَمِلُوا الصّٰلِحٰتِ يَهْدِيْهِمْ رَبُّهُمْ بِاِيْمَانِهِمْۚ تَجْرِيْ مِنْ تَحْتِهِمُ الْاَنْهٰرُ فِيْ جَنّٰتِ النَّعِيْمِ ٩

inna
إِنَّ
बेशक
alladhīna
ٱلَّذِينَ
वो लोग जो
āmanū
ءَامَنُوا۟
ईमान लाए
waʿamilū
وَعَمِلُوا۟
और उन्होंने अमल किए
l-ṣāliḥāti
ٱلصَّٰلِحَٰتِ
नेक
yahdīhim
يَهْدِيهِمْ
रहनुमाई करेगा उनकी
rabbuhum
رَبُّهُم
रब उनका
biīmānihim
بِإِيمَٰنِهِمْۖ
बवजह उनके ईमान के
tajrī
تَجْرِى
बहती हैं
min
مِن
उनके नीचे से
taḥtihimu
تَحْتِهِمُ
उनके नीचे से
l-anhāru
ٱلْأَنْهَٰرُ
नहरें
فِى
बाग़ात में
jannāti
جَنَّٰتِ
बाग़ात में
l-naʿīmi
ٱلنَّعِيمِ
नेअमतों वाले
रहे वे लोग जो ईमान लाए और उन्होंने अच्छे कर्म किए, उनका रब उनके ईमान के कारण उनका मार्गदर्शन करेगा। उनके नेमत भरी जन्नतों में नहरें बह रही होगी ([१०] युनुस: 9)
Tafseer (तफ़सीर )
१०

دَعْوٰىهُمْ فِيْهَا سُبْحٰنَكَ اللهم وَتَحِيَّتُهُمْ فِيْهَا سَلٰمٌۚ وَاٰخِرُ دَعْوٰىهُمْ اَنِ الْحَمْدُ لِلّٰهِ رَبِّ الْعٰلَمِيْنَ ࣖ ١٠

daʿwāhum
دَعْوَىٰهُمْ
उनकी दुआ (होगी)
fīhā
فِيهَا
उसमें
sub'ḥānaka
سُبْحَٰنَكَ
पाक है तू
l-lahuma
ٱللَّهُمَّ
ऐ अल्लाह
wataḥiyyatuhum
وَتَحِيَّتُهُمْ
और दुआ उनकी
fīhā
فِيهَا
उसमें
salāmun
سَلَٰمٌۚ
सलाम (होगा)
waākhiru
وَءَاخِرُ
और आख़िरी
daʿwāhum
دَعْوَىٰهُمْ
पुकार उनकी (होगी)
ani
أَنِ
ये कि
l-ḥamdu
ٱلْحَمْدُ
सब तारीफ़
lillahi
لِلَّهِ
अल्लाह के लिए है
rabbi
رَبِّ
जो रब है
l-ʿālamīna
ٱلْعَٰلَمِينَ
तमाम जहानों का
वहाँ उनकी पुकार यह होगी कि 'महिमा है तेरी, ऐ अल्लाह!' और उनका पारस्परिक अभिवादन 'सलाम' होगा। और उनकी पुकार का अन्त इसपर होगा कि 'प्रशंसा अल्लाह ही के लिए है जो सारे संसार का रब है।' ([१०] युनुस: 10)
Tafseer (तफ़सीर )