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सूरा अल फातेहा - शब्द द्वारा शब्द

Al-Fatihah

(आरंभ)

bismillaahirrahmaanirrahiim

بِسْمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِيْمِ ١

bis'mi
بِسْمِ
साथ नाम
l-lahi
ٱللَّهِ
अल्लाह के
l-raḥmāni
ٱلرَّحْمَٰنِ
जो बहुत मेहरबान
l-raḥīmi
ٱلرَّحِيمِ
निहायत रहम करने वाला है
अल्लाह के नाम से जो बड़ा कृपालु और अत्यन्त दयावान हैं। ([१] अल फातेहा: 1)
Tafseer (तफ़सीर )

اَلْحَمْدُ لِلّٰهِ رَبِّ الْعٰلَمِيْنَۙ ٢

al-ḥamdu
ٱلْحَمْدُ
सब तारीफ़
lillahi
لِلَّهِ
अल्लाह के लिए है
rabbi
رَبِّ
जो रब है
l-ʿālamīna
ٱلْعَٰلَمِينَ
तमाम जहानों का
प्रशंसा अल्लाह ही के लिए हैं जो सारे संसार का रब हैं ([१] अल फातेहा: 2)
Tafseer (तफ़सीर )

الرَّحْمٰنِ الرَّحِيْمِۙ ٣

al-raḥmāni
ٱلرَّحْمَٰنِ
बहुत मेहरबान है
l-raḥīmi
ٱلرَّحِيمِ
निहायत रहम करने वाला है
बड़ा कृपालु, अत्यन्त दयावान हैं ([१] अल फातेहा: 3)
Tafseer (तफ़सीर )

مٰلِكِ يَوْمِ الدِّيْنِۗ ٤

māliki
مَٰلِكِ
मालिक है
yawmi
يَوْمِ
दिन का
l-dīni
ٱلدِّينِ
बदले के
बदला दिए जाने के दिन का मालिक हैं ([१] अल फातेहा: 4)
Tafseer (तफ़सीर )

اِيَّاكَ نَعْبُدُ وَاِيَّاكَ نَسْتَعِيْنُۗ ٥

iyyāka
إِيَّاكَ
सिर्फ़ तेरी ही
naʿbudu
نَعْبُدُ
हम इबादत करते हैं
wa-iyyāka
وَإِيَّاكَ
और सिर्फ़ तेरी ही
nastaʿīnu
نَسْتَعِينُ
हम मदद चाहते हैं
हम तेरी बन्दगी करते हैं और तुझी से मदद माँगते हैं ([१] अल फातेहा: 5)
Tafseer (तफ़सीर )

اِهْدِنَا الصِّرَاطَ الْمُسْتَقِيْمَ ۙ ٦

ih'dinā
ٱهْدِنَا
हिदयत दे हमें
l-ṣirāṭa
ٱلصِّرَٰطَ
रास्ते
l-mus'taqīma
ٱلْمُسْتَقِيمَ
सीधे की
हमें सीधे मार्ग पर चला ([१] अल फातेहा: 6)
Tafseer (तफ़सीर )

صِرَاطَ الَّذِيْنَ اَنْعَمْتَ عَلَيْهِمْ ەۙ غَيْرِ الْمَغْضُوْبِ عَلَيْهِمْ وَلَا الضَّاۤلِّيْنَ ࣖ ٧

ṣirāṭa
صِرَٰطَ
रास्ता
alladhīna
ٱلَّذِينَ
उनका
anʿamta
أَنْعَمْتَ
इनाम किया तूने
ʿalayhim
عَلَيْهِمْ
जिन पर
ghayri
غَيْرِ
ना
l-maghḍūbi
ٱلْمَغْضُوبِ
उनका जो ग़ज़ब किया गया
ʿalayhim
عَلَيْهِمْ
जिन पर
walā
وَلَا
और ना
l-ḍālīna
ٱلضَّآلِّينَ
उनका जो गुमराह हैं
उन लोगों के मार्ग पर जो तेरे कृपापात्र हुए, जो न प्रकोप के भागी हुए और न पथभ्रष्ट ([१] अल फातेहा: 7)
Tafseer (तफ़सीर )